देश के पूर्व राष्ट्रपति K R Narayanan का कल स्मरण दिवस था. राष्ट्रपति नारायणन के तत्कालीन प्रेस सचिव S N Sahu ने उन्हें याद करते हुए लिखा कि जिस तरह नारायणन साहब ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में संविधान और सेक्युलरिज्म की रक्षा की, वह बेमिसाल है.
लंबे समय तक भारत की संसद और विधानमंडलो के मामलों के 'कवर'कर चुके एक पत्रकार के तौर पर मुझे श्री साहू का मूल्यांकन सही लगता है.
भारत में अब तक हुए सभी राष्ट्रपतियों की सूची और उनके योगदान पर नज़र डालता हूं तो मुझे K R Narayanan देश के श्रेष्ठतम राष्ट्रपति लगते हैं. मुझे लगता है किसी बडे शोध संस्थान या विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र या संवैधानिक मामलों में शोध करने वाले किसी विद्वान को इस विषय पर तथ्यपरक काम करना चाहिए. भावी पीढियों के लिए वह बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण होगा.
हमारा सौभाग्य रहा कि के आर नारायणन देश के राष्ट्रपति बनने से पहले एक ऐसे विश्वविद्यालय के कुलपति थे, जहां हम एमफिल/पीएचडी करने गये. वह अमेरिका में भारत के राजदूत और फिर उपराष्ट्रपति बनने से पहले सन् 1979-80 में दिल्ली स्थित JNU के कुलपति थे. उस दौर में मैं एम.फिल्. कर रहा था और दो मौकों पर मेरी उनसे मुलाकात और संक्षिप्त बातचीत हुई थी.
अपने पूर्व कुलपति और देश के सुयोग्य और श्रेष्ठतम राष्ट्रपति रहे K R Narayanan की स्मृति को सलाम और श्रद्धांजलि.
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