प्रस्तुति- रेणु दत्ता
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महानिदेशालय, आकाशवाणी प्रसार भारती के तहत कार्य करता है। प्रसार भारतीय मंडल संगठन की नीतियों के निर्धारण और कार्यान्वयन शीर्ष स्तर पर सुनिश्चित करता है और प्रसार भारती अधिनियम, 1990 के संदर्भ में अधिदेश को पूरा करता है। कार्यपालक सदस्य निगम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) के रूप में मंडल के नियंत्रण और पर्यवेक्षण हेतु कार्य कारते हैं। सीईओ, सदस्य (वित्त) और सदस्य, (कार्मिक) प्रसार भारती मुख्यालय, द्वितीय तल, पीटीआई भवन, संसद मार्ग, नई दिल्ली-110001 से अपने कार्यों का निष्पादन करते हैं।
वित्त, प्रशासन और कार्मिकों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मामले सीईओ के पास भेजे जाते हैं और आवश्यकतानुसार सदस्य (वित्त) और सदस्य (कार्मिक) के माध्यम से मंडल को भेजे जाते हैं, ताकि सलाह, प्रस्तावों का कार्यान्वयन और उन पर निर्णय लिए जा सके। प्रसार भारती सचिवालय में कार्यरत विभिन्न विषयों के अधिकारी सीईओ, सदस्य (वित्त) और सदस्य (कार्मिक) को कार्रवाई, प्रचालन, योजना और नीति कार्यान्वयन के समेकन में सहायता देते हैं और साथ ही निगम के बजट, लेखा और सामान्य वित्तीय मामलों की देखभाल करते हैं।प्रसार भारती में मुख्य सतर्कता अधिकारी के नेतृत्व में मुख्यालय के एक एकीकृत सतर्कता व्यवस्था भी है।
आकाशवाणी के महानिदेशालय का नेतृत्व महानिदेशक करते हैं। वे सीईओ सदस्य (वित्त) और सदस्य (कार्मिक) के सहयोग से आकाशवाणी के दैनिक मामलों का निपटान करते हैं। आकाशवाणी में मोटे तौर पर पांच अलग अलग विंग हैं जो विशिष्ट गतिविधियों के लिए उत्तरदायी हैं जैसे कार्यक्रम, अभियांत्रिकी, प्रशासन, वित्त और समाचार।
अनुक्रम
कार्यक्रम विंग
मुख्यालय में महानिदेशक की सहायता उप महानिदेशक करते हैं तथा स्टेशनों के बेहतर पर्यवेक्षण के लिए क्षेत्रों में उप महानिदेशक करते हैं, क्षेत्रीय उप महानिदेशक के कार्यालय कोलकाता (ईआर), मुम्बई और अहमदाबाद (डब्ल्यूआर), लखनऊ (सीआर-I), भोपाल (सीआर-II), गुवाहाटी (एनईआर), चेन्नई (एसआर-I), बंगलूर (एसआर-II), दिल्ली (एनआर-I) और चंडीगढ़ (एनआर-II) में स्थित हैं। अभियांत्रिक विंगआकाशवाणी के तकनीकी मामलों के संदर्भ में महानिदेशक की सहायता मुख्यालय में तैनात मुख्य अभियंता तथा इंजीनियर इन चीफ द्वारा और जोनल मुख्य अभियंताओं द्वारा की जाती है। इसके अतिरिक्त मुख्यालय में आकाशवाणी की विकास संबंधी योजनाओं के संदर्भ में महानिदेशक की सहायता के लिए मुख्यालय में योजना और विकास इकाई है। सिविल निर्माण गतिविधियों के संदर्भ में महानिदेशक की सहायता सिविल निर्माण विंग द्वारा की जाती है, जिसका नेतृत्व मुख्य अभियंता करते हैं। दूरदर्शन की जरूरतों को भी सिविल निर्माण विंग पूरा करता है।
प्रशासनिक विंग
एक उपमहा निदेशक (प्रशासन) महानिदेशक को प्रशासन संबंधी सभी मामलों में सलाह देते हैं जबकि उप महानिदेशक (कार्यक्रम) कार्यक्रम कार्मिकों के प्रशासन में महानिदेशक को सहायता देते हैं। एक निदेशक आकाशवाणी के अभियांत्रिकी प्रशासन की देखभाल करते हैं जबकि एक अन्य निदेशक (प्रशासन और वित्त) प्रशासन तथा वित्त के मामलों में महानिदेशक की सहायता करते हैं। सुरक्षा विंगआकाशवाणी की संस्थापनाओं, ट्रांसमीटरों, स्टूडियो, कार्यालयों आदि की सुरक्षा तथा निरापदता के साथ जुड़े मामलों पर महानिदेशक की सहायता एक उपमहानिदेशक (सुरक्षा), सहायक महा निदेशक (सुरक्षा) और एक उप निदेशक (सुरक्षा) करते हैं। श्रोता अनुसंधान विंग
आकाशवाणी को सभी स्टेशनों द्वारा कार्यक्रमों के प्रसारण पर श्रोता अनुसंधान के सर्वेक्षण करने के लिए महानिदेशक की सहायता निदेशक, श्रोता अनुसंधान करते हैं।
गतिविधियां
अलग अलग कार्यों के लिए अनेक अधीनस्थ कार्यालय हैं, जो नीचे दिए गए विवरण के अनुसार गतिविधियां करते हैं।समाचार सेवा प्रभाग
