प्रस्तुति--राकेश गांधी,अभिषेक रस्तोगी,अमित कुमार संसद, सरकार और जनता प्रेस तथा अन्य संचार माध्यमों, जिनमेंइलेक्ट्रानिक माध्यम अर्थात टेलीविजन, रेडियो और फिल्म शामिल हैं, कीसहायता से एक-दूसरे से संपर्क रखते हैं। यहमहत्वपूर्ण बात है कि उस जनता को संसद कीकार्यवाही की जानकारी मिले जो यह जानने में रूचि लेती है कि संसद कि संसद में क्या हो रहा है। संविधान में प्रेस की स्वतंत्रता का अभिव्यक्ति रूप से उपबंधनहीं किया गया है बल्कि वाक् और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य में ही अंतर्निहित है जिसेनागरिकों के लिए संविधान के अनुच्छेद 19(1)(क) में सुनिश्चित किया गया है।'वाक और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य'पद में अपने विचारों का प्रचार करने की हीनहीं बल्कि किसी अन्य व्यक्ति से ली गयी सामग्री को मुद्रित करने या उसव्यक्ति के निदेशानुसार मुद्रित करने का अधिकार तथा प्रकाशन और परिचालन काभी अधिकार शामिल है। प्रेस के विशेषाधिकार प्रेस को संसद के साथ अपने संबंधों के मामले में कुछ विशेषाधिकारप्राप्त हैं। वास्तव में, हमारे संविधान में संसद के किसी भी सदन की कार्यवाहीके प्रकाशन से संबंधित सभी व्यक्तियों पर किसी भी न्यायालय में कार्यवाही सेपूर्ण उन्मुक्ति प्रदान की गयी है बशर्ते कि ऐसा प्रकाशन सभा के प्राधिकारद्वारा या उसके अधीन किया गया हो। इस संबंध में दिया गया सांविधिक सरंक्षण संसदके किसी भी सदन की किसी भी कार्यवाही की सारत: सही रिपोर्टों के समाचारपत्र मेंप्रकाशन अथवा बेतार टेलीग्राफी द्वारा प्रसारण पर भी लागू होता है बशर्ते कि ऐसीरिपोर्टें लोक हित में हों तथा किसी दुर्भावना से प्रेरित न हों। यह संरक्षण इस समग्र सीमा के भीतर प्रदान किया गया है कि संसद कोअपने वाद-विवादों अथवा कार्यवाहियों के प्रकाशन के नियंत्रण और यदि आवश्यक होतो इसके प्रतीक्षा तथा अपने आदेशों के उल्लंघन के लिए दंड देने की शक्तिप्राप्त है। सामान्यत: सभाओं की कार्यवाहियों की रिपोर्ट देने पर कोई पाबंदीनहीं लगायी गयी है किंतु यदि सभा अथवा इसकी समितियों की कार्यवाहियों कीरिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण हो अथवा इसमें गलत विवरण दिया गया हो अथवा किन्हींसदस्यों के भाषणों को सम्मिलित न किया गया हो तो यह निश्चित रूप सेविशेषाधिकार भंग तथा सभा की अवमानना है जो दंडनीय है। इसी प्रकार प्रेस द्वाराकिसी संसदीय समिति की कार्यवाही अथवा इसके समक्ष दिए गए साक्ष्य अथवाप्रस्तुत किसी दस्तावेज को सभापटल पर रखे जाने से पूर्व प्रकाशित नहीं किया जासकता। सभा की गुप्त बैठक की कार्यवाही अथवा निणयों की रिपोर्ट भी प्रेस तब तकनहीं दे सकती जब तक इस पर लगे प्रतिबंध अथवा गोपनीयता के उपबंध को हटा न दियाजाए। इसे यह भी सुनिश्चित करना होता है कि पीठासीन अधिकारी द्वारा सभा कीकार्यवाही से निकाले गए वाद-विवाद