"पत्रकार को विद्या व्यसनी और ज्ञान पिपासु होना चाहिए. ये दोनों गुण ब्राह्मणों में पाया जाता है", ऐसा कहा करते थे-1970 के दशक में पटना में पदस्थापित 'आज दैनिक'के ब्यूरोचीफ पारस नाथ सिंह साहेब. तब आज दैनिक बनारस और दिल्ली से प्रकाशित होता था.
श्री सुरेंद्र किशोर Surendra Kishore जी में ये दोनों गुण उम्र के इस पड़ाव में भी दृष्टिगोचर होता है. ग्यारह अखबार (११) का पाठन और उपयोगी खबरों व आर्टिकल को काटकर लिफाफे में रखना इनकी दैनिकचर्या में शामिल है. इन्हें इस बात का संतोष है कि इनकी तीनों संतानें भी विद्या व्यसनी हैं और इनके धरोहर को आगे ले जाएंगे.
बतौर श्री सुरेन्द्र किशोर, हिन्दी अखबारों में भी पहले अंग्रेजी अखबारों के सदृश्य व्यक्ति के नाम के आगे मि.(मिस्टर) लगाया जाता था, लेकिन आज दैनिक के संपादक परारकर जी ने 'श्री'लगाने की परंपरा का इज़ाद भारत में प्रथम बार आज दैनिक अखबार में किया था.
पुस्तक: #लोकराज_के_लोकनायक के एक मुख्य किरदार की कुछ तस्वीरें अनुमति से और कुछ बगैर अनुमति के क्लिक की गई हैं .
With Amrita Singh ji