मेरे नाना, , स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंदर सिंह उर्फ़ सुराजी बाबू (निवासी ग्राम- अहिरौली बघेल, जिला- देवरिया, उप्र) जिन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश (तब संयुक्त प्रांत) में ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिला दी थीं।
महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बिहार से सटे इलाक़े में आंदोलनकारियों का नेतृत्व किया था। उन्हें ज़िंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए ब्रिटिश हुकूमत ने 1942 में 1000 रुपए का इनाम रखा था।
अंग्रेजों की रतसिया नील कोठी और बनकटा रेलवे स्टेशन इनके नेतृत्व में फूंका गया था। उसके बाद वे फरार थे। उनका घर दो बार ब्रिटिश सरकार द्वारा किरोसिन तेल डालकर आग के हवाले कर दिया गया था।
मेरी नानी ने अपनी दो नन्ही बेटियों राधिका, सुखना और गर्भ में पल रही मेरी माँ मुंद्रिका ( नाना जब भूमिगत थे तो उनकी तीसरी बेटी यानि मेरी मां का जन्म हुआ और उनका यही नाम रखा गया) के साथ खेतों में छिपकर प्राण रक्षा की।
नाना की फरारी, गिरफ्तारी और देश के 1947 में आज़ाद होने तक उनके बनारस सेंट्रल जेल में क़ैद रहने तक नानी ने अपनी 3 बेटियों संग बहुत ही मुफलिसी, बेचारगी, दरिद्रता, लोगों/रिश्तेदारों द्वारा अंग्रेजों के डर से मदद न करने के दंश को झेलते हुए जीवन गुजारा और नन्ही मुन्नी बेटियों को किसी तरह पाला।
इनाम के लालच में उन्हें एक गद्दार परिवार ने बस्ती जिले के एक गाँव मे गिरफ्तार करा दिया, जहाँ वे छिपे हुए थे। गोरखपुर कोर्ट में इनपर मुकदमा चला और जज ने मृत्युदंड की सजा तामील करने का हुक्म सुनाया। जिसे ब्रिटिश प्लांटर बर्कले की दो बेटियों की इस गवाही पर कि रतसिया कोठी जब इनके नेतृत्व में फूंका जा रहा था, इन भैया ने हमारी इज्जत बचाई और हमें वहां से निकलने के लिए सेफ पैसेज दिया, जिससे हमारी जान बची। अंग्रेज जज ने फाँसी की सजा को 35 साल बामशक्कत कैद में तब्दील कर दिया।
आज़ाद भारत मे नाना को भारत सरकार ने 40 एकड़ जमीन किच्छा में खेती के लिए दिया। नाना ने उस जमीन को संत विनोबा भावे के भूआंदोलन में यह कहकर दान कर दिया कि, देश के लिए हम लड़े, उसके बदले में कुछ लेना देश के प्रति गद्दारी और नमकहरामी होगी।
ऐसे सेनानी देशभक्त बलिदानी महापुरुष को आज़ादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर शत शत नमन।🙏🏿🙏🏿
🙏🏿 निवेदन 🙏🏿
(नाना के जीवनी लेखन पर मैं काम कर रहा हूँ। अगर किसी सुधिजन को उनके और उनसे संबंधित इतिहास की कोई जानकारी हो तो वो मुझसे साझा कर सकते हैं। उनका पूरा सम्मान किया जाएगा।)