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अवैध हथियारों का गढ़ बनता बुंदेलखंड का जालौन



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अवैध असलहा बनाता युवक

गंभीर बात यह है कि चुनावों के दौरान भले ही अवैध असलहा फैक्ट्री पकड़ने का कॉलम पुलिस द्वारा पूरा कर लिया जाता हो लेकिन आमतौर पर इस अपराध को रोकने के लिए पुलिस गंभीर नहीं दिखती है। आसानी से अवैध असलहे मिल जाने की वजह से जिले में क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। न सिर्फ जालौन बल्कि आसपास के जनपद भी इससे प्रभावित हैं। नौ ब्लाकों वाले इस इस जनपद में 18 हजार लाइसेंसी शस्त्र हैं। करीब 50 हजार आवेदन लंबित हैं। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां असलहों का कितना क्रेज है।

कैसे बनते हैं असलहे

तमंचा की नाल बनाने के लिए वाहनों की स्टेयरिंग रॉड का प्रयोग किया जाता है। लकड़ी, साधारण पेंच, स्प्रिंग जैसे आसानी से उपलब्ध उपकरणों से मौत उगलने वाले असलहे तैयार कर लिए जाते हैं। सूत्र बताते हैं कि वर्तमान में 315 बोर का तमंचा ढाई से चार हजार रुपए के बीच में, 12 बोर का तमंचा दो से तीन हजार रुपए की कीमत पर मिल जाता है। 315 बोर एवं 12 बोर के तमंचों की बिक्री अधिक होने की प्रमुख वजह इन बोर के कारतूस आसानी से उपलब्ध हो जाना है। अवैध असलहे रखने वाले लोग लाइसेंस धारकों से कारतूस खरीदते हैं और उन्हीं कारतूसों का प्रयोग अपराधी संगीन वारदातों को अंजाम देने में करते हैं।

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अवैध असलहा बनाता युवक
जानकारी के मुताबकि, निरोधात्मक कार्रवाई के लिए कई बार पुलिस भी अवैध असलहा बनाने वालों पर निर्भर रहती है। उन्हीं के एजेंटों से पुलिस भी असलहे लेती है। आंकड़ों की बात करें तो जनपद जालौन में वर्ष  2013 में अवैध असलहा अधिनियम के तहत 30 लोगों को गिरफ्तार किया। वर्ष 2014 में आकड़ें और बढ़ गए। इस साल 34 लोगों को तमंचा के साथ गिरफ्तार किया गया, लेकिन यह आकड़ें भी असली तस्वीर उजागर नहीं करते हैं, हालात बेहद भयावह है। कई गांव यहां ऐसे हैं, जिनमें रहने वाले हर दूसरे युवा के पास देशी कट्टा मिल जाएगी। अवैध असलहों के कारण ही संगीन अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है।

हत्या और लूट की हर घटना में तमंचा का प्रयोग

पिछले साल जिले में हत्या के 43 मामले घटित हुए। लूट के 22 मामले प्रकाश में आए और हर घटना में देशी तमंचा का ही प्रयोग हुआ है। यदि यहां अवैध असलहों के कारोबार पर अंकुश लग जाए तो शायद संगीन अपराधों पर अंकुश लगे।

एसपी सुनील सक्सेना का कहना है कि हाल के दिनों में इस दिशा में ठोस कार्रवाई की गई है। आटा में अवैध असलहा फैक्ट्री पकड़कर दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। उन्होंने कहा कि अवैध असलहा बनाने वाले और फिर उनको बेचने वालों का पूरा नेटवर्क पता लगाकर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।

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