के अंश भी प्रकाशित न हों। दूसरे शब्दों में, प्रेस की स्वतंत्रता संसद के विशेषाधिकार की कीमत पर नहीं दी जा सकती। प्रेस तथा जनसंपर्क स्कंध प्रेस तथा जनसंपर्क स्कंध की स्थापना अप्रैल, 1956में प्रेस कीआवश्यकताओं को पूरा करने तथा लोक सभा की दैनिक कार्यवाहियों को कवर करने के लिएप्रेस को सभी संभव सुविधाएं प्रदान करने तथा लोक सभा के संसदीय तथा अन्यकार्यकलापों के समुचित प्रचार के लिए संसद संबंधी समाचार देने वाले प्रेससंवाददाताओं तथा विभिन्न सरकारी प्रचार संगठनों और संचार माध्यमों के साथ बेहतरसंपर्क करने के उद्देश्य से की गयी थी। प्रेस तथा जनसंपर्क स्कंध केकार्यइस प्रकार है:- (एक) प्रेस दीर्घा से संबंधित सभी कार्य करना जिनमें सत्रावधि केलिए प्रेस दीर्घा पास जारी करना, प्रेस दीर्घा में समचारपत्रों/समाचारएजेंसियों/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रवेश, केंद्रीय हाल की सुविधाओं के लिएप्राप्त अनुरोधों पर विचार करना तथा 'लंबी और विशिष्ट सेवा श्रेणी'के अंतर्गतप्रेस दीर्घा पास जारी करना शामिल है। (दो) सरकारी प्रचार संगठनों तथा संचार माध्यमों, प्रेस संवाददाताओं, समाचारपत्रों और अन्य निकायों के साथ संपर्क। (तीन) प्रेस विज्ञप्तियों/सरकारी सूचनाओं के माध्यम से संसद केकार्यकलापों का प्रचार। संसद भवन/संसदीय सौध/संसदीय ज्ञानपीठ में आयोजितविभिन्न समारोहों का फोटो/ टीवी कवरेज/अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों, संगोष्ठियों, विचार गोष्ठियों आदि के लिए मीडिया केंद्रों की स्थापना, इत्यादि। (चार) विभिन्न संसदीय कार्यकलापों के संबंध में पैम्फलेट, फोल्डरों, चार्टों, इत्यादि का प्रकाशन तथा आम जनता में इनका वितरण। (पांच) संसद के कार्य से संबंधित जानकारी तथा प्रचार सामग्री आमजनता, संस्थाओं, शोधकर्त्ताओं को उपलबध कराना। (छह) संसद-सदस्यों के लिए संसद-परिसर में टेलीप्रिटंर समाचार कीसुविधा। (सात) प्रेस के लिए लाइब्रेरी की सुविधा। (आठ) विभिन्न मंत्रालयों/विभागों को अपनी विशिष्ट क्षेत्रगतगतिविधियों को प्रदर्शनी के माध्यम से संसद-परिसर में प्रदर्शित करने कीअनुमति देना ताकि संसद सदस्य इनका अवलोकन कर सकें। (नौ) संसद भवन/संसदीय सौध/ संसदीय ज्ञानपीठ के फिल्म-चित्र लेने कीअनुमति प्राप्त करना। (दस) लोक सभा कैलेण्डरों का प्रकाशन। मीडिया कवरेज संसदीय समारोहों, जिनमें शामिल हैं - विदेशी गण्यमान्यव्यक्तियों/संसदीय शिष्टमंडलों द्वारा लोक सभा के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष एवंलोक सभा में प्रतिपक्ष के नेता के साथ सौजन्य भेंट; विदेशी प्रतिनिधिमंडलोंकी भारत के सांसदों के साथ बैठकें; भारतीय संसदीय शिष्टमंडलों के विदेश दौरे; राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संसदीय सम्मेलन, संगोष्ठियां, परिसंवाद, लोक सभाके अध्यक्ष व उपाध्यक्ष तथा संदीय