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एक थे धीरेन्द्र ब्रहमचारी
योग की बात होगी तो गुरु धीरेन्द्र ब्रहमचारी याद आएंगे। एक दौर में उनके जलवेथे। उनकी पहुंच प्रधानमंत्रीआवास 1 सफदरजंग रोड तक थी। वे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योग गुरु थे। वे लगभगरोज ही इंदिरा गांधी को योग करवाने जाते थे। उनकी फ्रेंड्स कॉलोनी की ए-50 नंबर की कोठी में देशके शक्तिशाली नेताओ, अभिनेताओं, बड़े उद्योगपतियोंका दिन-भर आना जाना लगा रहता था। ये सब योग धीरेन्द्र ब्रहमचारी से चंदेक मिनटमिलकर ही उपकृत महसूस किया करते थे।
बिहार के मधुबनी से संबंध रखने वाले धीरेन्द्रब्रहमचारी जवाहरलाल नेहरू जी के दौर में ही दिल्ली आ गए थे। वे पहले तीन मूर्तिभवन में इंदिरा गांधी को योग की बारीकियां समझाते थे। वे बाद के दौर में इंदिरागांधी के सलाहकार की भूमिका में आ गए थे। इंदिरा गांधी की1984 में मृत्यु के बाद उनके पास समय ही समय था। अब इस बेदिल दिल्ली ने उनसेदूरियां बना ली थीं। उनसे उनके गिने-चुने मित्र ही मिला करते थे।
वे मीडिया से भीखफा रहते थे क्योंकि वह उनको लेकर तमाम नेगटिव खबरें छापता था। पर वे कुछ खेल पत्रकारोंको अपने घर में बुलाकर कहते थे कि योग को देश में खेल का दर्जा मिले तो बात बने।पर सन 1990 में धीरेन्द्रब्रहमचारी की एक हादसे में मौत हो गई और उनकेजाने के साथ ही उनके फ्रेंड्स कॉलोनी वाले घर की रौनक खत्म हो गई।
जब दूरदर्शन पर योगसिखाते थेधीरेन्द्र ब्रहमचारी
धीरेन्द्र ब्रहमचारी 1978 से 1983 के दरम्यान दूरदर्शन पर योग की पाठशाला भी चलाते थे। उसमें वे अपने शिष्यबाल मुकुंद से विभिन्न योग क्रियाएं करने के लिए कहा करते थे। बाल मुकुंद महिपालपुरमें रहते हैं। बाल मुकुंद ही धीरेन्द्र ब्रहमचारी के साथ आर.के धवन, बूटा सिंह, य़शपाल कपूर वगैरह कोयोग की जानकारियां दिया करते थे। उन्होंने अपने तमाम शिष्यों में बाल मुकुंद कोदूरदर्शन पर योग पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम के लिए चुना।
बाल मुकंद बतातेहैं कि इंदिरा गांधी की हत्या से धीरेन्द्र ब्रहमचाऱी टूट गए थे। उनकी देखरेख में ही हुई थीइंदिरा गांधी की अत्येष्टि। इसके साथ ही उनके सितारे गर्दिश में आने लगे। दूरदर्शनपर उनका कार्यक्रम बंद हो गया था। उस कार्यक्रम ने उन्हें अखिल भारतीय स्तर परपहचान दिलवाई थी।बाल मुकुंद अब भीयोग की शिक्षा देते हैं। उन्हें भी धीरेन्द्र ब्रहमचारी के घर गए हुए एक जमानागुजर गया है।