समाचार सेवा प्रभाग 24 घण्टे कार्य करता है और यह स्वदेशी तथा बाह्य सेवाओं में 500 से अधिक समाचार बुलेटिन का प्रसारण करता है। ये बुलेटिन भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में होते हैं। इसका नेतृत्व महानिदेशक, समाचार सेवा करते हैं। यहां 44 क्षेत्रीय समाचार इकाइयां हैं। विदेशी सेवा प्रभागआकाशवाणी का विदेशी सेवा प्रभाग वॉइस ऑफ द नेशनके रूप में भारत के विषय में दुनिया के लिए एक विश्वसनीय समाचार स्रोतहै। दुनिया में भारत के बढ़ते महत्व को देखते हुए आने वाले समय में विदेशी प्रसारण के लिए इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। आकाशवाणी का विदेशी सेवा प्रभाग 16 विदेशी भाषाओं और 11 भारतीय भाषाओं में एक दिन में लगभग 100 से अधिक देशों में 72 घण्टे की अवधि का प्रसारण करता है। ट्रांसक्रिप्शन और कार्यक्रम आदान प्रदान सेवा
यह सेवा स्टेशनों में कार्यक्रमों के आदान प्रदान, ध्वनि अभिलेखागार, निर्माण और रखरखाव तथा संगीत के दिग्गजों की महत्वपूर्ण रिकॉर्डिंग का वाणिज्यिक उपयोग करने का कार्य करती है। अनुसंधान विभाग
अनुसंधान विभाग के कार्यों में आकाशवाणी और दूरदर्शन द्वारा आवश्यक उपकरण के अनुसंधान और विकास का कार्य, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से संबंधित छानबीन और स्टूडियो, सीमित उपयोग के लिए अनुसंधान और विकास उपकरण के प्रोटोटाइप मॉडलों का विकास, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के नेटवर्क में क्षेत्र परीक्षण। केन्द्रीय भण्डार कार्यालय
नई दिल्ली में स्थित केन्द्रीय भण्डार कार्यालय आकाशवाणी के स्टेशनों पर तकनीकी उपकरणों के रखरखाव के लिए आवश्यक अभियांत्रिकी भंडारों के प्रापण, भण्डारण और वितरण से संबंधित कार्य करता है। कर्मचारी प्रशिक्षण संस्थान (कार्यक्रम)
कर्मचारी प्रशिक्षण संस्थान (कार्यक्रम) को 1948 में निदेशालय के साथ आरंभ किया गया था और अब इसमें किंग्सवे कैम्प, दिल्ली और भुवनेश्वर से कार्य करने वाली दो मुख्य शाखाएं हैं। यह कार्यक्रम कार्मिकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को सेवाकालीन प्रशिक्षण देता है और यह नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए प्रेरण पाठ्यक्रम और अल्पावधि पुनश्चर्या पाठ्यक्रम आयोजित करता है। यह प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए परीक्षा का आयोजन करता है। इसके अतिरिक्त हैदराबाद, शिलांग, लखनऊ, अहमदाबाद और तिरुवनंपुरम में स्थित पांच क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान कार्यरत हैं। कर्मचारी प्रशिक्षण संस्थान (तकनीकी)
निदेशालय का एक भाग कर्मचारी प्रशिक्षण संस्थान (तकनीकी) 1985 में बनाया गया और तब से यह किंग्सवे कैम्प, दिल्ली से कार्य करता है। संस्थान द्वारा आकाशवाणी और दूरदर्शन के अभियांत्रिकी कर्मचारियों के लिए तकनीशियन से लेकर अधीक्षण अभियंता तक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का आयोजन करता है। यह विभागीय अर्हकारी और प्रतिस्पर्द्धा परीक्षाओं का आयोजन भी करता है। भुवनेश्वर में एक क्षेत्रीय कर्मचारी प्रशिक्षण संस्थान (तकनीकी) है। सीबीएस केन्द्र और विविध भारती
यहां 40 विविध भारतीय और वाणिज्यिक प्रसारण सेवा (सीबीएस) केन्द्रों के साथ 3 विशिष्ट वीबी केन्द्र हैं। सीबीएस से संबंधित कार्य दो विंग में किया जाता है अर्थात बिक्री और निर्माण। केन्द्रीय बिक्री इकाई के नाम से ज्ञात एक पृथक स्वतंत्र कार्यालय 15 मुख्य सीबीएस केन्द्रों के साथ प्रसारण समय के विपणन की देखभाल करता है। वाराणसी और कोच्चि में दो और विविध भारती केन्द्र हैं। रेडियो स्टेशन
वर्तमान में 231 रेडियो स्टेशन हैं। इनमें से प्रत्येक रेडियो स्टेशन आकाशवाणी के अधीनस्थ कार्यालय के रूप में कार्य करता है। उच्चशक्ति वाले ट्रांसमिटर
आकाशवाणी की विदेश, स्वदेशी और समाचार सेवाओं के प्रसारण के लिए 8 बृहत वायवीय प्रणालियों सहित शॉर्ट वेव/मीडियम वेव ट्रांसमीटर के साथ सज्जित उच्च शक्ति वाले ट्रांसमीटर हैं। इन केन्द्रों का मुख्य कार्य आस पास के स्टेशनों पर बनाए गए कार्यक्रमों का प्रसारण करना साथ ही दिल्ली के स्टूडियो से प्रसारण करना है। नेटवर्क और कवरेज की वृद्धि
