#टीआरपी घोटाला मामला और व्हाट्सएप चैट लीक मामले में रिपब्लिक भारत के मालिक और एंकर पत्रकार अर्णब गोस्वामी के खिलाफ मुंबई पुलिस ने चार्ज शीट दाखिल किया है जिसमें चैट की पूरी कॉपी शामिल है आप भी जानिए आखिर क्या है पूरा मामला।
रिपब्लिक भारत के मालिक और एंकर पत्रकार अर्णब गोस्वामी और पूर्व बार्क के अध्यक्ष पार्थ दासगुप्ता के बीच व्हाट्सएप चैट लीक हो जाने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि?
बालाकोट में हुए इतने बड़े स्ट्राइक की जानकारी आखिर किसने एक पत्रकार को दी और एक पत्रकार ने बार्क जैसे संस्थान के अध्यक्ष को दी।
महाराष्ट्र पुलिस की अपराध शाखा के अनुसार पार्थ दासगुप्ता टीआरपी घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता थे। दासगुप्ता ने कई लोगों के साथ मिल कर कुछ खास टीवी समाचार चैनलों को वित्तीय लाभ पहुँचाने के लिए टीआरपी से छेड़छाड़ की। साथ ही मुंबई पुलिस ने अदालत में यह भी कहा था कि रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी ने समाचार चैनल के दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए दासगुप्ता को ‘‘लाखों रुपये’’ की कथित तौर पर रिश्वत दी थी।
अब कुछ सुलगते सवाल जिनका जवाब शायद सरकार और देश के जांच एजेंसियों के पास ना हो।
1. कोई भी ऐसे ऑपरेशन की जानकारी देश के प्रधानमंत्री गृह मंत्री, एनएसए चीफ, एयरफोर्स चीफ और रक्षा मंत्री के पास बस होता है यह जानकारी ऑपरेशन से पहले पायलट को भी पता नहीं होता तो यह जानकारी अर्णब गोस्वामी तक कैसे पहुंची?
2 अर्णब ने पार्थ दास गुप्ता को स्ट्राइक से 3 दिन पहले 23 फरवरी को यह कहा कि कुछ बड़ा होने वाला है तब पार्थ दास गुप्ता ने पूछा दाऊद तब अर्णब गोस्वामी ने जवाब दिया नहीं पाकिस्तान पर कुछ बड़ा होने वाला है और इससे देश की जनता में जोश आ जाएगा और उससे देश के बिग मैन को इस सीजन में चुनाव में बहुत फायदा होगा इससे हमारा भी बहुत फायदा होगा।
3 तो क्या अर्णब गोस्वामी पत्रकारिता छोड़कर मोदी को चुनाव जिताने में लगे हैं और क्या देश के प्रधानमंत्री और बीजेपी देश के जनता के भावनाओं से खेलते हुए चुनाव जीत रहे हैं? जब बालाकोट एयर स्ट्राइक की जानकारी एक पत्रकार को पहले से है साथ ही वह कहता है कि इससे देश की जनता में जोश आ जाएगा और चुनाव में बिगमैन को फायदा होगा तो क्या यह सभी प्रायोजित था ताकि देश की जनता के भावनाओं से खेलते हुए बीजेपी उपचुनाव जीत जाए।
4 और क्या लोकतंत्र की गरिमा बचाने के लिए बार्क के पूर्व अध्यक्ष और रिपब्लिक भारत के तत्कालीन मालिक अर्णब गोस्वामी के ऊपर official secret act 1923 के तहत एफ आई आर दर्ज होगा जिसमें कठोर से कठोर सजा का प्रावधान है।