*गलती कहां हो रही है?*
✓बीमारी को पहचानने में देरी।
✓बीमारी को स्वीकार करने में देरी।
✓इलाज शुरू करने में देरी।
✓कोरोना (RTPCR) टेस्ट कराने में देरी।
✓लक्षण होने के बावजूद टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार करना और तुरंत इलाज शुरू नही करना।
✓बीमारी की गंभीरता को समझने में देरी।
✓दवाइयों से डर के कारण सारी दवाइयां खाने के बजाय आधी अधूरी दवाइयां खाना।
✓पांचवे या छठे दिन तबियत ज्यादा खराब होने पर भी CT और ब्लड टेस्ट नहीं कराना।
✓दूसरे स्टेज का ट्रीटमेंट (स्टीरॉयड) छठे दिन से शुरू नहीं करना और इसमें देरी करना।
✓Steroid की अपर्याप्त डोज लेना।
साथ में anticoagulent (खून पतला करने और खून में थक्का बनाने से रोकने की दवा) न लेना।
✓ऑक्सीजन लेवल नापने में लापरवाही के कारण ऑक्सीजन लेवल गिरने (Hypoxia) को समय से पकड़ न पाना।
✓ऑक्सीजन गिरने पर अस्पताल पहुंचने में देरी।
✓छठे दिन HRCT टेस्ट में 15/25 या उससे ऊपर का स्कोर आने पर भी घर में इलाज और तुरंत अस्पताल में भर्ती हों कर intravenous (इंजेक्शन से) ट्रीटमेंट न लेना।
*ध्यान रखें, पहला हफ्ता आपके हाथ में*
*दूसरा हफ्ता आपके डॉक्टर के हाथ में*
*और तीसरा हफ्ता भगवान के हाथ में।*
आइए इस संदेश को सभी 130 करोड़ भारतीयों तक पहुंचाएं।
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