प्रस्तुति- राहुल मानव
जयपुर
बदलाव के संकल्प के साथ...... फिर मिलेंगे
पुरानी कहावत है कि बदलाव की शुरूआत हमेशा पहले कदम से होती है। यह कदम कब और कौन उठाता है यह महत्वपूर्ण नहीं है। ज्यादा जरूरी है कि बदलाव की शुरूआत हम कब करते है। मीडिया के जरिए एक बेहतर और सकारात्मक समाज का निर्माण कैसे किया जाए-इस सवाल के साथ शुरू हुआ मीडिया शिक्षकों का सम्मेलन पूरा हुआ। और यह विश्वास हम जता सकते है कि तीन दिन के इस महाकुंभ मे बदलाव के एक ऐसे रास्ते पर हमें ला खडा किया है, जहां से मीडिया की दुनिया में व्यापक फेंरबदलकी पूरी संभावना नजर आ रही है।बदलाव कब और किस स्वरूप में होगा, यह तो भविष्य ही बताएगा। लेकिन महाकुभ के समापन पर यह उम्मीद नजर आई कि परिवर्तन की यह लहर जल्द थमने वाली नहीं।मीडिया शिक्षण से जुडे तमाम विशेषज्ञों की मौजूदगी ने सम्मेलन को लेकर उत्सुकता का एक ऐसा माहौल रचा, जिसके सहारे हम उन अहम लक्ष्यों को हासिल कर सकते है, जिनका सपना इस आयोजन को लेकर हमने देखा था।
हर समाज के मुद्दे और सरोकार अलग-अलग हो सकते है लेकिन इस बात पर सब एकमत है कि एक सच्चे और सकारात्मक समाज का निर्माण करने में मीडिया अपनी अहम भूमिका निभाता है। संकेत साफ है कि हर कोई यहीं चाहता है कि सूरत बदलनी चाहिए और मेरे सीने मे ना सही, पर कहीं तो आग सुलगनी चाहिए। आभार और शुभकामनाएं,,,,,।( वरिष्ठ पत्रकार श्याम माथुर के संपादकीय के अंश)- Cartoonist Rakesh RanjanGupta ji thnx for motivation
- Jai Prakash Tripathiबदलाव किस तरह का, पत्रकारिता की शिक्षा में या पत्रकारिता के हालात में??
- Himanshu Singh Sainiपत्रकारिता शिक्षण में बदलाव होंगे तो पत्रकारिता में तो खुद ब खुद हो जाएंगे ... Manish ShuklaJai Prakash Tripathi ji
Kumar Sandeepबदलाव हो रहा हैं ना संस्थाओ के नाम बदलकर , विस्वविद्यालयों को बंद कर के .. आदि आदि |