स्नेहिल व्यक्तित्व एवं विलक्षण प्रतिभा के साहसी अधिकारी
सुनील कुमार पुलिस उप महानिरीक्षक,
(केरिपु.बल*CRPF )
प्रस्तुति : रूपक़ सिन्हा
दिनांक 19.09.1968 को बिहार राज्य के भागलपुर जिले में जन्में पटना निवासी श्री सुनील कुमार पुत्र स्व. श्री राम बृक्ष प्रसाद एवं श्रीमती शान्ति देवी ने स्नातक उपाधि प्राप्त करने के उपरान्त, भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सबसे पुराने एवं बड़े आंतरिक सुरक्षा बल यानि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में सीधे नियुक्त राजपत्रित अधिकारी के तौर पर दिसम्बर 1994 से बतौर सहायक कमाण्डेंट अपनी सेवाएं प्रारम्भ की तथा अपने इस 27 वर्षों से अधिक के सेवाकाल के दौरान देश के विभिन्न दुर्गम/अतिदुर्गम/कठिन एवं अशांत क्षेत्रों चाहे वह उग्रवाद से ग्रसित पूर्वोत्तर क्षेत्र हो या जम्मू एवं कश्मीर या नक्सलवाद से ग्रसित एल0डब्ल्यू0ई0 का एरिया हो या कानून एवं व्यवस्था से जूझ रहे देश के अन्य क्षेत्र हों, में विभिन्न पदों पर तैनात रहकर समवाय एवं बटालियनों का केन्द्रीय रिवर्ज पुलिस बल के मापदण्डों के अनुसार कुशल नेतृत्व के द्वारा केरिपु.बल एवं देश की गरिमा को उच्चतम स्तर पर ले जाने का सफल प्रयास किया है।
श्री कुमार जो कि वर्तमान में मध्य सेक्टर मुख्यालय केरिपु.बल लखनऊ में पुलिस उप महानिरीक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं ने अपने ढाई दशकों से अधिक के शानदार कैरियर में, ज्यादातर देश के आतंकवाद, उग्रवाद एवं नक्सल प्रभावित प्रान्तों जैसे जम्मू-कश्मीर, असम, उड़ीसा, बिहार, नागालैंड, त्रिपुरा, गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे अतिदुर्गम, कठिन एवं अशांत क्षेत्रों में विभिन्न पदों पर तैनात रहकर अपनी व्यावसायिक दक्षता व कुशल नेतृत्व के द्वारा देश की एकता एवं अखण्डता को कामय रखने हेतु अपनी बेहतरीन सेवाएं इस देश के लिए दी है।
बतौर सहायक कमाण्डेंट श्री कुमार प्रारम्भ में जम्मू एवं कश्मीर के श्रीनगर, डोडा और बड़गांव जैसे अति संवेदनशील एवं सबसे अधिक आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में अपनी उत्कृष्ट सेवाएं दी तथा आतंकवाद के खिलाफ चलाये गये अनगिनत अभियानों का पूरी कुशलता के साथ नेतृत्व किया तथा आतंकवादी घटनाओं को सफलतापूर्वक कम करने हेतु तैनाती क्षेत्रों में शांति कायम करने में अहम भूमिका निभाई।
श्री कुमार ने बतौर उप कमाण्डेंट 100 आर.ए.एफ. बटालियन में गुजरात में तैनाती के दौरान गोधरा काण्ड के उपरान्त भड़के हिंसक दंगो को अपनी टीम के साथ कुशल नेतृत्व, व्यावसायिक दक्षता व प्रशिक्षण के समग्र अनुभव का प्रयोग करते हुए सूरत में 48 घण्टें के भीतर कानून एवं व्यवस्था को बहाल करने में अहम भूमिका निभाई जिसकी प्रशंसा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात द्वारा की गई। वर्श 2001 में गुजरात में आये विनाशकारी भूकम्प के दौरान अहमदाबाद में श्री कुमार ने अपनी टीम के साथ मिलकर अपनी जान जोखिम में डालते हुए 74 नागरिकों की अमूल्य जान बचाई जिसकी सराहना स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के उच्चाधिकारियों द्वारा भी की गई।