हिन्दुस्तान ने अपनी फोटोग्राफर को कभी श्रद्धांजलि तक नहीं दीं ?
2013.01.04
Image may be NSFW.Clik here to view.

‘‘सर् जी ! मेरा बड़ा सपना था प्रेस फोटोग्राफर बन कर पीडि़तों की मदद करने का ।परन्तु, सबकुछ चूर-चूर हो गया ,सर् जी ।‘‘ वह हमेशा रो-रोकर कहती रहती थीं जब कभी वह हाजिर होती थीं।
‘‘सर् जी ! अब हमलोग फिर किसी युग में नहीं मिल सकेंगें । मृत्यु लोक और पृथ्वी लोक में जीवन में बहुत अन्तर है,सर् जी !‘‘ वह रो-रोकर कहती रहती थीं ।
बिहार के मुंगेर जैसे छोटे और अपराधियों के तांडव से ग्रसित जिला मुख्यालय में दैनिक हिन्दुस्तान कार्यालय में वर्ष 2001 और 2002 में कार्यरत सीमा कुमारी की तड़पती रूह को अब थोड़ी शांति मिली होगी जब पटना उच्च न्यायालय ने 200 करोड़ के दैनिक हिन्दुस्तान विज्ञापन फर्जीवाड़ा में सुनवाई के बाद सभी नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध मुंगेर पुलिस में चल रहे पुलिस अनुसंधान को जारी रखने और आदेश की तिथि से तीन माह के अन्दर पुलिस अनुसंधान पूरा करने का ऐतिहासिक आदेश पारित कर दिया ।
कुमारी सीमा की मृत्यु पुलिस फाइल में रहस्य में छिपी रहीं ।
‘‘सर् जी ! अब हमलोग फिर किसी युग में नहीं मिल सकेंगें । मृत्यु लोक और पृथ्वी लोक में जीवन में बहुत अन्तर है,सर् जी !‘‘ वह रो-रोकर कहती रहती थीं ।
बिहार के मुंगेर जैसे छोटे और अपराधियों के तांडव से ग्रसित जिला मुख्यालय में दैनिक हिन्दुस्तान कार्यालय में वर्ष 2001 और 2002 में कार्यरत सीमा कुमारी की तड़पती रूह को अब थोड़ी शांति मिली होगी जब पटना उच्च न्यायालय ने 200 करोड़ के दैनिक हिन्दुस्तान विज्ञापन फर्जीवाड़ा में सुनवाई के बाद सभी नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध मुंगेर पुलिस में चल रहे पुलिस अनुसंधान को जारी रखने और आदेश की तिथि से तीन माह के अन्दर पुलिस अनुसंधान पूरा करने का ऐतिहासिक आदेश पारित कर दिया ।
कुमारी सीमा की मृत्यु पुलिस फाइल में रहस्य में छिपी रहीं ।
17 दिसंबर,2002 से 17 दिसंबर,2012 तक सीमा की मृत्यु के रहस्य से पर्दा नहीं उठा सकीं मुंगेर की पुलिस । पुलिस अनुसंधान में देश के शक्तिशाली कोरपोरेट मीडिया हाउस मेसर्स हिन्दुस्तान टाइम्स लिमिटेड का देश व्यापी प्रभाव रोड़ा बना रहा । बिहार की एक अतिपिछड़ी जाति ।कुरमी। के एक सामान्य परिवार की लाड़ली की मौत मीडिया हाउस की धमक और चमक के अन्दर दबी रह गई । आत्महत्या की जांच की मांग को लेकर राजद शासनकाल में नरेन्द्र सिंह कुशवाहा ने पूरे तीन माह तक मुंगेर मुख्यालय में धरना दिया,परन्तु धरना बेअसर रहा ।उस समय कोई सोसल मीडिया नहीं था। नई दिल्ली में नरेन्द्र सिंह कुशवाहा ने माननीय नीतिश कुमार से मिलकर घटना की जानकारी दी थीं। श्री कुमार ने काफी अफसोस भी किया था इस दुःखद घटना पर ।
मृत्यु के पूर्व वह दैनिक हिन्दुस्तान के तात्कालीक उपाध्यक्ष योगेश चन्द्र अग्रवाल, स्थानीय संपादक महेश खरे और भागलपुर के यूनिट प्रभारी विमल सिन्हा की कलम से नौकरी से बर्खास्त कर दी गई थी ।वह बेहद ‘‘डिप्रेशन‘‘ में जी रही थीं जब यह घटना घटी ।दैनिक अखबार के प्रबंधन ने उसे नौकरी से हंटानेके लिए जिस ‘चक्रव्यूह‘ की रचना की और जिन लोगों ने चक्रव्यूह में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, समय और काल भविष्य में कभी-न-कभी अपना हिसाब लेकर ही रहेगा ,ऐसा लोगों का विश्वास है ! ग्यारह पत्राकारों के संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त पत्रा ने ही कुमारी सीमा की नौकरी ली और वह पत्रा ही उसकी आत्महत्या का कारण बना । वह पत्रा मुंगेर के जुवली वेल के नजदीक के एक ‘टाइपिंग इन्स्टीच्यूट‘‘ में तैयार किया गया था । इस पत्रा के मजनून अखबार के पटना कार्यालय के कुछ वरीय माननीयों के इसारे पर तैयार किया गया था ।
