Quantcast
Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

जानने में क्या हर्ज़ हैं?

प्रस्तुति - रेणु दत्ता / आशा सिन्हा 




सूर्य जब भी पश्चिम में गया है अस्त ही हुआ है 


*हमारे पास तो  पहले से ही अमृत से भरे कलश थे...!*


*फिर हम वह अमृत फेंक कर उनमें कीचड़ भरने का काम क्यों कर रहे हैं...?🤔*


*जरा इन पर विचार करें...👇*


० यदि *मातृनवमी* थी,

तो Mother’s day क्यों लाया गया?


० यदि *कौमुदी महोत्सव* था,

तो Valentine day क्यों लाया गया?


० यदि *गुरुपूर्णिमा* थी,

तो Teacher’s day क्यों लाया गया?


० यदि *धन्वन्तरि जयन्ती* थी,

तो Doctor’s day क्यों लाया गया?


० यदि *विश्वकर्मा जयंती* थी,

तो Technology day क्यों लाया गया?


० यदि *सन्तान सप्तमी* थी,

तो Children’s day क्यों लाया गया?


० यदि *नवरात्रि* और *कन्या भोज* था,

तो Daughter’s day क्यों लाया गया?


० *रक्षाबंधन* है तो Sister’s day क्यों ?


० *भाईदूज* है तो Brother’s day क्यों ?


० *आंवला नवमी, तुलसी विवाह* मनाने वाले हिंदुओं को Environment day की क्या आवश्यकता ?


० केवल इतना ही नहीं, *नारद जयन्ती* ब्रह्माण्डीय पत्रकारिता दिवस है...


० *पितृपक्ष* ७ पीढ़ियों तक के पूर्वजों का पितृपर्व है...


० *नवरात्रि* को स्त्री के नवरूपों के दिवस के रूप में स्मरण कीजिये...


*सनातन पर्वों को गर्व से मनाईये...*

*पश्चिमी अंधानुकरण मत अपनाइये*

ध्यान रखे... 

"सूर्य जब भी पश्चिम में गया है तब अस्त ही हुआ है "


अपनी  संस्कारी जड़ों की ओर लौटिए। अपने सनातन मूल की ओर लौटिए। व्रत, पर्व, त्यौहारों को मनाइए। *अपनी संस्कृति और सभ्यता को जीवंत कीजिये।* 

🙏


Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

Trending Articles