मीडिया में आजकल आ रहे ज्यादातर छात्र - ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोगों की श्रेणी में है .इस रोग से उबर कर ही आप बहुत आगे और बहुत सफल हो सकते है । तमाम नवांकुर पत्रकारों के लिए यह कविता एक मार्गदर्शक की तरह है।
(याद आलोक की, चुनौती मीडिया की)
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग न विचारशील होते हैं, न कल्पनाशील, न संवेदनशील. न लालित्य होता है, न भावाबोधक. न पढ़े, न लिखे.- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग अपनी बात को बहुत घुमा फिरा कर, बहुत सिटपिटाए ढंग से कहते हैं. वे ख़ुद को पहले बचाना चाहते हैं.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग वक़्त और जगह बहुत ख़राब करते हैं. अपना, दूसरों का.
- वे बहुत शोर करते हैं, पर गूँजते नहीं. ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग आग ज़्यादा लगाते हैं, रौशनी कम करते हैं.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोगों का विश्वास सरकार और पूँजीपतियों पर ज़्यादा होता है, ख़ुद के लिखे की ताक़त पर कम.
-ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग हाँका बहुत लगाते हैं, शिकार नहीं कर पाते.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग क़तार के आख़ीर में खड़े लोगों की आँखें ठीक से नहीं पढ़ पाते.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग बहुत चतुर सुजान बनते हैं और कहानी की माँग के आगे, उसूलों की परवाह नहीं करते.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग अपने वाक्य के अलावा हर जगह ऐंठे दिखालाई पड़ते हैं.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग ढंग से न लिखे गये दूसरे वाक्यों का आशय तुरंत समझ लेते हैं.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग अपनी तशरीफ़ों को कम से कम तकलीफ़ देने में यक़ीन रखते हैं. वे न दंडकारण्य जाते हैं, न कालाहांडी , न कारगिल
- ढंग के वाक्य न लिख पाने वाले लोग वक़्त के साथ बदलते हैं, उनका साथ वक़्त को नहीं बदल पाता.
- ढंग के वाक्य न लिख पाने वाले लोग तुलनाओं में, स्पर्धाओं में, टुच्चेपन में फँसे हुए लोग होते हैं.
- ढंग के वाक्य न लिख पाने वाले लोग उन लोगों के लिए निविदा सूचनाओं की तरह होते हैं, जो ढंग की सी ख़बर पढ़ना चाहते हैं.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग अपना ही ढंग से न लिखा गया वाक्य ढंग से नहीं पढ़ पाते.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग शब्दों और जुमलों के मशीनी और औद्योगिक पुर्ज़े होते हैं.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोगों के वाक्य पढ़ने में पढ़ने वाले का साँस अक्सर फूल जाता है.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग सरकार से सब कुछ प्रेस ब्रीफ़िंग में ही बता देने की माँग करते हैं.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने लोगों की पत्रकारिता में भर्ती या तो सिफ़ारिश का मामला है, या जुगाड़ का.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग सत्तासीन लोगों और कॉरपोरेट कम्पनियों से सुविधाओं की माँग करते हैं.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग ढंग के सवाल भी नहीं कर पाते.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग कम हवा वाली फ़ुटबॉल से गोल मारने की उम्मीद रखते हैं.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोग फ़तवे बहुत जारी करते हैं.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोगों को पता होता है कि वे ढंग का वाक्य नहीं लिख सकते.
- ढंग का वाक्य न लिख पाने वाले लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल होता है आँख में आँख डालकर बात कर पाना.