अथाह समुद्र की गर्जना और लहरों का ज्वार-भाटा भीतर तक सिहरन पैदा कर देता है..!
० उत्तर भारत धर्म की अफीम चाटता सियासत में मशगूल रहा, इधर दक्षिण भारत विज्ञान और धर्म के समन्वय से चांद पर झंडा गाड़ दिया।
-त्रिवेंद्रम से डॉ अरविन्द सिंह
यह भारत की मुख्य भूमि से लगभग 3500 किमी सुदूर दक्षिणी-पश्चिमी समुद्र तटीय क्षेत्र-त्रावरणकोर है। जहां तक नज़रें जा रही हैं, अथाह समुद्र की गर्जना और लहरों का ज्वार-भाटा, भीतर तक सिहरन पैदा कर रहा है। भय और विस्मयकारी अनुभूतियां। खासतौर पर हम जैसे उत्तर भारतीयों के लिए। बोली-भाषा, खान-पान, रहन-सहन और संस्कृतियों में भी अंतर । हम उत्तर भारतीय आर्य संस्कृति तो ये दक्षिण भारतीय द्रविड़ संस्कृति के अनुसार जीवन जीते हैं। यह अलग बात है कि केरल में मिश्रित संस्कृति है। अंग्रेजी हुकूमत के कारण यहां ईसाइयत भी है और इस्लामिक भी। इसी के साथ हिन्दू धर्म को मानने वालों की आबादी भी बड़ी संख्या में है। यहीं केरल गांव कालडी से निकल एक किशोरवय संन्यासी दक्षिण से उत्तर की यात्रा करता है। और बौद्ध धर्म के बढ़ते तेज को निस्तेज कर पुनः सनातन धर्म को स्थापित करता है। जो आदिशंकराचार्य के नाम से दुनिया में धर्म और दर्शन के महान दार्शनिक के रूप में विख्यात हुए। जिसने हिन्दू धर्म के पताका को देश के चारों कोनों में फहराया । सनातन या वैदिक धर्म के चारों पीठों को स्थापित कर धर्म-को नई ऊर्जा दी। अद्वैत वेदांत दर्शन के व्याख्याता आदि शंकराचार्य ने दक्षिण से उत्तर जाकर मंडन मिश्र और उनकी पत्नी सरस्वती से शास्त्रार्थ भी किया था।
यहां के मंदिरों की बनावट और वास्तु द्रविड़ संस्कृति के अनुसार है। धर्म-कर्म में शायद उत्तर भारत से कम भी नहीं हैं। बहुत खुले मस्तिष्क वाला समाज है। जो धर्मभीरु भी है और तार्किक भी। विज्ञान और धर्म दोनों को एक दूसरे का विरोधी नहीं बल्कि पूरक मानता है। यही कारण है कि दुनिया की पुरानी वेधशालाएं और स्पेस साइंस से जुड़े केंद्र यहां पर हैं। उत्तर भारतीयों में खासतौर पर हिंदी हाटलैंड में जब सियास, समाज की मुख्य धारा बनती जा रही है तो ऐसे समय में भी दक्षिण में विज्ञान और तर्क मुख्य धारा में है।
जिसका परिणाम स्पेस साइंस में भारत की नई उड़ान देख सकते हैं, उसमें दक्षिण भारत की वेधशालाओं और वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। चन्द्रमा के दक्षिणी छोर पर चन्द्रयान-3 का पहुंचना भी उसी अनथक परिश्रम की देन है।
जब घर से चला था तो देशभर में इंडिया और भारत को लेकर बहस चल रही थी। और विपक्षियों के नये गठबंधन इंडिया के सहायक दल सपा- प्रत्याशी सुधाकर सिंह, एनडीए के मुख्य दल बीजेपी के प्रत्याशी दारा सिंह चौहान की उत्तर प्रदेश के घोसी सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना चल रही थी। देशभर में इंडिया और एनडीए के सियासी 2024 के महासमर की पहली प्रयोगशाला के तौर पर इसे देखा जा रहा था। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा था इंडिया का मत प्रतिशत एनडीए से बढ़ता जा रहा था, शाम होते होते पता चला 42 हजार से ज्यादा मतों से इंडिया के सहायक दल सपा- के प्रत्याशी सुधाकर सिंह जीत गयें। हालांकि एनडीए प्रत्याशी दारा चौहान के प्रचार में डिप्टी मुख्यमंत्री समेत26 मंत्री और 60 विधायकों ने पूरी ताकत लगा दी थी। ओम प्रकाश राजभर और निषाद जैसे जाति आधारित सियासी सौदागरों की भी कलई खुल गई।
लेकिन सच तो यह है कि -यह सियासत है, जितना समझ में आती है..उतना नहीं समझ में नहीं आती है। इसे 2024 का पूर्वानुमान लगा लेना चूने को दही समझ निगल लेना है।
बहरहाल,केरल राज्य की राजधानी तिरुवनन्तपुरम्, जिसे अंग्रेजों के आने के बाद त्रिवेंद्रम (ट्रिवाइन्ड्रम) भी कहा गया, के शंखमुखम बिच पर देश के सबसे पुराने काफी हाउस जिसे ओल्ड काफी हाउस कहा जाता है, में बैठे काफी पी रहे हैं। बड़ी बहन के एलोपैथिक में लाइलाज हो चुके रोग ALS( Amyotrophic lateral sclerosis- nervous system disease that affects nerve cells in the brain and spinal cord. ALS causes loss of muscle control.)
के निदान के लिए हम पिछले शुक्रवार को वाराणसी से दिल्ली और फिर दिल्ली से त्रिवेंद्रम रात्रि को डेढ़ बजे फ्लाइट से पहुंचे। हालांकि टिकट के हिसाब से इंडिगो की इस उड़ान को रात 11:20 बजे ही पहुंचना था। लेकिन इन दिनों दिल्ली अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में है। जी-20 की मेजबानी के कारण। जब हम शुक्रवार को दिल्ली में घरेलू उड़ान से 2:30 बजे दोपहर पहुंच गये तो बताया गया था की अगली उड़ान 8:20 बजे रात को है। लेकिन यह उड़ान जी-20 में आ रहे विदेशी मेहमानों के आगमन से हुएं एयर ट्रैफिक में घरेलू उड़ानों को विलंब करना पड़ा। जिसके कारण हमारी उड़ान दो घंटे विलम्ब से यानि 10:30 बजे हुई। वैसे हम अपनी फ्लाइट में जब बैठने रनवे पर जा रहे थे तो ठीक सामने युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका लिखी एयर क्राफ्ट दिखाई दिया। शायद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडल की एयर क्राफ्ट थी।
(क्रमशः)
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और लेखक है)
Everyone Highlight