दुबई के Spice Souk बाजार में आज जाना हुआ. इसके नाम से ही पता चल जाता है कि य़ह मसालों का बाजार होगा. सारे बाजार में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के Khabar के पठान नजर आए. यहां उन्हीं की दुकानें हैं. दर्जनों तरह के मसाले बेच रहे हैं. हर किसी का एक सवाल था- हिन्दुस्तान में पठान हैं? क्या वे पश्तो बोल लेते हैं? हमारे य़ह बताने पर कि भारत में पश्तो बोलने वाले पठान भी हैं, तो उनके चेहरे खिल जाते.
एक पठान ने हम से सरहदी O के बारे में पूछा. बादशाह खान को तो जानते होंगे? हमारा उत्तर था, सारा भारत उन्हें अपना नायक मानता है. वे हर एक हिन्दुस्तानी के दिल में हैं. य़ह सुनते ही उसने हमारे लिए पेप्सी की बोतल अपने मंगवाई .
सब भारत आने को उत्सुक. सब की चाहत मुंबई, दिल्ली और आगरा को देखने की. सुबह ही चला गया था. पता चला कि य़ह दिन में एक दो बजे के बाद गुलज़ार होने लगता है. इधर भारतीय नहीं मिले. कोई मलयाली भी नहीं मिला . वर्ना तो दुबई के हर कदम पर भारतीय हैं. यहां से कुछ खरीद दारी भी की. सबने डिस्काउंट दिया. डिस्काउंट के लिए भाव ताव भी नहीं किया .
यहां से निकलते हुए एक पठान दुकान दार ने कहा कि ये भी ले लो साहब. वह एक पैकेट में बंद मेवों/ मसालों का mixture था. हमने प्यार से मना किया. उसने धीरे से कहा, साहब, जवानी लौट आएगी. याद करोगे पठान को...! उसके चेहरे पर शरारती मुस्कान थी. हम ने उसे निराश ही किया. उससे विदा लेते समय वे पठान याद आने लगे जो दिल्ली में मजमा लगा कर ताकत की दवा बेचते थे. क्या आपको वे पठान याद हैं?