समितियों के सभापतियों द्वारा आयोजितपत्रकार सम्मेलन; प्रतिमाओं/तैलचित्रों का अनावरण, राष्ट्रीय नेताओं के संसद केकेंद्रीय कक्ष में लगे तैलचित्रों पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि; विशिष्टजनों के संसद भवन/संसदीय सौध/संसदीय ज्ञानपीठ में व्याख्यान, लोक सभाअध्यक्ष व अन्य गण्यमान्यजनों द्वारा पुस्तक-विमोचन एवं अन्य ऐसे समारोहोंजिनमें वे शामिल होते हैं-को प्रिंट एवं इलैक्ट्रानिक समाचार-माध्यमों केजरिए प्रचारित करने की व्यवस्था भी की जाती है। संवाददाताओं/छायाकारों कोसमारोहों की कवरेज के लिए विशेष आमंत्रण पत्र/पास जारी किए जाते हैं। संसद भवनपरिसर में आयोजित सभी समारोहों/बैठकों की प्रेस-विज्ञप्ति और छायाचित्रों कोव्यापक खबर के लिए समाचार-माध्यमों को उपलब्ध कराया जाता है। इन सभी समारोहोंकी संगत प्रेस-कतरनों को रिकार्ड के लिए भी रखा जाता है। दूरदर्शन तथा आकाशवाणी से संसद भवन परिसर में आयोजित सभी संसदीयसमारोहों के टेली प्रसारण/रेडियो प्रसारण के लिए विशेषतौर पर अनुरोध किया जाताहै। सभी समारोहों की फोटो-कवरेज 'प्रेस ट्रस्ट इंडिया'तथा 'यूनीवार्ता'के फोटोप्रभाग, फोटो अनुभाग द्वारा आधिकारिक छायाकारों तथा पत्र सूचना कार्यालय द्वाराप्रत्यायित छायाकारों द्वारा की जाती है। इन सभी समारोहों के छायाचित्रप्रचार/प्रदर्शन/अभिलेख के प्रयोजन से प्राप्त कर लिए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों/विचार-गोष्ठियों/संगोष्ठियों के नईदिल्ली में आयोजित होने की दशा में, उपर्युक्त सभी प्रबंध लोक सभा सचिवालय कीसभी संबंधित शाखाओं, भारत सरकार के मंत्रालय/विभागों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों केसचिवालयों और पत्र सूचना कार्यालय के निकट सहयोग और परामर्श से किया जाता है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय संसदीयसम्मेलनों/विचार-गोष्ठियों/संगोष्ठियों के संबंध में निम्नलिखित प्रबंधविशेषतौर पर किए जाते हैं- (एक) सम्मेलन/संगोष्ठी/विचार संगोष्ठी स्थल पर हीमीडिया-केंद्र स्थापित किया जाता है ताकि मीडियाकमिर्यों के साथ संपर्कसमन्वय रखने के अलावा उन्हें कार्यकरणगत आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जासके। (दो) प्रत्यायित संवाददाताओं और छायाकारों को फोटो-लैमिनेटिडपास/विशेष पहचान-पत्र जारी किए जाते हैं। (तीन) समारोह की पूर्व संध्या पर लोक सभा अध्यक्ष द्वारा समारोह केबारे में जानकारी दिया जाना। (चार) लोक सभा अध्यक्ष आयोजित प्रेस-सम्मेलन-संसदीयसम्मेलन/विचार-गोष्ठी/संगोष्ठी के पूर्व आयोजित सम्मेलन और इसके समापन केपश्चात आयोजित किया जाने वाला सम्मेलन। (पांच) प्रचार प्रबंधों के बारे में की गयी व्यवस्था के संबंध मेंलोक सभा के महासचिव की मीडियाकर्मियों के साथ बैठकें। (छह) लोक सभा के महासचिव द्वारा संसदीयसम्मेलन(नों)/विचार-गोष्ठी(ष्ठियों)/संगोष्ठियों