THURSDAY, JUNE 7, 2018
/ जब अभिनेत्री 'मीना कुमारी 'की लोकप्रियता ने 'कमाल अमरोही 'को खूंखार डाकुओं से बचा लिया
मीना कुमारी कमाल अमरोही की फिल्म पाकीज़ा (1974 ) में
मीना कुमारी एक अभिनेत्री के रूप में 32 वर्षो तक भारतीय सिने जगत पर छाई रहीं लेकिन मीना कुमारी को कभी ख़ूबसूरत चेहरे के तौर पर दर्शको ने सराहा नहीं .....मधुबाला 'वीनस ऑफ़ द इंडियन स्क्रीन'नरगिस 'फ़र्स्ट लेडी ऑफ़ इंडियन स्क्रीन'जैसी उपधियो से नवाज़ी गई और मीना कुमारी के हिस्से में सिर्फ 'ट्रेजिडी क्वीन 'का तमगा आया .......बेहद भावुक और सदा दूसरों की मदद करने को तत्पर मीना कुमारी की ज़िंदगी दूसरों को सुख बांटते और दूसरे के दुख बटोरते हुए ही बीती थी उन्होंने धर्मेंदर ,महमूद ,कमाल अमरोही जैसी कई हस्तियों को शिखर तक पहुंचाया भले ही इस के लिए उन्हें अपना कॅरियर और जिंदगी दोनों दांव पर लगानी पड़ी ......मीना को ख़िताब मिला 'ट्रेजेडी क्वीन'का और उन्होंने 'ट्रेजेडी'को अपना ओढ़ना, बिछौना बना लिया लोगों ने समझा कि वो जैसे किरदार फ़िल्मों में कर रही हैं असल ज़िंदगी में भी वो वही भूमिका निभा रही हैं दिलचस्प बात ये थी कि लोगों के साथ-साथ ख़ुद मीना कुमारी ने भी ऐसा समझना शुरू कर दिया था
1949 में जब मीना कुमारी पहली बार कमाल अमरोही से मिलीं उस समय वो शादीशुदा थे उनकी एक फ़िल्म 'महल'हिट हो चुकी थी कमाल मीना को अपनी फ़िल्म 'अनारकली'में लेना चाहते थे इस सिलसिले में वो उनके घर आने लगे और दोनों के बीच मुलाकातों का सिलसिला चल निकला जिस दिन उन्हें नही मिलना होता वो एक दूसरे को एक ख़त लिखते लेकिन उन ख़तों पर कोई टिकट नहीं लगाया जाता वो ख़त वो एक दूसरे को ख़ुद अपने हाथों से देते .....फिर इन दोनों की टेलिफ़ोन पर लंबी बातें शुरू हुईं अमरोही ठीक साढ़े 11 बजे रात को मीना कुमारी को फ़ोन लगाते और सुबह साढ