स्वतंत्रता के समय से आकाशवाणी दुनिया के सबसे बड़े प्रसारण नेटवर्कों में से एक बन गया है। स्वतंत्रता के समय भारत में 6 रेडियो स्टेशन और 18 ट्रांसमीटर थे, जिनसे 11% आबादी और देश का 2.5 % भाग कवर होता है। दिसम्बर, 2007 इस नेटवर्क में 231 स्टेशन और 373 ट्रांसमीटर हैं जो देश की 99.14% आबादी और 91.79% क्षेत्रफल तक पहुंचता है।
वर्ष के दौरान की गई गतिविधियां
* धर्मपुरी (तमिलनाडु), माछेरला (आंध्र प्रदेश) और औरंगाबाद (बिहार) में एफएम ट्रांसमीटर सहित नए स्टेशन बनाए गए हैं।
* ईंटानगर (अरुणाचल प्रदेश, एजवाल (मिजोरम), कोहिमा (नागालैंड), बरियापाढ़ (उड़ीसा), वाराणासी (उ. प्र.) और पुडुचेरी में मौजूदा स्टेशनों पर एफएम ट्रांसमीटर लगाए गए हैं।
* चेन्नई में तीन मौजूदा एफएम ट्रांसमीटर 5 केडब्ल्यू एफएम ट्रांसमीटर, एफएम गोल्ड और 10 केडब्ल्यू एफएम ट्रांसमीटर, एफएम रेनबो के स्थान पर 20 केडब्ल्यू एफएम ट्रांसमीटर लगाए गए हैं।
* कोलकाता में एफएम गोल्ड सर्विस के मौजूदा 5 केडब्ल्यू एफएम ट्रांसमीटर के स्थान पर 20 केडब्ल्यू एफएम ट्रांसमीटर लगाए गए हैं।
* सोरो (उड़ीसा) में 1 केडब्ल्यू मेगावॉट ट्रांसमीटर के साथ नया स्टेशन बनाया गया है।
* दिल्ली और रायपुर (छत्तीसगढ़) में मौजूदा 100 केडब्ल्यू एम डब्ल्यू ट्रांसमीटरों के स्थान पर आधुनिकतम प्रौद्योगिकी वाले ट्रांसमीटर लगाए गए हैं।
* देश की सीमा के विस्तार को सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक विशेष जम्मू और कश्मीर पैकेज के भाग के रूप में न्ओमा और डिस्किट, लेह क्षेत्र में 1 केडब्ल्यू मेगावॉट ट्रांसमीटर के साथ एक नया स्टेशन कमिशन किया गया है।
* प्रसार भारती के केयू बैंड के माध्यम से सीधे घरों में सेवा (डीटीएच)।
* विभिन्न राज्यों की राजधानियों से अलग अलग क्षेत्रीय भाषाओं में 20 आकाशवाणी चैनलों को अब पूरे भारत के श्रोताओं को लाभ देने हेतु प्रसार भारती (डीडी डायरेक्ट +) के डीटीएच मंच केयू बैंड के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।
* आकाशवाणी समाचार फोन सेवा।
अब श्रोता हिंदी और अंग्रेजी में अपने टेलीफोन पर आकाशवाणी की समाचार झलकें केवल एक विशिष्ट नंबर को डायल करके सुन सकते हैं, यह सेवा दुनिया के किसी भी भाग में और किसी भी समय उपलब्ध है। आकाशवाणी की न्यूज ऑन फोन सर्विसवर्तमान में 14 स्थानों पर कार्यरत है, जो हैं दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, पटना, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, बैंगलोर, तिरुवनंतपुरम, इम्फाल, लखनऊ, शिमला, गुवाहाटी और रायपुर। यह कोलकाता में भी कार्यान्वयन अधीन है। नई पहलें डिजिटलाइजेशनएक प्रभावशाली अभियांत्रिकी मूल संरचना निर्मित करने के बाद अब आकाशवाणी आधुनिकीकरण और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर बल देता है। इसने निर्माण और प्रसारण दोनों ही क्षेत्रों में बृहत डिजिटलाइजेशन कार्यक्रम किए हैं। अनेक रेडियो स्टेशनों में स्थित एनालॉग उपकरणों को अब आधुनिकतम डिजिटल उपकरणों से बदल दिया गया है।
* कम्प्यूटर हार्ड डिस्क आधारित रिकॉर्डिंग, संपादन और दोबारा चलाने की प्रणालियां 76 आकाशवाणी स्टेशनों पर दी गई हैं और अन्य 61 स्टेशनों पर इनका कार्यान्वयन किया जा रहा है। हार्ड डिस्क आधारित प्रणाली का प्रावधान आकाशवाणी के 48 प्रमुख स्टेशनों पर भी प्रगति पर है। वर्ष स्टेशनों की 564 संख्या के लिए मांग पत्र डीजीएस एण्ड डी को पहले ही दिया गया है और संभावना है कि शीघ्र ही इन स्टेशनों पर इनकी आपूर्ति हो जाएगी और इन्हें नेटवर्क में शामिल कर लिया जाएगा।
* अपलिंक स्टेशनों और कार्यक्रम उत्पादन सुविधाओं के डिजिटाइलेशन का कार्य किया गया है ताकि अच्छी गुणवत्ता केन्द्रित-तैयार सामग्री सुनिश्चित की जा सके, जो फोन पर समाचार, मांग पर संगीत आदि जैसी अंत:क्रियात्मक रेडियो सेवाओं को भी सहायता देगा।
