मल्लहार राव होल्कर का जन्म चरवाहा परिवार में हुआ था, जिनको बाजीराव पेशवा (ब्राह्मण) ने उनकी योग्यता के कारण इन्दौर का शासक बना दिया।
उनके बेटे खंडेराव की पत्नी थीं अहिल्याबाई होल्कर....
विधवा हो जाने के बाद मालवा का राज अहिल्याबाई ने ही संभाला, सैकड़ो मंदिर, घाट और गुरुकुल बनवाये।
अहिल्याबाई बहुत बड़ी शिवभक्त और कवि भी थीं।
उनके धर्म परायण कार्यों के कारण उन्हें ‘देवी'अहिल्याबाई कहा गया, हिंदुओं के धार्मिक स्थल विश्वनाथ धाम में उनकी भी मूर्ति स्थापित हो गयी।
लेकिन वामपंथी इतिहास ने हमको मात्र यही पढाया है कि निम्न वर्ग का शोषण होता था, विधवाओं को सती कर दिया जाता था, उनसे कोई शुभ कार्य नहीं करवाए जाते थे।
जहां वामपंथी समझाते हैं कि ब्राह्मण तुम्हारा कैसे शोषण करते थे जबकि ब्राह्मणों ने तो महारानी आहिल्यबाई को हमेशा देवी आहिल्यबाई ही माना।
प्रस्तुति - श्री अरुण