77 दिन से मणिपुर में जो आपसी संघर्ष हुआ अब वह धीरे धीरे सामने आ रहा है
मणिपुर में इस जातीय संघर्ष के पीछे की दो मुख्य वजह हैं
1 - धर्म
2 - जमीन
इस पूरे विवाद को समझने के लिए पहले आपको कुछ बातें समझनी होंगी
मणिपुर में मैतेई हिन्दू, नागा जनजाति, कुकी जनजाति मुख्य रूप से हैं
मैतेई हिन्दू - माना जाता है कि मैतेई हिन्दू मणिपुर के मूल निवासी हैं, पिछले 2000 साल का इतिहास उठा कर देखें तो मणिपुरी भाषा, यहां के राजा, प्रमुख नृत्य, वेशभूषा इत्यादि मैतेई समाज की ही देन है, इनकी आबादी कुल जनसँख्या की लगभग 42% है
नागा व कुकी जनजाति - इनकी आबादी भी लगभग मैतेई के बराबर ही है लेकिन इनका धर्म ईसाई है, इन्हें राज्य में ST का दर्जा प्राप्त है
विवाद की जड़ - जब मणिपुर के भारत मे विलय हुआ तब मैतेई हिंदुओ से उनका ST का स्टेटस छीन लिया गया, जबकि नागा और कुकी के पास ये मौजूद है
मणिपुर की राजनीति में मैतेई हिंदुओ का दबदबा है, 60 में से 40 विधायक मैतेई हिंदुओ के हैं
पूरे मणिपुर की जमीन को दो हिस्सों में बांटा जाए तो एक है घाटी का हिस्सा और एक है पहाड़ी क्षेत्र
घाटी का हिस्सा 10% है जिसपे मैतेई हिंदुओ का दबदबा है जबकि बाकी 90% हिस्से पर नागा व कुकी जनजातियों का दबदबा है
2013 से ही मैतेई हिन्दू समाज की मांग रही है कि उनका ST का स्टेटस बहाल किया जाए क्योंकि इसके न होने की वजह से उनकी संस्कृति, जमीनें इत्यादि धीरे धीरे उनके हाथों से जा रही है
क्योंकि मणिपुर में यह नियम है कि नागा और कुकी जनजाति के अलावा पहाड़ी हिस्सो में कोई मैतेई हिन्दू जगह नही खरीद सकता, जबकि नागा या कुकी ईसाई पूरे मणिपुर में कहीं भी जमीन खरीद सकते हैं
आरोप यह भी है कि आस पड़ोस के देशों से घुसपैठ करवाने में नागा और कुकी लोगों का हाथ है, ये जंगल की जमीनों पर अवैध कब्जे व अफीम की खेती भी कर रहे है और इन्होंने अपने अपने संघर्ष के लिए सेनाएं भी बनाई हुई है
सरकार ने ऐसा ही एक कब्जा इनसे छुड़वाया था, उसी समय इस विवाद की नींव पड़ी क्योंकि वर्तमान मुख्यमंत्री मैतेई हिन्दू समाज से आते हैं
और नागा और कुकी को लगता है कि ये उनके खिलाफ लिया गया गलत फैसला है
इस पूरे विवाद की आग में घी का काम किया उस खबर ने जब मैतेई समाज की ST स्टेटस दिए जाने की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने कहा कि सरकार बताए, क्या मैतेई समाज को ST का स्टेटस दिया जा सकता है
इसपे नागा और कुकी समुदाय ने जबरदस्त विरोध किया क्योंकि उनके हिसाब से राजनीति और सरकारी नौकरियों में पहले से ही मैतेई समाज का दबदबा है, और मैतेई हिंदुओ में कुछ वर्गों को पहले ही ये स्टेटस दिया हुआ है, लेकिन सारे मैतेई हिंदुओ को ये स्टेटस देने के बाद उनके अस्तित्व पर खतरा आ जायेगा, वे हाशिये पर चले जायेंगे, इतना ही नही मैतेई हिन्दू पहाड़ की जमीन खरीदने के भी योग्य हों जाएँगे जो कि नागा और कुकी समुदाय के लिए ठीक नही है
बस यही बात है कि दोनों तरफ से संघर्ष चालू हो गया
दोनों तरफ से अराजक तत्वों ने खूब हिंसा और महिलाओं के साथ गलत व्यवहार किया है
बाकी कल जिस तरह से घटना के क्लिप सामने आए हैं उससे पूरी मानवता शर्मसार हो चुकी है