* लेह, वाराणसी, रोहतक तथा औरंगाबाद में नए डिजिटल केप्टिव अर्थस्टेशन (अपलिंक) भी कार्यान्वयन अधीन है। लेह की संस्थापना का कार्य पूरा हो गया है। वाराणसी, रोहतक तथा औरंगाबाद में संस्थापना का कार्य वर्तमान वर्ष के दौरान पूरा किया जाएगा।
* डाउनलिंक सुविधाओं को भी चरणों में डिजिटल बनाया जा रहा है। वर्तमान वर्ष के दौरान 115 स्टेशनों को इन सुविधाओं से सज्जित किया गया है।
नजिबाबाद में मौजूदा 100 केडब्ल्यू मेगावॉट ट्रांसमीटर के स्थान पर अब आधुनिकतम प्रौद्योगिकी वाला 200 केडब्ल्यू ट्रांसमीटर लगाया जा रहा है और इसका परीक्षण तथा कमिशनिंग की जा रही है।
आकाशवाणी संसाधनों की गतिविधियां
आकाशवाणी में परामर्श और प्रसारण के क्षेत्र में संपूर्ण समाधान प्रदान करने के लिए इसकी एक वाणिज्यिक शाखा के रूप में 'आकाशवाणी संसाधन'को आरंभ किया गया। इसकी वर्तमान गतिविधियों में निम्नलिखित शामिल है।यह इंदिरा गांधी मुक्त राष्ट्रीय विश्वविद्यालय को उनके ज्ञान वाणी स्टेशनों के एफएम ट्रांसमीटरों हेतु देश के 40 स्थानों पर संपूर्ण समाधान प्रदान करता है।
26 ज्ञान वाणी स्टेशन पहले से ही प्रचालनरत हैं। सभी ज्ञान वाणी स्टेशनों के प्रचालन और रखरखाव का कार्य अब तक किया गया है।
मूल संरचना अर्थात भूमि, भवन और टावर को भी 4 शहरों में 10 एफएम चैनलों के निजी प्रसारण हेतु किराया लाइसेंस शुल्क आधार पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पहले चरण की योजना के भाग के रूप में दिया गया है। योजना के दूसरे चरण के तहत इस मूल संरचना को 87 शहरों में 245 एफएम चैनलों द्वारा बांटे जाने के करानामे पर निजी प्रसारकों के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं। निजी प्रसारकों के साथ 6 शहरों अर्थात दिल्ली, कोलकाता, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और जयपुर में आंतरिक व्यवस्था के लिए भी करारनामों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मोबाइल सेवा प्रचालकों को भी यह मूल संरचना किराए पर दी जाती है।
आकाशवाणी संसाधन में वर्ष 2006-07 के दौरान लगभग 35.50 करोड़ रु. का राजस्व अर्जित किया गया है।
संगीत के कार्यक्रम
आकाशवाणी संगीत सम्मेलन समारोह का आयोजन 21 और 22 अक्तूबर 2007 को देश के 24 आकाशवाणी स्टेशनों पर किया गया, जिसमें हिन्दुस्तानी तथा कर्नाटक संगीत के कलाकारों ने भाग लिया। आकाशवाणी ने लोक तथा हल्के फुलके संगीत के क्षेत्रीय समारोह करने आरंभ किए जो आकाशवाणी संगीत सम्मेलन के समकक्ष हैं। क्षेत्रीय लोक और हल्के फुलके संगीत के आकाशवाणी संगीत सम्मेलन का प्रयोजन हमारे देश की समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत को सामने लाना, प्रोत्साहन देना और आगे बढ़ाना है। नई प्रतिभाओं की खोज के लिए आकाशवाणी द्वारा अखिल भारतीय संगीत प्रतिस्पर्द्धा आयोजन किया जाता है। आकाशवाणी संगीत प्रतिस्पर्द्धा युवाओं के बीच मौजूद नई प्रतिभाओं की खोज और तलाश के लिए एक नियमित कार्यक्रम है। हिन्दुस्तानी/कर्नाटक संगीत की श्रेणी में इस वर्ष कई नई प्रतिभाओं को जोड़ा गया है।समाचार सेवा प्रभाग
आकाशवाणी का समाचार सेवा प्रभाग लोगों की सूचना संबंधी आवश्यकताओं और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने की भावना को पूरा करने में सूचना प्रसार हेतु के महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह समाज को प्रभावित करने वाले मुद्दों को सामने लाने वाला न केवल एक सशक्त माध्यम है बल्कि यह देश में लोगों के बीच जागरूकता लाता है और उन्हें सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरणा देता है।