वे हिंदी पत्रकारिता की ऐसी शख्सियत हैं जो अपनी लम्बी पत्रकारीय पारी को निष्कलुष,निष्कण्टक और निष्पाप खेल गए और न किसी विवाद से जुड़े,न किसी प्रपंच में फंसे।
अज्ञेय से ले कर कन्हैयालाल नन्दन वाया रघुवीर सहाय उनके संपादक रहे और राष्ट्रपति जाकिर हुसैन,ज्ञानी जैल सिंह,अटलबिहारी वाजपेयी, राजीव गांघी,हरचंद सिंह लोंगोवाल,इंद्रकुमार गुजराल से ले कर तमाम राजनेताओं से उनके आत्मीय रिश्ते रहे हैं पर उनके झक्क सफेद कपड़ों पर कभी कोई काला धब्बा नहीं लगा।
हिंदी पत्रकारिता के इस अजात शत्रु Trilok Deep ने आज पूरे किए हैं उम्र के 87 साल।
आपको बहुत बहुत मुबारक हो आज का दिन हिंदी पत्रकारिता के स्वर्ण दिनों के साक्षी आदरणीय त्रिलोक दीप जी।
जन्मदिन पर अनन्त मंगलकामनाएं।