आज भी शर्मनाक घटना के रूप में जनता याद करती है :इस कोरपोरेट प्रिंट मीडिया हाउस के अपनी ही महिला कर्मचारी के साथ दस वर्षाें पूर्व किया गया यह व्यवहार आज भी मुंगेर और आसपास के जिलों में ‘‘शर्मनाक घटना‘‘ के रूपमें याद किया जाता है । रहस्यमय घटना ने सीमा की आत्महत्या की घटना को सुर्खियों में पुनः ला दियाः लेकिन एक रहस्यमय घटना ने प्रेस फोटोग्राफर सीमा कुमारी की आत्महत्या की घटना को पुनः समाचार की सुर्खियों में इनदिनों ला दिया है । बेहद रहस्यमय घटना यह है कि वर्ष 2002 के सत्तरह दिसंबर को कुमारी सीमा ने आत्महत्या की थीं ।ठीक दस वर्षों के बाद वर्ष 2012 को सत्तरह दिसंबर को ही पटना उच्च न्यायालय की विद्वान न्यायमूर्ति माननीय अंजना प्रकाशने 200 करोड़ के दैनिक हिन्दुस्तान विज्ञापन फर्जीवाड़ा मुकदमे में ऐतिहासिक आदेश पारित किया । न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश के आदेश ने मेसर्स हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्स लिमिटेड की नींव को हिला दी है । आत्महत्या की तिथि और पटना उच्च न्यायालय के आदेश की तिथि महज संयोग भी हो सकती है या कोई अलौकिक घटना भी हो सकती है ! यह पाठकों को तय करना है । जब इस लेखक ने स्वर्गीय सीमा कुमारी के पिता सुरेश प्रसाद और उनकी माताश्री से उनके निवास पर मुलाकात की,तो उन्होंने पुष्टि की कि सीमा ने अखबार से हंटने के बाद डिप्रेशन में वर्ष 2002 की शाम अपने कमरे में छत की सीलिंग से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थीं ।
स्मारक की मांगः मुंगेर के वरीय अधिवक्ता और पत्रकार काशी प्रसाद और बिपिन कुमार मंडल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से प्रेस फोटोग्राफर सीमा कुमारी की याद में मुंगेर मुख्यालय में एक स्मारक बनाने की गुहार की है।उन्होंने मुख्यमंत्री से दिबंगत सीमा कुमारी के नाम पर पत्रकारिता क्षेत्र में महिला पत्रकारों को पुरष्कृत करने की योजना शुरू करने की भी मांग की है ।
अभियुक्तों की गर्दन पर गिरफ्तारी की तलवार है अब लटकी: पटना उच्च न्यायालय के 17 दिसंबर के इस फैसले के बाद मुंगेर कोतवाली कांड संख्या-445।2011 के नामजद अभियुक्त श्रीमती शोभना भरतिया।अध्यक्ष, मेसर्स हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्सलिमिटेड,नई दिल्ली।, अमित चोपड़ा । प्रकाशक,मेसर्स हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्स लिमिटेड,नई दिल्ली।, शशि शेखर। प्रधान संपादक, दैनिक हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।, अवध कुमार श्रीवास्तव उर्फ अकू श्रीवास्तव। संपादक,दैनिक हिन्दुस्तान,पटना संस्करण,पटना। और बिनोद बंधु। स्थानीय संपादक,दैनिक हिन्दुस्तान,भागलपुर संस्करण, भागलपुर। के गर्दन पर गिरफतारी की तलवार लटक गई है । बिहार पुलिस अब नामजद अभियुक्तोंके साथ-साथ अवैध प्रकाशन में सहयोग करनेवाली किसी भी संस्था या व्यक्ति को किसी भी क्षण गिरफतार कर सकती है । सभी नामजद अभियुक्त भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420।471 और 476 और प्रेस एण्ड रजिस्ट्र्ेशन आफ बुक्स एक्ट,1867 की धाराएं 8।बी।,14 और 15 के अन्तर्गत आरोपित हैं।
पटना उच्च न्यायालय ने पूर्वके अपने आदेशों मेंअंतिम आदेश आने तक सभी नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध किसी प्रकार की काररवाई पर रोक लगा दी थीं। अब पटना उच्च न्याायालय के अंतिम आदेश आ जाने के बाद अभियुक्तों के विरूद्ध कानूनी काररवाई पर लगी सभी प्रकार की रोक स्वतः समाप्त हो गई है ।
पटना उच्च न्यायालय ने पूर्वके अपने आदेशों मेंअंतिम आदेश आने तक सभी नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध किसी प्रकार की काररवाई पर रोक लगा दी थीं। अब पटना उच्च न्याायालय के अंतिम आदेश आ जाने के बाद अभियुक्तों के विरूद्ध कानूनी काररवाई पर लगी सभी प्रकार की रोक स्वतः समाप्त हो गई है ।
आरोप आखिर क्या है ? सभी नामजद अभियुक्तों पर आरोप है कि उनलोगों ने केन्द्र और राज्य सरकारों के सरकारी विज्ञापनों को पानेके लिए बिना निबंधनवाले दैनिक हिन्दुस्तान अखबार को सरकार के समक्ष निबंधित अखबार के रूप में पेश किया और जालसाजी और धोखाधड़ी करके लगभग 200 करोड़का सरकारी विज्ञापन विगत 10 वर्षों में अवैध ढंग से प्राप्त कर सरकरी राजस्व की लूट मचा दीं।
इस बीच,मुंगेर के पुलिस उपाधीक्षक ए0के0 पंचालर और पुलिस अधीक्षक पी0 कन्नन ने अपनी पर्यवेक्षण-टिप्पणियों में सभी नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध लगाए गए सभी आरोपों को दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर‘‘ प्रथम दृष्टया सत्य‘‘ घोषित कर दिया है । अभियुक्तों की गिरफ्तारी और अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप -पत्रा न्यायालय में समर्पित करना अब शेष रह गया है मुंगेर पुलिस के लिए ।(ये लेखक के अपने विचार है )
मुंगेर से श्रीकृष्ण प्रसाद की रिपोर्ट
मोबाइल नं0-09470400813