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विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ वीरेन्द्र सहवाग
पूरा नाम | वीरेन्द्र सहवाग | ||
जन्म | 20 अक्टूबर 1978 | ||
बल्लेबाज़ी का तरीक़ा | {{{बल्लेबाज़ी का तरीक़ा}}} | ||
गेंदबाज़ी का तरीक़ा | {{{गेंदबाज़ी का तरीक़ा}}} | ||
टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट | ||
मुक़ाबले | 92 | 240 | |
बनाये गये रन | 7890 | 8025 | |
बल्लेबाज़ी औसत | 52.16 | 34.85 | |
100/50 | 22/30 | 15/37 | |
सर्वोच्च स्कोर | 319 | 219 | |
फेंकी गई गेंदें | 3243 | 4230 | |
विकेट | 39 | 92 | |
गेंदबाज़ी औसत | 44.41 | 40.39 | |
पारीमें 5 विकेट | 1 | 0 | |
मुक़ाबले में 10 विकेट | 0 | नहीं है | |
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | 5/104 | {{{एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सर्वोच्च गेंदबाज़ी}}} | |
कैच/स्टम्पिंग | 44/0 | 69/0 | |
8 दिसम्बर, 2011के अनुसार स्रोत: [1] |
अनुक्रम
व्यक्तिगत जीवन
सहवाग का जन्म 20 अक्टूबर 1978 को हरियाणाके एक जाटपरिवार में हुआ। सहवाग अपने माता-पिता के चार बच्चों में तीसरे संतान हैं। सहवाग से बड़ी दो बहनें मंजू और अंजू हैं जबकि उनसे छोटा एक भाई है विनोद। सहवाग के पिता किशन सहवाग बताते हैं कि वीरू में क्रिकेट के लिये प्यार सात माह की उम्र से ही जाग गया था जब उन्होंने पहली बार उसे खिलौना बैट लाकर दिया। यही वीरू बारह साल की उम्र में क्रिकेट के दौरान जब अपना दाँत तुड़वाकर घर पहुँचा तो पिता ने उसके क्रिकेट खेलने पर प्रतिबन्ध लगा दिया। बाद में वीरू की माँ कृष्णा सहवाग के हस्तक्षेप के बाद ही यह प्रतिबन्ध हटा। उसके बाद तो क्रिकेट उनकी जिन्दगी का जैसे पहला प्यार ही बनकर रह गया। वैसे यह अलग बात है कि 2004 में उन्होंने आरती नाम की एक कन्या से शादी रचा ली और उससे उनके दो पुत्र भी हैं। वे अपने परिवार के साथ दिल्लीके नज़फगढ इलाके में रहते हैं।[2]खिलाड़ी जीवन
"वीरेन्द्र सहवाग भारतका ऐसा बल्लेबाज़जिससे दुनिया का हर गेंदबाज खौफ खाता है"यह मानना है इमरान ख़ानसे लेकर रिचर्ड हेडली और बॉब विलिस के दिल में खौफ पैदा करने वाले विवियन रिचर्डसका।[3]अभी हाल ही में दक्षिण अफ्रीकाके खिलाफ युसूफ पठान ने यादगार तूफानी पारी खेलने के बाद पत्रकारों से कहा था "वीरेंद्र सहवाग के बेखौफ अंदाज ने उन्हें इस कदर खेलने के लिए प्रेरित किया।"सहवाग भारतीय टीम को बहुत तेज शुरुआत देते हैं और गेंदबाजों पर शुरू से ही हावी हो जाते हैं। सहवाग अगर अपने फॉर्म में हों तो किसी भी आक्रमण को ध्वस्त करने की क्षमता रखते हैं। सहवाग जब तक क्रीज पर रहते हैं तब तक विरोधियों के माथे पर उनकी क्रीज पर मौजूदगी का खौफ साफ-साफ देखा जा सकता है।