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फांसी के करीब पहली महिला शबनम का सच

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 भारत के इतिहास में आजादी के बाद पहली बार होगी किसी महिला को फांसी,अनोखी प्रेम कहानी, जाने कौन है शबनम और क्या है पूरा मामला।👇👇👇


दरअसल मामला उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावन खेड़ी गांव का है जब एक अंधी प्रेम कहानी ने पूरे परिवार को लाशों में तब्दील कर दिया। प्रेम का परवान ऐसा चढ़ा कि सीधा अब फांसी के फंदे तक जाकर खत्म होगा। 


मामला बावन खेड़ी गांव का है 


 एक शबनम नाम की युवती गांव के ही एक सलीम नाम के युवक से प्रेम करती थी युवक भी छुप  छुपकर मिलने आया जाया करता था। लेकिन यह बात शबनम के परिवार वालों को मंजूर नहीं था। यह बात जानने के बाद आरोपी सलीम ने शबनम को पूरे परिवार की हत्या करने की सलाह दी और 14 अप्रैल 2008 की रात को सबसे पहले शबनम ने परिवार वालों को नींद की गोलियां दी और फिर नींद की गोलियां देने के बाद कुल्हाड़ी से  बारी बारी परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी जिसमें पिता सौकत, मां हाशमी, भाई अनीश, रसीद, फुफेरी बहन राबिया, भाभी अजुंब और 10 महीने का भतीजा अर्श थे। फिर इस मर्डर को नए मोड़ देने  की कोशिश की गई और सुबह होते ही शबनम ने पूरे मोहल्ले में शोर मचाना शुरू कर दिया, लेकिन एक मशहूर कहावत है ना कि कानून के हाथ लंबे होते हैं सारे मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस को चाय पत्ती के डिब्बे में एक सिम कार्ड मिली और जब उस सिम कार्ड की डिटेल निकाली गई तब घटना की रात शबनम ने सलीम को 50 से ज्यादा बार कॉल किया था। यही कॉल डिटेल के माध्यम से मामले की विवेचना हुई तब सब दूध का दूध पानी का पानी हो गया। यह खूनी घटना सुबह होती तक पूरे देश और राज्य में अखबार की सुर्खियों में आ गई और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी पीड़ित परिवार का जायजा लेने पहुंची थी। 


शबनम शादी से पहले ही सलीम के तरफ से प्रेग्नेंट हो चुकी थी और उन्होंने जेल में एक बच्चे को भी जन्म दिया जिसका नाम ताज है।

शबनम को 2008 में ही निचली अदालत ने फांसी की सजा सुना दी, लेकिन मामला आगे बढ़ते गया और 2015 में भी फांसी की सजा सुनाई गई अब मामला राष्ट्रपति के पास दया याचिका के लिए पहुंची थी उसे भी देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दिया यह मांग शबनम के वकील, उनके दोस्त और उनके बेटे द्वारा की गई थी। दरअसल अनुच्छेद 72 के तहत भारत के राष्ट्रपति के पास  अधिकार होता है कि किसी भी आरोपी की फांसी या सजा को माफ कर सकते हैं।


 शबनम को मथुरा जेल में ही फांसी होगी इसके लिए बक्सर से फांसी में चढ़ाने के लिए रस्सी भी मंगा लिया गया है और निर्भया कांड के आरोपियों को मौत का रास्ता दिखाने वाले पवन जल्लाद ही शबनम को फांसी के फंदे पर चढ़ाएंगे।


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