प्रस्तुति--प्रियदर्शी किशोर, धीरज पांडेय,उपेन्द्र कश्यप,,
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भारतीय अफ़सरशाही की असली तस्वीर
भारतीय अफ़सरशाही की दुनिया की हकीकत क्या है? लाट साहबों को कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं? क्या समय के साथ बदल रही है भारतीय अफ़सरशाही की दुनिया. हमारी ख़ास पेशकश भारतीय अफ़सरशाही की असली तस्वीर.
- 14 सितंबर 2013
'जिनके इशारों पर चलता है सिस्टम'
'भारतीय अफ़सरशाही की असली तस्वीर'श्रृंखला की शुरुआत हम कर रहे हैं एक कलेक्टर के रोजमर्रा की ज़िंदगी से. कलेक्टर को अपने इलाके का राजा कहा जाता है. पर इस राजा पर भी हमेशा एक तलवार लटकती रहती है. पढ़िए कि कितनी आसान और कितनी दुश्वार है इनकी ज़िंदगी.
- 16 सितंबर 2013
कहने को कलक्टर लेकिन कार्यकाल सिर्फ़ छह महीने
भारत में आईएएस की नौकरी को लाट साहब की नौकरी माना जाता है, लेकिन इन दिनों लाट साहबों को एक अलग तरह की मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. औसतन छह महीने के भीतर उनका तबादला होने लगा है. पढ़िए भारतीय अफ़सरशाही की असली तस्वीर की दूसरी कड़ी.
- 17 सितंबर 2013
वो अफ़सर जिसने भारतीय खेतों को बदल दिया
भारतीय अफ़सरशाही सिरीज़ की 14वीं कड़ी में आज बात उस अफ़सर की जिसने देश में हरित क्रांति पैदा करने में अहम भूमिका अदा की. बी शिवरामन अगर नहीं होते तो देश अनाज के मामलों में आत्मनिर्भर नहीं बनता.
- 29 सितंबर 2013
टीएन शेषन: अपने दम पर देश में चुनाव सुधार का करिश्मा
टीएन शेषन की पहचान एक कड़क प्रशासनिक अधिकारी की रही, उन्होंने अकेले अपने दम पर भारत में चुनाव की प्रक्रिया को काफी हद तक सुधार दिया. भारतीय अफ़सरशाही की सिरीज़ की 13वीं कड़ी में बात शेषन की.
- 28 सितंबर 2013
अधिकारी, जिसने राष्ट्रपति की सुविधाओं पर सवाल उठाए
भारतीय अफ़सरशाही सिरीज़ की अंतिम कड़ी में आज बात उस अधिकारी की जिसने राष्ट्रपति की सुविधाओं से सरकार पर पड़ने वाले ख़र्च का हवाला देते हुए उन सुविधाओं पर सवाल उठाए थे.
- 1 अक्तूबर 2013
वो अफ़सर जो भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों का दोस्त था
धरम वीरा भारत के उन प्रशासनिक अधिकारियों में शुमार किए जाते हैं जिन्होंने अपनी काबिलियत से एक अलग पहचान बनाई. वे एक ही समय में नेहरू के ख़ास थे जबकि लियाकत अली खाँ से उनकी दोस्ती भी रही. भारत अफ़सरशाही पर सीरिज़ की आठवीं कड़ी.
- 23 सितंबर 2013
इन्होंने 'नो मिनिस्टर'कहने का साहस दिखाया
अमूमन ये माना जाता है कि मंत्रालय सचिव की भूमिका बेहद अहम होती है, क्योंकि मंत्री उनकी सलाह के बिना कोई फ़ैसला नहीं लेते. लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ है जब मंत्री कुछ चाहते हों और सचिव ने कहा हो 'नो मिनिस्टर.'भारतीय अफ़सरशाही की अगली कड़ी.
- 19 सितंबर 2013
'इस अफ़सर ने हरियाणा की तस्वीर बदल दी'
हरियाणा की राजनीति में बंसी लाल, देवी लाल और भजन लाल एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते रहे लेकिन इन तीनों का एक समान भरोसा एक अफ़सर में था, जिसने हरियाणा की तस्वीर बदल दी. भारतीय अफ़सरशाही पर हमारी सीरिज़ की 12वीं कड़ी में बात एस.के. मिश्रा की.
- 27 सितंबर 2013
संजय गांधी के ख़िलाफ़ गवाही देने वाला अधिकारी
भारतीय अफ़सरशाही सिरीज़ की 15वीं कड़ी में आज बात उस अफ़सर की, जो कभी इंदिरा गांधी के काफ़ी नज़दीक रहे. हालांकि बिशन टंडन को बाद में इंदिरा की नाराज़गी के चलते इस्तीफ़ा भी देना पड़ा था.
- 30 सितंबर 2013
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