समाचार सेवा प्रभाग के प्रसारणों को मोटे तौर पर समाचार बुलेटिन और ताजा मामलों के कार्यक्रमों में बांटा जा सकता है। इसमें नई दिल्ली स्थिति मुख्यालय से 52 घण्टों से अधिक की अवधि के लिए 82 भाषाओं/बोलियों (भारतीय और विदेशी) में 500 से अधिक समाचार बुलेटिन और देश भर में 44 क्षेत्रीय समाचार इकाइयों द्वारा प्रसारण किया जाता है। ये समाचार बुलेटिन प्राथमिक, एफएम और आकाशवाणी के डीटीएच चैनलों पर प्रसारित किए जाते हैं। इस समाचार प्रसारण में भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल 22 आधिकारिक भाषाओं और 18 विदेशी भाषाओं के अलावा अन्य भाषाओं/बोलियों में किया जाने वाला प्रसारण शामिल है। घरेलू सेवा में दिल्ली से 89 समाचार बुलेटिन प्रसारित किए जाते हैं। ये समाचार बुलेटिन एफएम गोल्ड पर प्रत्येक घण्टे प्रसारित किए जाते हैं। क्षेत्रीय समाचार इकाइयों द्वारा प्राथमिक चैनल, एफएम और विदेशी सेवा पर प्रतिदिन 67 भाषाओं/बोलियों में 355 से अधिक समाचार बुलेटिन प्रसारित किए जाते हैं। एनएसडी और इसके आरएनयू द्वारा प्रसारण कुल 9 घण्टे की अवधि के लिए 26 भाषाओं (भारतीय और विदेशी) में 66 समाचार बुलेटिन एवं विदेशी सेवाओं का 13 मिनट का प्रसारण किया जाता है।
समाचार बुलेटिनों के अलावा ताजा मामलों के कार्यक्रम एनएसडी और इनके आरएनयू द्वारा दैनिक और साप्ताहिक आधार पर प्रसारित किए जाते हैं।
इन कार्यक्रमों का रूप अलग अलग होता है जैसे कि चर्चाएं, साक्षात्कार, वार्ता, समाचारपत्रिका, विश्लेषण और कमेंटरी। समाचार निर्माता और विशेषण तथा आम जनता द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के ताजा मामलों पर चर्चा और विशेषण किए जाते हैं। इनमें कुछ अत्यधिक अत्यंत लोकप्रिय कार्यक्रम हैं चर्चा का विषय है, सामायिकी, स्पोर्ट लाइट, मार्किट मंत्रा (व्यापार पत्रिका), स्पोर्ट्स स्केन (खेल पत्रिका), संवाद, कंट्री वाइड, मनी टॉक, सुर्खियों से परे और ह्युमन फेस। इंटरनेट और इंट्रा एनएसडी पर समाचार
समाचार प्रेमियों को अब एनएसडी की आधिकारिक वेबसाइट www.newsonair.com (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) और www.newsonair.nic.in (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) पर हमारे बुलेटिन और ताजा समाचार मिल सकते हैं। इस वेबसाइट को नवम्बर 2007 में एनआईसी के माध्यम से पुन: लोकार्पित किया गया था, जिसमें फीड बैक तथा अन्य विशेषताओं जैसे 'आरकाइविंग एण्ड सर्च'के साथ आरंभ किया गया है, जो भारत और विदेश में इंटरनेट प्रयोक्ताओं की आधुनिकतम आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
मुम्बई, धारवाड़, चेन्नई, पटना, भोपाल और त्रिची जैसी क्षेत्रीय समाचार इकाइयों से समाचार बुलेटिन की पांडुलिपियां अब मराठी, कन्नड़, तमिल, फोंट में उपलब्ध होने के अलावा हिन्दी और अंग्रेजी में भी उपलब्ध हैं। अब श्रोता 11 भाषाओं में क्षेत्रीय बुलेटिन को सुनने के लिए वेबसाइट पर लॉग ऑन कर सकते हैं और साथ ही हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा संस्कृति तथा नेपाली भाषाओं में भी राष्ट्रीय बुलेटिन सुना जा सकता है। इंटरनेट प्रयोक्ताओं को एनएसडी, प्रसारण के विभिन्न विवरण के बारे में जानकारी मिल सकती है। ये क्षेत्रीय इकाइयां, इनके कार्य, अंशकालिक संवाददाताओं के नाम और विभिन्न अन्य आंकड़ों के साथ राष्ट्रीय समाचार और ताजा मामलों के कार्यक्रम।
अब वेबसाइट पर सुनने के फॉर्मेट में साप्ताहिक और दैनिक समाचार आधारित कार्यक्रम उपलब्ध हैं। एनएसडी आकाशवाणी द्वारा प्रसारित विशेष कार्यक्रमों का ऑडियो भी इन वेबसाइटों पर उपलब्ध है जो महत्वपूर्ण दिनों से जुड़े हुए हैं।
एनएसडी और इसके आरएनयू और गैर आरएनयू के लिए एक इंट्रा नेटवर्क तैयार किया गया है। इंट्रा एनएसडी से एनएसडी मुखयलय और इसकी क्षेत्रीय इकाइयों के बीच सूचनाओं और समाचारों के मुक्त तथा तीव्र प्रवाह में सहायता मिलेगी। इंट्रा एनएसडी के माध्यम से ऑडियो संचिकाको एक स्थान से दूसरे स्थान भेजना संभव है और इससे संवाददाताओं को इंटरनेट के माध्यम से अपनी ऑडियो सामग्री को भेजने में सहायता मिलेगी। विस्तार के उपाय