[4]"नज़फगढ़ के नवाब", "मुल्तान के सुल्तान"और "जेन मास्टर ऑफ़ माडर्न क्रिकेट"जैसे अनेक उपनामों से नवाज़े जाने जाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने अपना पहला अन्तरराष्ट्रीय मैच 1999 में पाकिस्तानके खिलाफ खेला था। इस मैच में सहवाग एक रन बनाकर चलते बने और गेंदबाजी के दौरान तीन ओवरों में 35 रन दे डाले। इसके बाद सहवाग को काफी समय तक टीम में शामिल नहीं किया गया। दिसम्बर 2000 में जिम्बाब्वेके खिलाफ घरेलू सीरीज में सहवाग को फिर से टीम में शामिल किया गया। अगस्त 2001 में श्रीलंकाऔर न्यूजीलैंडके खिलाफ ट्राई सीरीज में सहवाग ने पारी की शुरुआत करते हुए कैरियर का पहला अर्धशतक जमाया। इसी सीरीज में न्यूजीलैंड के खिलाफ 69 गेंदों पर शतक ठोककर सहवाग ने अपने हुनर का नमूना पेश किया।
टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से तिहरा शतक जड़ने के रिकार्डधारी सहवाग ने अब तक 228 एकदिवसीय मैच में 13 शतक और 36 अर्धशतकों की मदद से 7380 रन बनाए हैं। उनका एकदिवसीय बैटिंग औसत 34.65 का है। एकदिवसीय मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 219 रन है। दिलचस्प तथ्य यह है कि सहवाग की आक्रामक खेल शैली वनडे क्रिकेट के अनुकूल है लेकिन वह टेस्ट मैचों में अधिक सफल रहे हैं जिसमें उन्होंने 72 टेस्ट मैचों में 52.50 के औसत से 17 शतक और 19 अर्धशतकों समेत 6248 रन बनाये हैं।
कीर्तिमान
एकदिवसीय क्रिकेट मैचों में सबसे तेज गति से शतक बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी का रिकार्ड भी सहवाग के ही नाम है। मार्च 2010 में उन्होंने हैमिल्टन में न्यूजीलैंडके खिलाफ सिर्फ 60 गेंदों पर शतक बनाया था। टेस्ट क्रिकेट में पहले विकेट के लिये सबसे बड़ी साझेदारी का रिकार्ड भी सहवाग के ही नाम है। राहुल द्रविड़के साथ 410 रन की साझेदारी बना करके वीरू ने कीर्तिमान बनाया था। एकदिवसीय क्रिकेट मैच में उनका सर्वाधिक स्कोर 219 रन है जो अभी तक एक विश्व रिकार्ड है।[5]सहवाग एकमात्र ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट मैच में तिहरा शतक जड़ा है। सर डोनाल्ड ब्रेडमैनऔर ब्रायन लाराके बाद सहवाग दुनिया के तीसरे ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक बनाने का कीर्तिमान स्थापित किया है। अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किसी बल्लेबाज द्वारा यह सबसे तेज गति से बनाया तिहरा शतक (319 रन) भी है। तीन सौ उन्निस रन बनाने के लिये उन्होंने सिर्फ़ 278 गेंद ही खेलीं। तीस से ज्यादा औसत के साथ सहवाग का स्ट्राइक रेट दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा वह दुनिया के एकमात्र ऐसे क्रिकेटखिलाड़ी हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक बनाने के साथ एक पारी में पाँच विकेट भी हासिल किये।पुरस्कार
सहवाग को भारत सरकारने 2002 में अर्जुन पुरस्कारदेकर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त उन्हें 2008 में अपने शानदार प्रदर्शन के लिये "विजडन लीडिंग क्रिकेटर इन द वर्ल्ड"के सम्मान से नवाजा गया। सहवाग ने इस पुरस्कार को 2009 में दुबारा अपने नाम किया। 2011 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर के नाते "ईएसपीएन क्रिकीन्फो अवार्ड"भी दिया गया।[6]सन्दर्भ
- www.espncricinfo.com/india/content/story/125215.html