फेसबुक केवल लेखकों का मंच नहीं है । इस पर पाठक , प्रशंसक , संज्ञानक , साझक और टिप्पणीकार भी समान रूप से सक्रिय हैं । जो लिखते नहीं हैं , वे भी इन रूपों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं । चित्रकला और फोटोग्राफी के जरिए अपने आपको अभिव्यक्त करने वाले भी खूब हैं । अपने और दूसरे के चित्र , विचार और समाचार साझा करने वाले भी कम नहीं हैं । फिल्म , क्रिकेट , राजनीति और समाज के नायकों से लेकर धर्म और संप्रदाय के भगवानों और रहनुमाओं तक का भी यहाँ बोलबाला है । जन्म , मुंडन , छेदन , विवाह , वर्षगाँठ , हारी , बीमारी , मृत्यु और पुण्यतिथि तक के सचित्र समाचार भी अपनी छटा बिखेरे रहते हैं ....
फेसबुक एक ऐसी #चौपाल है , जो समाज के हर वर्ग का #प्रतिनिधित्व करने के साथ साथ उन्हें #अभिव्यक्ति और #संवाद का #उन्मुक्त_मंच प्रदान करता है । इसमें आप दूसरों को देखते और सुनते हैं , अपने आपको दिखाते और सुनाते हैं । जिनसे चाहते हैं , उनसे संवाद करते हैं और जिन्हें नहीं चाहते , उन्हें अपने वृत्त से बाहर कर देते हैं ....
यह लोकतंत्र का ऐसा #मेला है , जहाँ #भीड़_में_रहकर भी #हर_व्यक्ति_अकेला_है ....
#अकेला , किन्तु #महत्वपूर्ण ....