आकाशवाणी के समाचार सेवा प्रभाग ने आरएनयू गैंगटोक से 5 मिनट की अवधि में भूटिया भाषा का प्रसारण आरंभ कर एक नई उपलब्धि अर्जित की है। यह देश में आकाशवाणी नेटवर्क पर नए प्रचालन को व्यापक बनाने और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने में एक बड़ा कदम है। समाचार रील कार्यक्रम को एक नया रूप दिया गया है और एक नया साप्ताहिक कार्यक्रम ह्युमन फेस आरंभ किया गया था। अधिक एफएम स्टेशनों से प्रति घण्टे प्रसारित होने वाले समाचार बुलेटिन और आकाशवाणी के विविध भारतीय स्टेशनों से इनके प्रसारण के कदम उठाए जा रहे हैं। संवाददाता नेटवर्क का विस्तार
समाचार सेवा प्रभाग (एनएसडी) जैसा अन्य कोई प्रसारण संगठन नहीं है जहां समाचार ब्यूरो, संवाददाताओं और संपादकों का इतना बड़ा नेटवर्क हो। इसके देश भर में 44 क्षेत्रीय समाचार इकाइयां 110 पूर्ण कालिक संवाददाताओं / संपादकों के साथ कार्य करती हैं। क्षेत्रीय समाचार इकाइयों के अलावा एनएसडी में कार्यरत संवाददाता देश के 13 अन्य महत्वपूर्ण समाचार केंद्रों में संवाददाता हैं। इसके पांच संवाददाता दुबई, काबुल, ढाका, काठमांठू और कोलंबो में हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन समाचारों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विश्व भर में महत्वपूर्ण समाचार केन्द्रों पर स्ट्रिंजर की नियुक्ति का प्रस्ताव है। बुनियादी स्तर पर स्थानीय समाचारों/समाचारों के महत्व को समझते हुए एनएसडी द्वारा देश के प्रत्येक जिला मुख्यालय में अंशकालिक संवाददाताओं की नियुक्ति की गई है। वर्तमान में आकाशवाणी के लिए ऐसे 455 अंशकालिक संवाददाता कार्यरत हैं। ये अंशकालिक संवाददाता दूरदरर्शन समाचार की आवश्यकताएं भी पूरी करते हैं। कौशलों का उन्नयन
एनएसडी का विश्वास है कि इसके मानव संसाधनों - संपादकों और संवाददाताओं का कौशल उन्नयन किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय भाषा होने के नाते हिन्दी के महत्व को देखते हुए एनएसडी, आकाशवाणी द्वारा संवाददाताओं के लिए एक तीन दिवसीय हिन्दी भाषा कार्यशाला का आयोजन किया गया। इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य हिन्दी उच्चारण और गैर हिन्दी भाषी क्षेत्रों के संवाददाताओं का मौखिक कौशल उन्नत बनाना था। उत्पादन सहायक और एनएफ संपादकों के कौशलों को सुधारने के लिए भी एक अभिविन्यास कार्यशाला का आयोजन किया गया।
अंशकालिक संवाददाता आकाशवाणी के लिए बुनियादी स्तर पर समाचार के स्रोत माने जाते हैं। उन्हें इस प्रकार का प्रशिक्षण देने की आवश्यकता लंबे समय महसूस की जा रही थी। इस वर्ष की अभिविन्यास कार्यशालाओं का आयोजन 7 क्षेत्रीय समाचार इकाइयों - कोलकाता, भोपाल, कटक, अहमदाबाद, मुम्बई, चंडीगढ़ और पटना में एनएसडी आकाशवाणी द्वारा किया गया। 6 अन्य अंशकालिक संवाददाता अभिविन्यास कार्यशालाएं जयपुर, हैदराबाद, जम्मू, लखनऊ, चेन्नई और बैंगलोर में आने वाले महीनों के दौरान आयोजित की जाएंगी। क्षेत्रीय समाचारों का सुदृढ़ीकरण
इस वर्ष एनएसडी ने आरएनयू के समाचार कक्षों को स्वचालित बनाने की पहल की है। नई स्वचालन प्रणाली को आरएनयू गुवाहाटी, शिलौंग, त्रिची, शिमला, जयपुर और इम्फाल में लगाया गया है। यह प्रयास पूरी तरह डिजिटल, कागज रहित कार्यालय की ओर जाने का मार्ग है। समाचार कक्षों की कार्यशैली को सुचारु बनाने के लिए सभी आरएनयू में टेली प्रिंटर लाइन आधारित समाचार तारों को बदलकर वर्ल्ड स्पेस/वी-सैट आधारित नए तारों को लगाया जा रहा है ताकि एजेंसियों से समाचार प्राप्त किए जा सकें। समाचार वाचकों और अनुवादकों के लिए कुछ अन्य पुरस्कार आरंभ करने के प्रयास किए गए हैं ताकि समाचार बुलेटिनों और समाचार आधारित कार्यक्रमों के सुचारु और प्रभावी प्रस्तुतीकरण में योगदान दिया जा सके। समाचार कवरेज
