Quantcast
Channel: पत्रकारिता / जनसंचार
Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

Jk में रौशनी एक्ट भी ख़त्म

$
0
0

 भाई वेद प्रकाश Ved Prakash जी की वाॅल से...


भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, जम्मू कश्मीर का 'रोशनी एक्ट'खत्म कर दिया है।


सोचिए आज तक किसी मीडिया ने हम लोगों को 'रोशनी एक्ट'के बारे में बताया ही नहीं ।


यह 'रोशनी एक्ट'कश्मीर छोड़कर भाग गए हिंदुओं के मकान, दुकान और जमीन और खेत मुस्लिमों को देने का फारुख अब्दुल्ला द्वारा बनाया गया एक  षड्यंत्र था जिसमें कांग्रेस भी शामिल थी।


1990 के दशक में जितने भी हिंदू कश्मीर से भागे, उन्हें पाकिस्तान के मुसलमानों ने मारकर नहीं भगाया बल्कि उनके ही पड़ोसी, जिनके साथ वह बचपन में सेवई खाते थे, त्यौहार मनाते थे, चाय पीते थे, उन्हीं पड़ोसियों अब्दुल-असलम-गफ्फार ने मार-मार कर भगाया ।


उसके बाद जब पूरी कश्मीर घाटी हिंदुओं से खाली हो गयी, तब फारुख अब्दुल्ला के पास कुछ मुस्लिम गए और बोले कि हिंदुओं के इन मकानों, दुकानों, जमीनों, खेतों-खलिहानो  को  मुसलमानों को देने के लिए आप कुछ नियम बनाइए ।


तब फारुख अब्दुल्ला ने एक 'रोशनी एक्ट'बनाया और इस 'रोशनी एक्ट'के द्वारा सिर्फ ₹101 में किसी भी हिंदू की जमीन, खेत, मकान या दुकान एक मुसलमान की हो जाती थी।


शगूफा यह छोड़ा गया कि मुसलमानों के घरों के आसपास के घर, जो हिंदुओं के थे, वे नहीं हैं; बिजली का कनेक्शन काट देने की वजह से उनके आसपास अंधेरा रहता है जिससे उनके लिए खतरा हो सकता है, इसलिए ऐसे घरों को रोशन करना जरूरी है।


 इस तरह 'रोशनी एक्ट'का ताना-बाना बुना गया।


चूँकि हिंदू जब अपना सब-कुछ छोड़कर भाग गए, तब बिजली का बिल नहीं चुका  पाने की वजह से उनके खेतों के ट्यूबेल का या दुकानों का या घर का बिजली का कनेक्शन काट दिया गया.... फिर फारुख अब्दुल्ला ने एक 'रोशनी एक्ट'बनाया जिसके द्वारा मात्र ₹101 फीस भरकर कोई भी मुसलमान अपने नाम से उस हिंदू के खेत-खलिहान, मकान, दुकान के लिए बिजली का कनेक्शन लेने का आवेदन भर सकता था।

 इस तरह पहले उस मुसलमान के नाम बिजली का बिल जनरेट कर दिया जाता था; उसके बाद कुछ ही सालों में उस वक्त हिंदू की मकान, दुकान या खेत का पूरा मालिकाना हक उस मुसलमान को दे दिया गया।


इस तरह इस अन्यायी 'रोशनी एक्ट'द्वारा फारुख अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी के हजारों हिंदुओं की  बहुमूल्य संपत्ति मुसलमानों को मात्र ₹101  रुपये में दे दी।


और सबसे आश्चर्य कि भारत की वामपंथी मीडिया ने कभी इस 'रोशनी एक्ट'की चर्चा तक कहीं नहीं की।

(व्हाट्सएप पर प्राप्त)


Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>