प्रस्तुति - राकेश सिन्हा / रागिनी सिन्हा
🌹👆‘मेरा साया’* यह फिल्म १९६६ में आई थी . *'झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में...!’* इस फिल्म का एक लोकप्रिय गीत है . इस गीत में *बरेली के बाजार में नायिका का झुमका खो गया हुआ है . मगर अब ५४ वर्ष बाद वो मिल गया है .* उस झुमके को देखने आप को बरेली जाना होगा .
*बरेली यह उत्तर प्रदेश का एक शहर है.* ५४ वर्ष पूर्व केवल इस गीत की वजह से संपूर्ण भारत में प्रसिद्ध हो गया था.
अब *बरेली विकास प्राधिकरण ने शहर के एन एच २४ पर झीरो पॉइंट पर एक झुमका लगवाया है . झुमके की ऊंचाई १४ फूट है व वजन है २०० किलोग्रॅम. पितल तथा तांबे से यह झुमका बनाया गया है , गुडगाव के एक कारागिर ने. इसकी किंमत है १८ लाख रुपये.*
इस जगह का नाम है *“झुमका तिराहा.”* ५४ वर्ष बाद, सन २०२० में झुमके का यह स्मारक तैयार हुआ और अब एक पर्यटक आकर्षण का स्थान बन गया है .
इस गाने के गीतकार थे *राजा मेहंदी अली खान.* गायिका *आशा*, संगीतकार – *मदन मोहन.* परदे पर गीत सादर किया था बहारदार नृत्य के संग *दिवंगत साधना जी ने.*
‘मेरा साया’ (१९६६) यह सिनेमा मराठी फिल्म ‘पाठलाग’ (१९६४) का रीमेक था . मूल सिनेमा की कथा से बरेली शहर का कोई भी संबंध नही है .