ए. विजय अरोड़ा* की वॉल से साभार
जुलाई 2017 में एक ऐसी घटना घटी जिसने फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर कर रख दिया था। एक्टिंग का कोई काम नहीं मिलने पर 62 साल की नेशनल अवॉर्ड विनिंग एक्ट्रेस नीना गुप्ता ने इंस्टाग्राम पर अपनी एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, 'मैं मुंबई में रहती हूं। मुझे पता है कि मै अच्छा अभिनय कर लेती हूं। मुझे चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं और काम की तलाश है''
उनकी यह पोस्ट खबर बन गई। कई अभिनेताओं ने पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी। नई पीढ़ी की अभिनेत्रियों ने लिखा 'यह पोस्ट हमें हमेशा के लिए प्रेरित करेगी।'एक अनुभवी, दिग्गज और पुरस्कार विजेता कलाकार के फिल्म उद्योग में काम की तलाश के ईमानदार अनुरोध से लोग प्रभावित हुए।
फिर क्या हुआ ?
उन्हें फिल्म 'बधाई हो'मिली।
लंबे सूखे के बाद आखिरकार उन्हें अच्छा रोल मिPल ही गया और 2018 में रिलीज हुई 'बधाई हो'लोगों के दिलों पर छा गई।
फिर काम बढ़ता गया, बढ़ता और इतना बढ़ता गया कि उन्हें ओटीटी अवॉर्ड्स की एक ही कैटेगरी में कई नॉमिनेशन मिलने लगे।
अहंकार को दरकिनार करने के एक ईमानदार अनुरोध ने उनके करियर को पुनर्जीवित कर दिया। इतना ही नहीं पहले से बेहतर काम मिलने लगा। युवावस्था में भी उन्हें इतना काम नहीं मिला था! यह मानने के बजाए कि उसका करियर खत्म हो गया है, एक अभिनेत्री जिसने एक नए रवैए के साथ काम मांगा और दृश्य से शुरूआत की। एक सोशल मीडिया पोस्ट... और बाकी इतिहास है।
जून 2021 में उनकी आत्मकथात्मक पुस्तक ' *सच कहूं तो* 'प्रकाशित हुई।
उस किताब में उन्होंने 2017 की इस पोस्ट को लेकर एक पूरा अध्याय लिखा है। उन्होंने लिखा है कि 'मैंने जो पोस्ट किया था, उस पर मुझे बहुत अफ़सोस हुआ। मैं मीडिया से नहीं डरती थी। मेरे मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित कुछ दोस्तों के फोन आने लगे।
मुझे अपनी बेटी से डर लगता था। मसाबा एक मशहूर फैशन डिजाइनर और पब्लिक फिगर हैं। लोग इसे पहचानते हैं। क्या मेरी इस पोस्ट से मेरी बेटी को शर्म नहीं आएगी? मैं उस विचार से डर गई थी।
और क्या आप जानते हैं कि 62 साल की उम्र में काम की तलाश में बाहर गई मां के लिए बेटी का क्या रिएक्शन था...?
मसाबा गुप्ता ने अपने 2 मिलियन फॉलोअर्स के साथ मां की इस पोस्ट को शेयर किया और लिखा, 'अब आप समझ गए कि मैं काम मांगने से क्यों नहीं शर्माती? यह सब वरसागत है।
नेशनल अवॉर्ड विनर काम मांग सकता है तो हम क्यों नहीं? आदमी को काम करते रहना चाहिए। काम उसे बूढ़ा होने से रोकता है।'
तो क्या बेटी का साथ पाकर मां की गाड़ी चल पड़ी? और ऐसी चली कि अब रुकती नहीं।
लेखिका ब्रायना वेस्ट की एक किताब का नाम है *The Mountain is You* ....... यानी हमारी सफलता के रास्ते में सबसे बड़ा पहाड़ हम खुद हैं।
हमारा अहंकार, शर्म, डर और कुछ मान्यताएं जो हमें आगे बढ़ने से रोकती हैं। काम मांगने में क्या शर्म?
भीख मांगने में शर्म आनी चाहिए, काम मांगने में नहीं। नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए कोई उम्र, योग्यता या योग्यता का बंधन नहीं है।
सीखने और काम करने के लिए उत्सुक होना चाहिए। बुद्धि और तैयारी होनी चाहिए। बाकी सब कुछ अपने आप हो जाएगा।
हमारी सफलता का सबसे बड़ा दुश्मन हमारा अहंकार है।
इसे एक तरफ रख दें तो इस दुनिया में काम की कोई कमी नहीं है।
यह घटना उन लोगों के लिए यादगार है जो अपने पसंदीदा क्षेत्र में ब्रेक नहीं मिलने से निराश हैं।