इस वर्ष एनएसडी का फोकस एक आम आदमी था। प्रभाग ने आम आदमी को प्रभावित करने वाले मुद्दों और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, किसानों, असंगठित कामगारों, महिलाओं और युवाओं के कल्याण के लिए काय करने सहित केन्द्रीय सरकार की विभिन्न योजनाओं पर व्यापक कवरेज किया। सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जैसे कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, भारत निर्माण और सर्व शिक्षा अभियान आदि को विशेष कवरेज दिया गया।
सूचना का अधिकार अधिनियम को इसके समाचार बुलेटिनों और कार्यक्रमों में सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। विशेष कार्यक्रमों में आर्थिक मुद्दों का उठाया गया जैसे कि डब्ल्यूटीओ वार्ताएं, मूल्यवृद्धि को सीमित रखने के लिए सरकार के प्रयास और किसानों के लिए राहत पैकेज तथा राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना और इसका कार्यान्वयन। समाचार आधारित कार्यक्रम में भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर कार्यक्रम प्रसारित किया गया, जो विशेष रूप से सीमा पार के आतंकवाद के संदर्भ में था।
समाचार सेवा प्रभाग द्वारा प्रधानमत्री के विभिन्न देशों के दौरों को व्यापक कवरेज दिया गया है।
विदेशी अतिथियों के दौरें और उनके बीच हस्ताक्षरित महत्वपूर्ण तथा कार्यनीतिक करारनामे भी विस्तार से शामिल किए गए। कोलम्बो, काठमांडू, ढाका और काबुल में कार्यरत आकाशवाणी के विशेष संवाददाताओं में वहां की अस्थिर राजनैतिक गतिविधियों और सुरक्षा संबंधी विकास पर व्यापक कवरेज प्रदान किया।
इस वर्ष का कवरेज खेलों पर भी किया गया। अंतरराष्ट्रीय प्रमुख खेल आयोजन जैसे कि विश्व कप क्रिकेट, टी - 20 क्रिकेट विश्वकप, एशियाकप हॉकी और सैन्य विश्व खेल का आयोजन हैदराबाद में किया गया, जिसने पूरे वर्ष इस डेस्क को व्यस्त बनाए रखा। संसद की कवरेज
एनएसडी संसद की विशेष कवरेज सत्र के दौरान करता है। अंग्रेजी में 'टुडे इन पार्लियामेंट'और हिंदी में 'संसद समीक्षा'नाम से दैनिक समीक्षा एनएसडी प्रसारित करता है। इसी प्रकार राज्य विधान सभाओं के सत्रों के दौरान इनका प्रसारण एनएसडी, आकाशवाणी की क्षेत्रीय समाचार इकाइयों द्वारा किया जाता है। विदेश सेवा प्रभाग
आकाशवाणी विदेश सेवा प्रभाग का विश्व के विदेशी रेडियो नेटवर्क में ऊंचा स्थान है। यह 100 देशों के लिए 27 भाषाओं जिनमें 16 विदेशी तथा 11 भारतीय हैं, में रोजाना 70 घंटे 30 मिनट का प्रसारण करता है। आकाशावाणी अपने विदेशी प्रसारणों से विदेशी श्रोताओं को खुले समाज के रूप में भारत के विचारों और उपलब्धियों को उजागर कर भारत के संस्कार और भारतीय वस्तुओं से जोड़े रखता है।
विदेशी भाषाएं हैं: अरबी (3 घंटे 15 मिनट) बलूची (1 घंटा) बर्मी (1 घंटा मिनट) चीनी (1 घंटा 30 मिनट) दारी (i घंटा 45 मिनट) फ्रेंच (45 मिनट) इंडोशियन (1 घंटा) नेपाली (4 घंटे) फारसी (1 घंटा 45 मिनट) (पुश्तू (2 घंटे) रूसी (1 घंटा) सिंहला (2 घंटे 30 मिनट. स्वाहिली (1 घंटा) थाई (45 मिनट) तिब्बती (1 घंटे 15 मिनट) और अंग्रेजी (जीओएस) (8 घंटे 15 मिनट)
भारतीय भाषाएं हैं - हिन्दी (5 घंटे 15 मिनट), तमिल (5 घंटे 30 मिनट), तेलुगु (30 मिनट), बंगाली (6 घंटे 30 मिनट), गुजराती (30 मिनट), पंजाबी (2 घंटे), सिंधी (3 घंटे 36 मिनट), उर्दू ( 12 घंटे 15 मिनट), सरायकी (30 मिनट), मलयालम (1 घंटा), कन्नड़ (1 घंटा) यह प्रसारण मिश्रित भागीदारों के लिए किया जाता है और आम तौर पर इसमें समाचार बुलेटिन, कमेंटरी, ताजा मामले और भारतीय प्रेस की समीक्षा को शामिल किया जाता है। न्यूज़ रील पत्रिका कार्यक्रम के अलावा खेल और साहित्य पर कार्यक्रम, वार्ताएं और सामाजिक - आर्थिक, राजनैतिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक विषयों पर चर्चाएं, विकास संबंधी गतिविधियों पर कार्यक्रम, महत्वपूर्ण आयोजन और संस्थान, भारत के विविध क्षेत्रों से लोक और आधुनिक संगीत संपूर्ण कार्यक्रम प्रसारण का बड़ा हिस्सा बनाते हैं।
विदेश सेवा प्रभाग भारतीय विचारों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर दर्शाता है तथा अपने सभी प्रसारणों में भारत की संस्कृति, विरासत और सामाजिक तथा आर्थिक परिदृश्य में रुचि उत्पन्न करता है।
