हरदिल अजीज़ दिल्ली के कांग्रेसी नेता रमेश दत्ता अपनाब्रिगेड लेकरकेकिसी भी खुशीके कार्यक्रम में पहुंचतेथे, उन्हें भला उनके संगी साथी कैसे भुलासकते है।उनकातकिया कलाम थाडेडी। हर किसी को डेडी पुकारकर पांव छूनेलगते थे।जोकोई भी उनसेमदद मांगता थाअगर वह करसकते थे तोजरूर करते थे।वह 75 साल केथे। जब वहडिप्टी मेयर भीथे तब भीउनके व्यवहार मेंकोई परिवर्तन नहींआया। वह मिंटोरोड में एकटूटे-फूटे सरकारीघर में फकीरोंकी तरह रहतेथे। कोरोना काल में 4 मई को वे विदा हो गए।
उनकातकिया कलाम थाडेडी। हर एकको डेडी पुकारकर पांव छूनेलगते थे। यहांतक कि अपनेसे बहुत छोटोंको भी डेडीकहते थे औरपांव छूते थे।वीर अर्जुन के ओर से रामलीला संस्थाओं को सम्मानितकरने के लिएरामलीला अवार्ड शुरू किएथे। जिसमें हमदिल्ली की सर्वश्रेष्ठरामलीलाओं को सम्मानितकरते थे। पहलेअवार्ड फंक्शन में हमनेस्वर्गीय राजीव गांधी कोबुलाया था। रमेश दत्ताअपने बैंड-बाजेके साथ पूरेलाव-लश्कर केसाथ आईफैक्स हॉलपहुंचे और राजीवजी का जोरदारस्वागत किया। राजीव गांधी के आने का एलर्ट हो चुका था।सुरक्षाकर्मी अपनी पोजीशन ले चुके थे। वो दो चार मिनट में आने ही वाले थे। मैं भी अपने सहयोगियों के साथ मुख्य पर था। इसी बीच दत्ता जी की निगाह मेरी ओर पड़ी --'अरे चीफ साहब , आप ! ' ...दत्ता जी वीर अर्जुन का दफ्तर हो या बाहर जहां मिलते मुझे स्नेह हुए सम्मान से चीफ साहब ही कहते थे वैसे तो उनका तकियाकलाम था डेडी हीहोता था।
एक दोपहर। दत्ता जी हैरान परेशान वीर अर्जुन का दफ्तर मे हाजिर हुए , 'चीफ साहब , आप के रहते हमारे साथ क्या अनर्थ हो रहा है। देखो खबर तो लगा दी आपके स्टाफ ने फोटो नहीं लगाईं। ये क्या बात है आप जांच करो। '...मामला ब्लड डोनेशन के एक कार्यक्रम की खबर का था , ख़बर के साथ फ़ोटो नहीं लगी। पता किया गया तो फोटो सामने आये , -सर आप ही देख लो। ये ही मई जून वाले दिन थे। मैंने कहा,दत्ता जी खून निकलवाने के बाद सर्दी लगने लगाती है क्या ? -नहीं जी सर्दी कैसी। - फोटो में तो लोग कोट श्वेटर पहने हैं। - ओ हो। फोटो पुराना आगया। सही वाला लाता हूं। हमेशा खुश दिल रहने वाला दिल्ली का कांग्रेसी सिपाही सब का दोस्त था।