में भाग लेने वाले अन्यदेशों के महासचिवों के साथ बैठकें। (सात) संसदीय सम्मेलनों/संगोष्ठियों/बैठकों आदि के सभीछायाचित्रों को एकत्र करना तथा उन्हें लार्डिस की मीडिया/दैनिक बुलेटिनडेस्क को भेजना/उपलब्ध कराना। (आठ) संसदीय सम्मेलन/विचार-गोष्ठी/संगोष्ठी से संबद्धप्रेस-कतरनों को सम्मेलन पश्चात् विभिन्न प्रयोजनों के लिए एकत्र कर रखना। मीडिया की सुविधाएं मीडिया के साथ संसद के संबंध अत्यंत मधुर हैं। प्रेस और जनसंपर्कस्कंध लोक सभा और इसकी समितियों द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी जनता तकपहुंचाने के लिए प्रेस, विभिन्न सरकारी प्रचार संगठनों और संचार माध्यमों केनिकट संपर्क में रहता है। यह स्कंध संसद की कार्यवाहियों की कवरेज करने वाले संवाददाताओं कोसमस्त सुविधाएं प्रदान करता है। इन सुविधाओं में संसद की रिपोर्टिंग करने वालेसभी प्रत्यायित संवाददाताओं के लिए संसद भवन में तीन प्रेस कक्षों का आबंटन, संसदीय पत्र, दैनिक कार्यसूचि,समिति के प्रतिवेदन सभापटल पर रखे गए पत्र, आदि (लगभग 450प्रतियां) उपलब्ध कराना शामिल है। मीडियाकमियों के लिएप्रयोजनमूलक उपयोग हेतु नि:शुल्क जीरोक्स और फैक्स सुविधाएं भी उलपब्ध हैं।लोक सभा और राज्य सभा की प्रेस दीर्घाओं में संचार माध्यमों के संवाददाताओं केलिए संसद की कार्यवाहियों की साथ-साथ भाषांतरण सुविधा भी उपलब्ध है।मीडियाकमियों के लिए संसदीय ज्ञानपीठ में 10कम्प्यूटरों, एक टीवी सेट औरटेलीफोन कनेक्शन वाला एक अलग कार्यस्थल प्रदान किया गया है ताकि वे संसदीयकार्यवाहियों, घटनाक्रमों और कार्यकलापों की अपनी रिपोर्टें आगे भेज सकें। प्रेस दीर्घा लोक सभा की प्रेस दीर्घा में 120मीडियाकर्मियों को बिठाने कीव्यवस्था है। किंतु, इनमें से आगे की दो पंक्तियों के 57स्थान विशिष्टमीडिया संगठनों के लिए निधारित किए जाते हैं। समाचार पत्रों, संवाददाताओं का प्रत्यायन, प्रेस दीर्घा पासों कीसंख्या बढ़ाने, स्थान निर्धारित करने, सभा की कार्यवाहियों को कवर करने वालेसंवाददाताओं को प्रयोजनमूलक सुविधाएं प्रदान करने सहित लोक सभा की प्रेस दीर्घाके सभी मामलों की देखभाल यही स्कंध करता है। तथापि,प्रेस दीर्घा के सभी मामलों को प्रेस सलाहकार समिति केसमक्ष विचारार्थ रखा जाता है। प्रेस सलाहकार समिति , जिसमें प्रेस के वरिष्ठ प्रतिनिधि होते हैं, जिनके पास प्रेस गैलरी के नियमित पास होते हैं, का नामांकन प्रत्येक वर्ष अध्यक्ष, लोक सभा द्वारा किया जाता है। पी पी आर स्कंध प्रेस सलाहाकार समिति, जिसके सामान्यत: 21 सदस्य होते हैं, को लिपिकीय सहायता प्रदान करता है। इस समिति के लिए नामित सदस्य लोक सभा प्रेस गैलरी को प्रत्यापित मीडिया के प्रतिनिधियों में से होते हैं। समिति के चार सदरूयों को समिति के पदाधिकारियों के रूप में नामित किया जाता है नामत: सभापति, उपसभापति, सचिव तथा संयुक्त सचिव। समिति के