Quantcast
Channel: पत्रकारिता / जनसंचार
Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

रेप हमारे कल्चर में है'

$
0
0


 शनिवार, 12 जनवरी, 2013 को 09:48 IST तक के समाचार
दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका में लड़कियां कहती हैं कि वे खुद को महफ़ूज़ महसूस नहीं करती हैं
दक्षिण अफ्रीका आबादी और आकार में भारत के मुकाबले बहुत छोटा है लेकिन यहां हर साल बलात्कार के 60,000 मामले दर्ज होते हैं जो भारत में दर्ज होने वाले मामलों से दोगुने हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका में हर साल इस तरह की कम से कम छह लाख घटनाएं होती हैं.
बीते साल के आखिरी दिनों में सोवेटो शहर में एक ऐसा मामला भी सामने आया जहां बार में एक युवक ने 17 साल की लड़की के साथ मेज़ पर दुष्कर्म किया.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह युवक बलात्कार करने के बाद भागा नहीं और बार में ही बैठा रहा. ना ही बार में बैठे अन्य लोगों ने पुलिस को बुलाने की पहल की.
भारत में बीते साल दिसम्बर में सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद पूरे देश में जबर्दस्त आक्रोश देखा गया. देश-दुनिया के मीडिया में इश पर खूब बहस हुई.
वहीं दक्षिण अफ्रीका में जैसे लोग यौन हिंसा पर आवाज़ उठाने के बारे में सोच ही नहीं रहे. वहां के अखबारों में बलात्कार और यौन हिंसा की खबरें तो छपती हैं. हाल में सामने आया कि यहां बुजुर्ग महिलाओं को भी बलात्कार का शिकार बनाया जा रहा है.
अखबारों में इस घटना पर स्तम्भ भी लिखे गए. लेकिन बात उससे आगे नहीं बढ़ती.

'रेप और कल्चर'

"गरीबी इसकी वजह नहीं है. कोई यह नहीं कह सकता कि तीन महीने की बच्ची या 87 साल की बुढ़िया के बलात्कार की वजह गरीबी है. कोई नहीं कह सकता कि लाइब्रेरी में आग या स्कूल में तोड़फोड़ गरीबी की वजह से की जाती है."
वेलेंज़िमा वावी
वेलेंज़िमा वावी एक ट्रेड यूनियन लीडर हैं. वह गरीबी को बलात्कार की वजह नहीं मानती हैं.
वे कहती हैं, ''गरीबी इसकी वजह नहीं है. कोई यह नहीं कह सकता कि तीन महीने की बच्ची या 87 साल की बुढ़िया के बलात्कार की वजह गरीबी है. कोई नहीं कह सकता कि लाइब्रेरी में आग या स्कूल में तोड़फोड़ गरीबी की वजह से की जाती है.''
एंडी कावा एक ऐसी ही महिला हैं जिनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था.
वे कहती हैं, ''यह हर दिन की बात है. घरों में बलात्कार होते हैं. लेकिन डर की वजह से कोई कुछ नहीं बोलता क्योंकि ज्यादातर मामलों में घर की सत्ता पुरुष के हाथों में है.''
वे कहती हैं, ''रेप हमारे कल्चर में है. यह पितृसत्तात्मक संस्कृति का हिस्सा है.''

'बलात्कारियों की भरमार'

"यह हर दिन की बात है. घरों में बलात्कार होते हैं. लेकिन डर की वजह से कोई कुछ नहीं बोलता क्योंकि ज्यादातर मामलों में घर की सत्ता पुरुष के हाथों में है. रेप हमारे कल्चर में है. यह पितृसत्तात्मक संस्कृति का हिस्सा है."
एंडी कावा
पूमेलेलो दक्षिण अफ्रीका में एक अखबार के संपादक हैं. वे कहते हैं, ''सरकार अपनी ओर से हर संभव कोशिश कर रही है लेकिन हमें भी अपने नागरिकों को समझाने की जरूरत है.''
ऐसा कहा जाता है कि यहां का समाज हिंसक है और लोग इसके आदि हो चुके हैं.
लड़कियों को भी महसूस होता है कि उनसे साथ ऐसा होकर रहेगा और युवक भी इसी तरह सोचते हैं.
यही वजह है कि हाल में एक 21 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना अखबारों की सुर्खी बनकर रह गई. यह लड़की प्रीटोरिया से बाहर एक यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए जा रही थी.
इस लड़की को चार लोगों ने झाड़ियों में घसीटा और उसके साथ बलात्कार किया. अभियुक्तों की पहचान नहीं हो पाई है. लड़की किसी तरह जीवित बच गई.
यूनिवर्सिटी की एक छात्रा कहती हैं, ''हमें सुरक्षा नहीं मिलती. हम महफूज नहीं हैं.''
तभी पास से गुजर रहा एक युवक कहता है, ''यहां बलात्कारियों की भरमार है.''
तब युवती क्षणभर मौन रहने के बाद कहती है, ''मुझे नहीं पता यहां मर्दों को क्या हुआ है. इनका कुछ तो किया जाना चाहिए.''

इसे भी पढ़ें


Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

Trending Articles