![]() | इस लेख में सन्दर्भया सूत्रनहीं दिए गए हैं। कृपया विश्वसनीय सूत्रों के सन्दर्भ जोड़कर इस लेख में सुधार करें। बिना सूत्रों की सामग्री को हटाया जा सकता है। (July 2009) |
आवृत्ति | पाक्षिक |
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प्रसार | १.४ लाख |
प्रथम संस्करण | १९५२[1] |
कंपनी | Worldwide Media |
भाषा | अंग्रेज़ी |
जालस्थल | filmfare.com |
यह पत्रिका 'फ़िल्मफ़ेर अवॉर्ड्स' (Filmfare Awards)और 'फ़िल्मफ़ेर अवॉर्ड्स साउथ' (Filmfare Awards South) का आयोजन और प्रायोजन करती है.
पत्रिका
फ़िल्मफ़ेरभारत की सबसे पुरानी फ़िल्म पत्रिका है, और इसके द्वारा प्रायोजित अवॉर्ड्स भी सबसे पुराने पुरस्कार हैं। पहले यह, मीड़िया सेवाओं में कार्यरत भारत के सबसे बड़े समूह 'द टाइम्स ग्रूप'का ही एक हिस्सा थी, जो द टाईम्स ऑफ़ इंडिया, दि इकनौमिक टाइम्स, नवभारत टाइम्सऔर महाराष्ट्र टाइम्सभी प्रकाशित करते हैं। 2005 में, फ़िल्मफ़ेरऔर कुछ अन्य प्रकाशन, ख़ासकर फ़ेमिना , का बंटवारा एक उप-कंपनी में हुआ। नई कंपनी वर्ल्डवाइड मीड़िया, टाइम्स समूह और बीबीसी वर्ल्डवाइड के प्रकाशन विभाग बीबीसी मैगेज़ींसके बीच 50:50 की साझेदारी से बनी संयुक्त कंपनी है।2008 के शुरुआत में पत्रिका ने अपने रूप-रंग और प्रकाशन की समय-सारिणी में परिवर्तन किया. फिर माह के हर 15 दिनों में फ़िल्मफ़ेर का प्रकाशन होने लगा, और श्री जितेश पिल्लई के संपादकत्त्व में इसकी पूरी रूपरेखा और नियमित विभागों का आधुनिकीकरण होता रहा है। आज भी इसमें तसवीरों को व्यापक रूप से प्रस्तुत करने का काम जारी है। इसके लेखकगण में अनुराधा चौधरी, संगीता ऐंजेला कुमार और फ़हीम रुहानी शामिल हैं।
फ़िल्मफ़ेर ने फ़िल्मों के लिए, फ़िल्म-प्रेमियों की राय पर आधारित दो अवॉर्ड्स प्रस्तुत किये हैं: हिंदीफ़िल्मों के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, और कन्नड़, मलयालम, तमिलऔर तेलुगु भाषा की फ़िल्मों के लिए फ़िल्मफ़ेर अवॉर्ड्स साउथ।
नियमित विभाग
- आई स्पाय - इस विभाग में हिंदी फ़िल्म जगत के अभिनेता/अभिनेत्रियों के बीच होते झगड़े, बहुचर्चित गपशप, और छोटी-मोटी अफ़वाहें जैसी ताज़ा खबरों को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
- बिग टिकेट - इस विभाग में आने वाली और रिलीज़ हुई फ़िल्मों की समीक्षा की जाती है और चूंकि फ़िल्म-प्रेमी और फ़िल्म-निर्माता दोनों ये जानने को उत्सुक रहते हैं कि यह दमदार पत्रिका उनकी फ़िल्मों के प्रति क्या राय रखती है इसलिए यह विभाग दोनों वर्गों में अत्यंत लोकप्रिय है. बिलकुल अपनी शैली के अनुरूप, फ़िल्मफ़ेरमें छपने वाले पूर्वावलोकन व समीक्षाएं संक्षिप्त और रोचक होतीं हैं, ताकि साथ छपी तसवीरें ही सारी बातें ज़ाहिर कर सकें।
- फ़ैशन प्ले - लेख-संपादिका संगीता ऐंजेला कुमार का कहना है कि फ़िल्म-जगत के सभी सितारे इस विभाग को पढ़ते हैं क्योंकि इस विभाग में हिंदी फ़िल्म की पलटन की फ़ैशन संबंधी जानकारी का ताज़ा आंकलन किया जाता है।[कृपया उद्धरण जोड़ें]सितारों को फ़ैशन-संबंधी उनकी अपनी समझ के मुताबिक़ बड़ी प्रमुखता से 'हॉट'या 'नहीं'घोषित किया जाता है।
- फ़ोटो शूट्स - फ़िल्मफ़ेर के 'फ़ोटो शूट्स'विभाग में छपने वाली तसवीरें मुन्ना एस, दब्बू रत्नानी और अतुल कसबेकर इत्यादि फ़ोटोग्राफ़र्स द्वारा खींची हुईं और अकसर किसी ख़ास विषय पर आधारित होतीं हैं।
- फ़्यूचर स्टॉक - इस विभाग में कलाकारों, संगीतकारों, या निर्देशकों की नई पीढ़ी के उभरते नन्हें सितारे, और आगामी दिग्गजों की तक़दीर की भविष्यवाणी की जाती है।
- जेन नेक्स्ट - इसमें आम तौर पर युवा पीढ़ी के सितारों के बारे में यहाँ-वहाँ से संग्रहित कुछ सच्ची-झूठी बातों का ख़ुलासा किया जाता है।
इन्हें भी देखें
- फ़िल्मफ़ेर अवॉर्ड्स
- फ़िल्मफ़ेर अवॉर्ड्स साउथ
- भारतीय सिनेमा
संदर्भ
- Press in India, Issue 33. Office of the Registrar of Newspapers. 1989. pp. 75.