विदेश सेवा प्रभाग के सभी कार्यक्रमों में प्रमुख विषय वस्तु भारत को एक सशक्त, धर्म निरपेक्ष लोकतांत्रिक गणतंत्र के रूप में प्रस्तुत करना है, जो बहुमुखी, प्रगतिशील देश है और जहां तीव्र आर्थिक, औद्योगिक एवं प्रौद्योगिकी प्रगति जारी है। भारत की सबसे बड़ी तकनीकी शक्ति का तथ्य और इसकी उपलब्धियां एवं पारिस्थितिकी संतुलन, मानव अधिकारों को प्रदान करने में इसकी वचनबद्धता और अंतरराष्ट्रीय शांति के प्रति प्रतिबद्धता और एक नई दुनिया के सृजन में इसके योगदान पर बार बार चर्चा की जाती है।
विदेश सेवा प्रभाग द्वारा संगीत की रिकॉर्डिंग, बातचीत और मिश्रित कार्यक्रम लगभग 24 विदेशी प्रसारण संगठनों को मौजूदा सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम के तहत भेजे जाते हैं।
विदेश सेवा प्रभाग का प्रसारण 7 देशों, पश्चिमी एशिया, खाड़ी के देशों और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में किया जाता है जो रात 9 बजे तक जारी रहता है। अंतरदेशीय सेवाओं के लिए अंग्रेजी में राष्ट्रीय बुलेटिन का प्रसारण। इसके अलावा विदेश सेवा प्रभाग दुनिया भर में समकालीन और संगत मुद्दों तथा प्रेस समीक्षाओं को अपने प्रसारण में शामिल करता है। डिजिटल प्रसारण
विदेश सेवा प्रभाग ने नए प्रसारण गृह में नए व्यवस्था स्थापित होने से डिजिटल प्रसारण आरंभ किया है। अधिक से अधिक श्रोताओं को आकर्षित करने के लिए सभी आधुनिक उपकरण और उपस्कर उपयोग किए जा रहे हैं। आकाशवाणी द्वारा अंतरराष्ट्रीय प्रसारण को स्थापित करने का कार्य अमेरिका, कनाडा, पश्चिम और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में किया जाता है ताकि इंटरनेट पर आकाशवाणी सेवाओं का लाभ उठाया जा सके, यहां डीटीएच के माध्यम से 24 घण्टे विदेश सेवा प्रभाग की उर्दू सेवाओं को प्राप्त किया जा सकता है। राष्ट्रीय चैनल
आकाशवाणी द्वारा तीन स्तरीय प्रसारण किया गया जाता है - राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय। 18 मई 1988 को आरंभ आकाशवाणी का राष्ट्रीय चैनल रात 6.50 बजे से अगले दिन सुबह 6.10 तक जारी रहता है। यह देश के लगभग 65 प्रतिशत हिस्से और लगभग 76 प्रतिशत आबादी को कवर करता है, जिसके लिए नागपुर में 3 मेगावॉट का ट्रांसमीटर (191.6 एम - 1566 किलो हट्ज़), दिल्ली (246.9 एम-1215 किलो हट्ज़), कोलकाता (264.5 एम-1134 किलो हट्ज़ 23.00 बजे से), जिसे 31 मीटर बैंड 9425 किलो हट्ज़ और 9470 किलो हट्ज़ का शार्ट वेब समर्थन प्राप्त है, जो पूरे देश को कवर करता है।
भारत के पूरे भूभाग को अपने क्षेत्र में लेने पर यह कार्यक्रम कुल मिलाकर राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान और नैतिकता का प्रतिनिधि बन गया है। विपणन प्रभाग
हाल के वर्षों में प्रसार भारतीय सार्वजनिक सेवा प्रसारक का अधिदेश पूरा करते हुए अपने आंतरिक कार्यक्रमों के तेजी से किए जाते वाले विपणन द्वारा राजस्व उत्पादन में प्रयासों में वृद्धि कर रहा है और साथ ही आवश्यकतानुसार काट छांट कर बनाए गए कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। इस दिशा में मुम्बई, चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद, दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी, कोच्चि और तिरुवनंतपुरम में विपणन प्रभाग की स्थापना की गई है।
आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी चैनलों के लिए एकल बिन्दु सुविधा, विपणन विभाग विज्ञापन की सभी जरूरतों को पूरा करता है। ग्राहकों तक पहुंचना, मीडिया प्लान तैयार करना, उनके बजट का अभिलेखन और प्रचार अभियानों एवं खेल संबंधी जिंगलों के साथ प्रायोजित कार्यक्रमों के निष्पादन संबंधी आवश्यकताएं, विपणन प्रभाग के कुछ महत्वपूर्ण कार्यों में से एक हैं।
इन प्रभागों के निरंतर और ठोस प्रयासों के साथ आकाशवाणी वित्तीय वर्ष 2007-08 में 289.21 करोड़ रु. का समग्र राजस्व अर्जित कर पिछले रिकॉर्ड तोड़ने में सक्षम रहा है।