जस्टिस_फॉर_विभूतिभूषणसिंह-सीरीज-5,,/ श्वेता रश्मि
वाराणसी में #महादेव_महाविद्यालय के फर्ज़ीवाड़े से परत उतारते-उतारते आप थक जाएंगे पर फर्ज़ीवाड़ा खत्म नहीं होगा। चूकि इस मामलें में एक हत्या हो चुकी है इसलिए #जस्टिस_फॉर_विभूतिभूषणसिंह_हत्याकांड में इसका जिक्र जरूरी है। कैसे चंद पैसे और पॉवर के मिसयूज़ के कारण एक हत्या होती है और उसके बाद उसको बचाने और दलाली में चिंदी चोरों का एक गिरोह काम कर रहा है। 2002 में बने इस कॉलेज के पास आज की डेट में कोई रजिस्टर्ड लैंड डॉक्यूमेंट ही नहीं है। #रेवेन्यूफ्रॉड के जरिये मामला चल रहा है, सब कुछ हवा हवाई तरीके से संचालित है और मजे की बात ये है की काशी विद्यापीठ के विभागीय अधिकारी और पूर्व कुलपति त्रिलोकीनाथ सिंह रजिस्ट्रार साहेब लाल मौर्य इस फर्ज़ीवाड़े के लिए महादेव के प्रबंधक अजय सिंह के साथ बराबर के दोषी है। पूर्व जिलाधिकारी ने इस संदर्भ में जब 2019 में #MGKVP को लेटर के द्वारा पूछा कि कैसे मान्यता दे दी तो बदले में विश्विद्यालय की तत्कालीन टीम ने झूठा पुलिंदा भेज दिया इसकी पुष्टि Bodhisattva Foundation को मिले कागज़ों के पुलिंदों को देखने के बाद हुई। त्रिलोकीनाथ सिंह के द्वारा मृतक विभूति भूषण सिंह के ऊपर भरपूर दबाव बनाया गया कि #महादेव_महाविद्यालय के फर्ज़ीवाड़े पर वह अपना मुंह बंद कर ले। विभूति का मानसिक और आर्थिक शोषण किया गया इतना ही नहीं बल्कि महादेव के अनुकंपा पर विश्विद्यालय के अंदर बैठे कुछ दलाल बेहद सक्रिय थे उनके नामों से पर्दा भी जल्द उठेगा। खैर इस फर्ज़ीवाड़े में कुछ और नाम शामिल है जिनका चेहरा समय आने पर लोगों के सामने सबूत के साथ रखें जायेंगे। लेकिन वो लोग आज भी सक्रिय है एक हत्या को दबाने में और फर्ज़ीवाड़े में लिप्त #महादेव_महाविद्यालय के प्रबंधक अजय सिंह को बचाने में ये बात न्याय संगत नहीं है।
अब ये सवाल स्वाभाविक है की अजय सिंह के लिए त्रिलोकीनाथ सिंह क्यों इतना व्याकुल थे और क्यों नियमों को ताक पर रखकर #CAG की रिपोर्ट में भी फर्ज़ीवाड़ा पकड़े जाने के बाद शहर के एक मुस्लिम लड़के के सहयोग से पूरे जिले के पुलिस के आला अधिकारियों को सेट कर रहे थे अजय सिंह के लिए क्या कारण था ?? कारण था त्रिलोकीनाथ सिंह का काला अतीत जहाँ वो देश के साथ गद्दारी की एक परियोजना में लिप्त थे मुख्य आरोपी थे। उस सौदेबाजी में मिले पैसों की खपत महादेव महाविद्यालय में लगाई गई थी और रखवाली के लिए त्रिलोकीनाथ सिंह का रिश्तेदार इस कॉलेज में प्रिंसिपल है।। मतलब इस फर्ज़ीवाड़े में बराबर का हिस्सेदार कौन हुआ ?? त्रिलोकीनाथ सिंह आजकल पटना #IIT का डायरेक्टर है। जो व्यक्ति देश की निजी और गोपनीय दस्तावेजों के साथ खिलवाड़ कर सकता है क्या उसके दिमाग में दूसरे आपराधिक षड्यंत्र नहीं होंगे!
कभी उसने इस फर्ज़ीवाड़े पर आखिर क्यों कारवाई नहीं की, इसका कारण वो गलबहियां और निजी नितांत शयनकक्ष तक में आवागमन एक वजह है व्यापार में सांझेदारी के। अब उस फर्ज़ीवाड़े को बचाने के लिए विश्विद्यालय की नई रजिस्ट्रार महोदया आतुर है मैडम ना सिर्फ बचाव कर रही है बल्कि त्रिलोकीनाथ सिंह गैंग के इशारों पर काम कर रही है, इसलिए #NCTE के द्वारा बीएड की डिग्री पर रोक लगाने के साथ मैडम को जांच की बात कही गई थी उसपर आज तक अमल नहीं हुआ बल्कि एक हत्या और हो गई जिसमें शहर के शिक्षा माफियाओं और भू माफियाओं के सिंडिकेट काम कर रहा है। बीएड पर फाइनल #SCN जारी है पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की रजिस्ट्रार कानों में इत्र डुबोया फाया लगा कर मस्त है।
बाकी की सूचना भी जल्द क्योंकि इस भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए मुझे कुछ छ्द्म राष्ट्रवादियों के द्वारा टारगेट किया जा रहा है। फ़र्ज़ी मुकदमें लादे जा रहे हैं। मेरी जान को परिवार की जान को खतरा है क्योंकि ये सत्य और असत्य की लड़ाई है आपका साथ चाहिए इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में मदद करें ताकि न्याय मिल सके।
#YogiAdityanath #CMOfficeUP #PMOIndia #PMOffice #dmvaranasi #VaranasiPolice #BJP4India #MGKVP #mahadevfraud #UttarPradeshGovernment #UPGovt #AmitShah #Anandiben #IITpatna #BJP4UP #Congress #RahulGandhi #PriyankaGandhi
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