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50 साल के बाद फिर महासंग्राम :चेहरे बदल गये मगर समस्याऐं नहीं

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 महासंग्राम का शंखनाद  3 मार्च को पटना में  ।/ नवलेश बर्थवार 

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18 मार्च 1974 को बिहार की धरती से छात्र जन आंदोलन  का शंखनाद किया गया था ।मंहगाई भ्रष्टाचार, बेरोजगारी ,

शिक्षा नीति में बदलाव के मांग को लेकर शरू हुआ जनांदोलन 

सत्ता परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त किया था । केंद्र सहित 16 राज्यों में सता परिवर्तन हुऐ और जनता दल की सरकार बनी 

थी । इस बार तिथि बदल गई है। 3 मार्च को भरत जोड़ों यात्रा और जन विश्वास यात्रा का मिलन पटना में एक विशाल रैली के 

रूप में होगा और राजनीतिक महासंग्राम का शंखनाद होगा ।इस रैली में भाकपा माले  ,भाकपा, माकपा, कौंग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के लाखों कार्य कर्ता और नेता के शामिल होने के साथ राहुल गांधी भी शिरकत करेंगे ।

परिस्थितियां वही है पर राजनीतिक परिदृश्य में आंदोलन के पात्र बदले बदले नजर आने लगे हैं।  उन दिनों कौंग्रेस के विरुद्ध आंदोलन शरू किया गया था और बाम दल उनके सहयोगी बन बैठे थे । राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव, मुख्य मंत्री नीतीश कुमार, वशिष्ठ नारायणन सिंह ,

विजय कृष्न ,सुशील मोदी, आदि नेताओं ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण के अगुआई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।  12 अप्रैल 1974 को गया गोलीकांड और 25 जून 1975 को प्रधानमंत्री  इंदिरा गांधी द्वारा लाए गए आपातकाल इस आंदोलन को प्रज्वलित किया था । 1974 में जिन लोगों के विरुद्ध आंदोलन किया गया था आज वही कौंग्रेस और बाम दल को साथ लेकर चलने का फैसला लिया गया है  ।इसका परिणाम तो अभी भविष्य के गर्त में छिपा हुआ है  ।

इस बार यह आंदोलन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सत्ता परिवर्तन किए जाने और इन्डिया गठबन्धन से नाता तोड़कर ऐन डी ए  में वापसी होने से आंदोलन की स्थिति उत्पन्न हुई है। 

पूर्व उप मुख्य। नेत्री तेजस्वी यादव ने जन विश्वास यात्रा का शुभारम्भ मुजफ्फर पूर से शरू की है और बिहार के जिलों का दौरा करते हुऐ 3 मार्च को पटना के गांधी मैदान में विशाल रैली के रूप मे परिणत हो जायेगी और महा संग्राम का शंखनाद किया जाएगा ।

जनमत का अनादर कर पलटी मारने का मुख्य मुद्दा बनेगा ।इस संघर्ष के माध्यम से भाजपा मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने का संकल्प लेकर रैली में शामिल लोग कि घर वापसी होगी ।हालाकि राहुल गांधी का भारत जोड़ों न्याय यात्रा जारी रखेंगे और 20 मार्च को महाराष्ट्र में इसका समान होगा ।हालंकि नेतृत्व को लेकर और शीट शेरिंग को लेकर कई राज्यों में ऊहापोह की स्थिति बरकरार है  । बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि इन्डिया गठबन्धन में कुछ भी नहीं हो रहा  । हालंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने और विपक्ष को एक जुट करने के उद्देश्य को लेकर ऐन डी ए छोड़कर महा गठबन्धन में शामिल हुऐ ।

इन्डिया गठबन्धन के सूत्रधार बने । 17 महीना का कार्य काल में कई महत्वपूर्ण फैसला किया और देश के राजनीतिक क्षितिज पर आ गए  ।पर अकस्मात ऐन डी में शामिल होकर बिहार में सत्ता परिवर्तन करना विपक्षियों को रास नहीं आ रहा और अब वह चुनाव को चुनौती मानकर संघर्ष की रणनीति तैय्यार करने में व्यस्त है  ।

भारत जोड़ों यात्रा के बाद अब बिहार में शरू हुआ जन

विश्वाश यात्रा  ।बिहार मे सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व उप मुख्य मंत्री तेजस्वी यादव ने इस राजनीतिक यात्रा का शुभारम्भ मुजफ्फर पूर से शरू की है । दोनों यात्राओं का मकसद एक है ।केंद्र और राज्यों से भाजपा शासन से मुक्ति दिलाना  ।यह बात दीगर है कि तेजस्वी यादव का यह यात्रा बिहार तक सीमित रहेगा  ।पर हर जगह विश्वास यात्रा को लेकर उत्साह और उमंग का  माहौल देखा जा रहा  ।अपार जनसैलाब तेजस्वी यादव को देखने और उनकी बातों को सुनने के लिए उमड़ रही है  ।जिसे देख कर भाजपा और जनता दल यू की बेचैनी स्वाभाविक है। 2020 में राष्ट्रीय जनता दल  बहुमत की आकड़ा नहीं मिल सका उसे 114 सीट पाकर संतोष करना पड़ा  ।पर शीटों पर चुनाव परिणाम को लेकर विवाद गहराता रहा ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यू भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा पर वह 45 शीटों पर ही सिमट गई ।17 महिना महा गठबन्धन के साथ रह कर मुख्यमंत्री पद पर बने रहे  ।फिर पलटी मार कर भाजपा के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुऐ हैं  ।यदि राजनीति करवट न ले और फिर मुख्यमंत्री पलटी न मारे तो 2024 का लोक सभा चुनाव और 

2025 में विधानसभा का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है  ।

तेजस्वी यादव अपने विश्वास यात्रा में बेहिचक इन बातों का चर्चा कर कहते हैं कि 17 माह के शासन काल में जो काम हुआ वह 17 साल के अपने कार्य काल  में मुख्यमंत्री मंत्री कुमार नहीं कर सके ।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास न तो कोई 

विजन है और न सत्ता परिवर्तन का  कोई रीजन  । इस बार जनता को फैसला लेना है कि वो किसका साथ देंगे ।हालंकि जनता का फैसला आने वाले चुनाव परिणाम के बाद पता चल 

पायेगा पर जन विश्वास यात्रा उमड़ रहा जनसैलाब भाजपा और जनता दल यू को बेचैन करने वाली है  ।और उनके लिए यह शुभ संकेत नहीं  ।


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