मुख्य कार्य इस प्रकार हैं: (एक) गैलरी से सदन की कार्यवाही की रिपोर्ट देने के इच्छुक समाचारपत्रों/समाचार एजेन्सियों/ अन्य मीडिया के प्रतिनिधियों (लोक सभा से प्रत्यायित) के लिए स्थायी पास जारी करने के लिए सिफारिश करना। (दो) गैलरी से सदन की कार्यवाही की रिपोर्ट देने के इच्छुक समाचारपत्रों/समाचार एजेन्सियों/ अन्य मीडिया के प्रतिनिधियों के लिए अस्थायी पास जारी करने के लिए सिफारिश करना। (तीन) समाचारपत्रों/समाचार एजेन्सियों/ अन्य मीडिया के प्रतिनिधियों के विरूद्ध की गई शिकायतों की जांच करना और लोक सभा अध्यक्ष को उचित कार्यवाही करने की सिफारिश करना। (चार) लोक सभा अध्यक्ष को मीडिया से संबंधित की गई शिकायतों की जांच करना। (पांच) लोक सभा अध्यक्ष को उन सुविधाओं के बारे में सिफारिश करना जो कि पत्रकारों को उनका कार्य निर्वहन करने के लिए आश्यक हों। (छ:) ऐसे अन्य कार्य करना जो कि उन्हें सौंपे गए कार्यों के समरूप हों। इस समिति की बैठक सत्र के दौरान कम से कम एक बार होती है। कुल सदस्यता का एक चौथाई से समिति की उक्त बैठक का कोरम बनता है। प्रेस सलाहकार समिति की बैठकें सामान्यत: सभापति/ सचिव के निदेश पर बुलाई जाती हैं। बैठक के मदों की अभिपुष्टि समिति की अगली बैठक में की जाती है। तत्पश्चात समिति की सिफारिशों/ सुझावों पर अनुवर्ती कार्रवाई की जाती है। प्रेस सलाहकार समिति 2010-11 के पदाधिकारी तथा सदस्य इस प्रकार हैं: प्रेस सलाहकार समिति सभापति
उपसभापति 2. श्री विनय कुमार (द हिन्दू) सचिव 3. जयंत घोषाल (आनंद बाज़ार पत्रिका) संयुक्त सचिव 4. श्री मनोरंजन भारती (एन डी टी वी) सदस्य 5. श्री सुनील गटाडे (पी टी आई) 6. श्री प्रदीप कश्यप (यू एन आई) 7. श्री सुभाष चन्द्र निगम (युनिवार्ता) 8. श्री सुमित अवस्थी (आज तक टी वी) 9. श्री शिशिर सिन्हा (बिजनेसलाइन) 10. श्री संजीव त्रिवेदी ( सहारा टी वी) 11. श्री आनंद के व्यास (फूलछाब) 12. श्री श्रीकृष्णा (एल एण्ड डी) 13. सुश्री अदिति टंडन (द ट्रिब्यून) 14. श्री सुबोध घिल्डियाल (टाइम्स ऑफ इंडिया) 15. श्री निर्मल पाठक ( हिन्दुस्तान) 16. श्री अजीत मैनडोला (राजस्थान पत्रिका) 17. श्री सदानंद पांडे (वीर अर्जुन) 18. श्री प्रदीप श्रीवास्तव (जनसत्ता) 19. श्री एम के अजीत कुमार (मातृभूमि) 20 श्री किशोर चन्द्र द्विवेदी (समाज) 21 श्री जे. सक्ति कंडासामी (दीनामलार) 22. सुश्री नीलम जेना (विशालान्ध्रा) 23. श्री मोहम्मद अहमद खान (डेली मुंसिफ) 24. सुश्री नरेश कौशिक (पीटीआई भाषा) 25. डा अनिल कुमार सिंह (स्टार न्यूज़-एम सी सी एस) 26. श्री दिलीप कुमार तिवारी (ज़ी टी वी) सूचना प्रदान करने के लिए उत्तरदायी अधिकारी डा. एम. के. शर्मा संयुक्त निदेशक दूरभाष: 23035022 |
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प्रेस और जनसंपर्क सेवा
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