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चार्ली चैप्लिन vs चार्ली चैपलिन की

 चार्ली चैपलिन की कॉमेडी की ही तरह चार्ली का हास्य सदाबहार था, समय के साथ वह कभी पुराना नहीं हो सकता  बॉलीवुड के पहले कॉमेडियन स्टार रहे 'नूर मोहम्मद चार्ली 'के अभिनय की नकल जॉनी वाकर से लेकर महमूद तक ने की .........नूर मोहम्मद मूक फिल्मों से लेकर सवाक फिल्मों के शुरुआती दौर के नामी हास्य अभिनेता थे मशहूर फिल्म इंडिया मैगज़ीन के बाबूराव पटेल ने उन्हें भारत का एकमात्र हास्य अभिनेता घोषित किया था   l

हिंदी फिल्मो में हास्य कलाकार को नायक के दर्जे तक पहुंचाने वाले पहले कलाकार थे वह पहले हास्य अभिनेता थे, जिन्हें हीरो के बराबर मेहनताना मिलता था। उस जमाने में वो एक फिल्म के लिए भी 30000 तक लिया करते थे पृथ्वीराज ,अरुण ,सुरेंद्र आदि उस समय के लोकप्रिय नायक भी इतने रुपए नहीं लेते थे


 चार्ली ने हास्य कलाकार का दर्जा बढ़ाया एक समय था जब बड़े बड़े नायक भी उनके साथ काम करने में कतराने लगे थे अपने सहज अभिनय से वो नायक को मात दे देते थे फिर उनकी एक गलती से सब कुछ बदल गया .......1963 में फिल्म 'अकेली मत जइयो 'के साथ रणजीत के युग का भी अंत हुआ और चार्ली के हास्य चित्रों के युग का भी .. चार्ली की मृत्यु से हिंदी फिल्मों के हास्य के प्रथम अध्याय का अंत हो गया था रंजीत फिल्म कंपनी के मालिक चंदूलाल शाह ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था की कि....... .नूर मोहम्मद ''चार्ली ने उनकी फिल्मो में कॉमेडियन के रूप में "रूस्तम"की तरह शासन किया था.''....


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पवन मेहरा ✒


#ब्लॉग_सुहानी_यादें_बीते_सुनहरे_दौर_की



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