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जर्नलिस्ट क्लब आजमगढ़

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 जर्नलिस्ट क्लब ने आजमगढ़ के सांस्कृतिक और सामाजिक विकास को लेकर दिया डीएम को ज्ञापन


० राजकीय संग्रहालय के लिए डीएम ने दी सैद्धांतिक सहमति।


० अन्य दो मांगों को लेकर शासन को भेजा जाएगा यह मांगपत्र।


आज़मगढ। जर्नलिस्ट क्लब ने आज 6 जनवरी को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारी आज़मगढ से मुलाकात की। मुलाक़ात के दरम्यान क्लब की तरफ से जनहित से जुड़ी मुख्यमंत्री को संबोधित एक तीन सूत्रीय मांगपत्र जिलाधिकारी को दिया गया। जर्नलिस्ट क्लब के संयोजक डा अरविन्द सिंह ने जिलाधिकारी के समक्ष तीनों मांगों को विस्तार से रखा। जिसे जिलाधिकारी ने 

 बड़े आत्मीयता से न केवल सुना, बल्कि जनहित की इन मांगों को उचित करार देते हुए पूरा कराने में अपना पूरा सहयोग देने का भी आश्वासन दिया। क्लब की मांगों के रूप में-

1-  आजमगढ़ के पौराणिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यटन से जुड़े प्रतीक चिन्हों, दुर्लभ पौराणिक चिन्हों, स्वतंत्रता आंदोलन के दृश्यों के संकलन के हेतु मंडल मुख्यालय पर एक "राजकीय संग्रहालय"का निर्माण कराया जाए, 


2- स्वतंत्रता आंदोलन के कालखंड के दृश्यों और घटनाओं को  'लाइट एंड साउंड प्रोग्राम'के माध्यम से दृश्यांकन हेतु परियोजना बनाई और संचालित की जाए। हमारी यह मान्यता है कि यह प्रयास आजमगढ़ के समृद्ध इतिहास को संजोने, उसे जानने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। 


3- आजमगढ़ की पौराणिकता, ऐतिहासिकता, साहित्यिकता और आजादी के आंदोलन में योगदान आदि विषयों पर गहन अध्ययन के लिए उच्च शिक्षा विभाग और  कुलपति- महाराजा सुहेल देव राज्य विश्वविद्यालय आज़मगढ़ को आदेशित करें कि


   -(1)महापंडित राहुल सांकृत्यायन शोधपीठ, (2)- गुरुभक्त सिंह भक्त शोध पीठ, (3)-अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध शोध पीठ (4) कैफ़ी आज़मी शोधपीठ की स्थापना और संचालन  करें।'

आदि थी। उपजा के मंडल अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने स्थानीय अखबारों को प्रोत्साहित करने की मांग रखी, मांगपत्र देकर स्थानीय समाचार-पत्रों की मदद करने का निवेदन किया।  जिसे जर्नलिस्ट क्लब ने भी समर्थन किया।

इस अवसर पर क्लब के संयोजक डा अरविन्द सिंह ने कहा कि - आजमगढ़ का इतिहास बहुत समृद्ध है।  हम सभी आजमगढ़ की सांस्कृतिक विरासत, पौराणिक, ऐतिहासिक महत्व और पुरातात्त्विक, पर्यटन तथा स्वतंत्रता आंदोलन के ऐतिहासिक प्रतीकों, चिन्हों, विरासतों और दुर्लभ प्रतीकों के संरक्षण को लेकर चिंतित हैं। हम, हमारी सांस्कृतिक विरासत और पहचान को संजोने को लेकर चिंतित हैं। जिसको लेकर हमने शासन और प्रशासन को अवगत कराया है।

हमारी मांगे आजमगढ़ को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करने वाली हैं। जिलाधिकारी ने संग्रहालय निर्माण की हमारी पहली मांग के लिए कला भवन में एक सभागार आरक्षित कर उसे संग्रहालय के रूप में विकसित करने का वायदा किया। तथा शेष दोनों को अविलंब शासन को भेजने का आश्वासन दिया।


      इस अवसर पर प्रशांत राय, अरविन्द पाण्डेय, जितेन्द्र पांडित्य, अच्युतानन्द तिवारी, शरद सिंह, पंचानंद तिवारी, सोनू सेठ, मानव श्, राकेश वर्मा, प्रदीप यादव, पुष्कर कुशवाहा, आदि लोग उपस्थित थे।





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