नरेन्द्र दामोदरदास जी मोदी जैसा प्रधानमंत्री न तो आज तक इस धरती पर पैदा हुआ और मुझे अखंड विश्वास है कि न ही आगे कोई ऐसा पीएम होगा- ‘भूतो न भविष्यति
मैं दावे के साथ कहता हूं कि मोदी जी को उनके कामों के लिए याद रखा जाए या न रखा जाए।
लेकिन उनके अंदाज और उनके श्रेष्ठतम-सर्वोच्च श्रेणी वाले ज्ञान के लिए उन्हें कोई भुला नहीं पाएगा
इतिहास, भूगोल, गणित और विज्ञान में मोदीजी द्वारा किये गये अपूर्व योगदान को भुला पाना किसी के लिए संभव नहीं होगा। आपके समक्ष कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहा हूं ताकि आप मेरी बात पर विश्वास कर सकें
मोदी जी ने बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले वायुसेना के अफसरों को ज्ञान दिया कि घने बादल होने का हमें लाभ मिलेगा क्योंकि बादलों के ऊपर उड़ते हमारे लड़ाकू विमानों को दुश्मन के राडार पकड़ ही नहीं पाएंगे। मोदीजी की इस सलाह ने एयर स्ट्राइक को सफल बनाने में मदद की धन्यवाद प्रधानमंत्री जी
आपको याद होगा प्रचंड बहुमत मिलने के बाद विदेश दौरे पर गये मोदी जी ने एक बड़े प्रायोजित जलसे में ताल ठोंककर कहा था- ‘भारत के 600 करोड़ मतदाताओं ने हमारी पार्टी को वोट देकर हमारी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का काम किया है
जब तक मोदी जी ने यह नहीं बताया था कि निर्मला सीतारमण देश की प्रथम रक्षामंत्री हैं।
तब तक अज्ञानी लोग यही मानते रहे कि इंदिरा गांधी के नाम यह रिकॉर्ड है
किसी को पता ही नहीं था कि संत कबीर, गुरुनानक देव जी और बाबा गोरखनाथ मगहर में कबीर की झोंपड़ी के बाहर चबूतरे पर बैठकर आध्यात्मिक चर्चा किया करते थे।
इस सत्य से नरेन्द्र मोदी जी ने संसार को अवगत करवाया।
वो बात अलग है कि इन तीनों महान संतों की पैदाइश में दशकों का अंतर था।
मोदी जी ने अगर कहा कि तीनों साथ बैठते थे, तो बैठते थे।
अगर गलत कहा होता तो भक्त तालियां क्यों बजाते हैं जी
अच्छा सच बताना मोदी जी के बताने से पहले आपको यह जानकारी थी कि तक्षशिला बिहार में था- नहीं पता था ना।
लोग बेवजह आलोचना करते हैं, अरे भाई वो तक्षशिला कोई दूसरा होगा, जो अफगानिस्तान में था- मोदी जी झूठ क्यों बोलने लगे
मोदी जी ने देश को बताया कि शिमला समझौता इंदिरा गांधी और बेनजीर भुट्टों के बीच हुआ था।
कोई गलत साबित करके दिखाये कि बेनजीर भुट्टों उस समय वहां उपस्थित नहीं थीं।
अब वो बात दूसरी है कि समझौते पर हस्ताक्षर जुल्फिकार अली भुट्टो ने किये थे।
मोदी जी और भाजपा के आदर्श डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बारे में एक बड़ा राज खोलते हुए हमारे प्रधानमंत्री ने बताया कि डॉ. मुखर्जी के कहने पर ही क्रांतिवीर मदनलाल ढींगरा ने इंग्लैंड में कर्नल वायली की गोली मार कर हत्या की थी।
वैसे यह घटना 1 जुलाई 1909 की है
मोदी जी की बात को काटने का साहस मुझे में नहीं है।
फिर भी मैंने कहीं पढ़ा है कि जिस समय ढींगरा ने वायली को गोली मारी मुखर्जी साहब उस समय मात्र 8 वर्ष के थे।
वैसे कमाल है आठ साल के बच्चे के कहने पर ढींगरा ने इतना बड़ा क्रांतिकारी कदम उठाया- वाह कमाल! गजब
मोदी जी ने एक बार डॉ. मुखर्जी के बारे में एक और रहस्योद्घाटन करते हुए बताया था कि गुजरात की माटी के सपूत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्वामी विवेकानंद जी और स्वामी दयानंद सरस्वती जी से वार्तालाप किया करते थे
उनकी बात पर जिस तरह तालियां बजी थीं, उसकी गडग़ड़ाहट में कहने की हिम्मत तो हो नहीं रही है, फिर भी किताबों में लिखे ‘झूठ'को बता रहा हूं
किताबों के मुताबिक डॉ. मुखर्जी का जन्म गुजरात में नहीं बल्कि पं. बंगाल में सन् 1901 में हुआ था। दूसरी बात स्वामी जी विवेकानंद जी का स्वर्गवास 1902 में हो गया था
एक वर्ष के मुखर्जी से विवेकानंद क्या विचार-विमर्श करते थे,शोध का विषय है।
इससे आगे की बात स्वामी दयानंद सरस्वती का निधन 1883 में हुआ था- तो संभवत: उनकी आत्मा मुखर्जी के सम्पर्क में रही होगी
मोदी जी ने देश को अवगत कराया कि डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का सन् 1930 में इंग्लैंड में निधन हुआ और उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी अस्थिायों को आजाद भारत के कश्मीर में ले जाया जाये।
परन्तु पं. नेहरू ने ऐसा नहीं किया
वैसे भक्तों से डरते-डरते कह रहा हूं कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का निधन 1930 में इंग्लैंड में नहीं बल्कि कश्मीर में सन् 1953 में हुआ था।
जिन्हें लगता है मैं झूठ कह रहा हूं तो मोदी जी की बात मानें
अरे हां- मोदी जी ने ‘तथ्यÓ भी सार्वजनिक किया था कि उन्होंने 125 करोड़ लोगों को मकान की चाबियां सौंप दी हैं।
और 2022 तक 600 करोड़ परिवारों को घर बनाकर दे देंगे और यह भी कि उनके कहने पर 125 करोड़ परिवारों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी। वैसे देश में 25 करोड़ परिवार हैं और कुल आबादी 130 करोड़।
साहब ने बताया कि 1988 में e-mail किया करते थे।
यह अलग बात है कि भारत में internet 1995 में शुरू हुआ।अब साहब ने कहा तो किया ही होगा।
नाले की गैस से ठेले पे चाय बनती तो प्रभु दिव्यदर्शी सर्वदर्शी ही देख सकते हैं कोई मनुष्य देख पाया क्या ?
गणित का जो उन्होंने फॉर्मूला दिया, वह तो अद्भुत और अद्वितीय है - अरे भाई वही A²+B²² वाला। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह फॉर्मूला युगों-युगों तक गणितज्ञों को प्रेरित कर उन्हें उलझाए रखेगा।
ऐसा दिव्यज्ञान किसी और ज्ञानी के भेजे और ज्ञानकोष में आज तक न तो घुसा है न ही घुसा हुआ है न ही किसी भेजे पर कब्जा किया है।
सबसे अधिक dress sense, beauty consciousness, make-up consciousness, fashion consciousness रखने वाले सत्ताधीश(प्रधान से लेकर पीएम तक) के तौर पर भी याद किये जाएँगे।
आदिवासियों की कमर के नीचे पत्तों वाली dress फ़िलहाल तो .......
सच और झूठ की जहाँ भी जब भी बात होगी,वहाँ सबसे पहले इनको याद किया करेंगे।