आसान शब्दों में कहें जो वैज्ञानिक तर्कों पर भी सटीक है, शुद्ध पानी वह है जो स्वादरहित, गंधरहित और रंगरहित हो.
कई लोग पानी को ज्यादा मीठा बनाने के लिए RO या दूसरी तकनीकों से पानी को शुद्ध करने के लिए टीडीएस 100 या उससे नीचे कर देते हैं, इस स्तर पर प्लास्टिक और दूसरी चीजों के कण पानी में घुलने लगते हैं. इसलिए आप अपने RO के टीडीएस को250 से 300 पर सेट करें. पानी मीठा भी रहेगा और अलग से ऐलकलाइन नही लगवाना पड़ेगा साथ ही ph वैल्यू भी ठीक रहेगी ।
50 या उससे नीचे tds करते ही पेट खराब दस्त एसिडिटी आदि समस्याय उत्पन्न होने लगती हैं जो बाद में मानव जीवन के लिए घातक साबित होती हैं तथा शरीर की रोगप्रतोधक क्षमता भी काम होती जाती है ।
जो लोग प्रकृति, मिट्टी ,नदी ,कुएं आदि से जुड़े हैं धूप में ज्यादा रहते हैं उनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता बाकी लोगो के मुकाबले बेहतर होती है क्युकी उनका शरीर विषाणु के प्रति लड़ने के लिए सक्षम बन जाता है ।
शायद सब समझ पाए कि मालिक ने गंगा वाटर आने के बाद भी क्यों भूमिगत जल को उसमे mix करवाया है और मिक्स पानी ही दयालबाग के हर घर हर कॉलोनी में पहुंचाया जाता है 🙏