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बिहारी पत्रकारों पर बढ़ते दमन के विरोध में धरना

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 भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के बिहार इकाई का पटना में एकदिवसीय धरना सम्पन्न


 पत्रकारों पर हो रहे जानलेवा हमलें, झूठे मुकदमें व हत्या कों लेकर बिहार सरकार के मुख्य सचिव को सौंपा गया ज्ञापन*



 पत्रकारों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार ना करें पुलिस पदाधिकारी- अमीर सुबहानी*




बिहार में पिछले सात वर्षों (2016-2023) में सात पत्रकारों की हत्या हुई है। इसके अलावा, पत्रकारों पर जानलेवा हमले के दर्जनों मामले दर्ज हैं। ताजा मामला अररिया के पत्रकार विमल यादव की 18 अगस्त को अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। पत्रकारों पर हुए कातिलाना हमले, जान से मारने की धमकी, झूठे मुकदमें आदि की फेहरिस्त काफी लंबी है। जिसकों लेकर भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा बिहार के पटना में एक दिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बिहार भर के पत्रकार शामिल हुए एवं अपनी 11 सूत्री मांग रखी। पत्रकारों की मांगो में मुख्य रूप से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना, झूठे मुकदमें में फंसाए गए पत्रकारों को अविलंब न्याय दिलाना, आत्म रक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस दिलाना इत्यादि शामिल था।

 पत्रकारों के इन सभी मांगों को देखते हुए  भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्रीय महासचिव  शाहनवाज हसन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमिटी ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव अमीर सुबहानी को एक ज्ञापन सौंपा।

वही पत्रकारों के 11 सूत्री मांगों के साथ ही मोतिहारी हिन्दुस्तान टाईम्स व बॉर्डर न्यूज मिरर के वरिए पत्रकार सागर सूरज पर हुए जानलेवा हमलें में शून्य पुलिसिया कार्रवाई एवं पत्रकार नीरज सिंह को झूठे मुकदमें में फंसाए जाने को लेकर बिहार सरकार मुख्य सचिव से विस्तृत रूप से चर्चा कि गयी। मुख्य सचिव ने उपरोक्त विषय में चिंता जताते हुए कहा कि पत्रकार सिर्फ कलम चलाना जानते है। एक कलम चलाने वाला किसी प्रकार का हिंसा नही कर सकता। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के मामलों पुलिस पदाधिकारी अपराधियों की तरह व्यवहार ना करें एवं पत्रकारों के साथ आपसी सामंजस्य बनाते हुए मामलें का निष्पादन करें। पत्रकारों पर हो रहे झूठे मुकदमें एवं जानलेवा हमलें को लेकर उन्होंने कहा कि पत्रकारों पर दर्ज प्राथमिकी की अविलंब जांच कर कार्रवाई करें एवं पत्रकारों के मामलें को अधिकारी गंभीरता से ले।

ज्ञापन सौपनें वाले  सात सदस्यीय कमिटी में मोतिहारी के वरिए पत्रकार सागर सूरज, अशोक वर्मा, नीरज कुमार, राजेश कुमार सिंह, मृत्युंजय कुमार पटना के नीरज कुमार इत्यादि शामिल थे। वही धरना कार्यक्रम में मोतिहारी से संजीव जायसवाल, राजेन्द्र कुमार, राकेश कुमार, शिव तिवारी, सुधांशु कुमार, अवनीश कुमार, अरविन्द कुमार, संजय श्रीवास्तव, प्रिंस चौबे, विजेन्द्र कुमार, शुभम कुमार, रौशन कुमार, कुमार गौरव, पंकज कुमार, मिथलेश कुमार, राजन सिंह राजपूत, धिरज कुमार, पप्पू कुमार एवं डिजिटल मीडिया के पत्रकार के साथ ही बिहार के अन्य जगहों से भी पत्रकार साथी शामिल थे।



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