अखबारों के संकट / संजय द्विवेदी
पठनीयता के संकट में खुद को बदल रहे हैं अखबार-/ प्रो. संजय द्विवेदी भारत में अखबारों के विकास की कहानी 1780 से प्रारंभ होती है, जब जेम्स आगस्टस हिक्की ने पहला अखबार ‘बंगाल गजट’ निकाला। कोलकाता से...
View Articleसाहिर_जावेद_और_दो_सौ_रुपये
साहिर_जावेद_और_दो_सौ_रुपयेप्रस्तुति - कृति सृष्टि अमी दृष्टि साहिर लुधियानवी और जावेद अख्तर बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे। इसे दोनों के शायरी और गीतों की दुनिया के कारण जुड़ाव या आपसी अच्छी समझ कहा जा...
View Articleजकारिया खान यानी जयंत
जयंत- बहुमुखी प्रतिभा वाले अभिनेताप्रस्तुति -- राकेश - रागिनी सिन्हाआकर्षक व्यक्तित्व, कद्दावर शरीर, कद पांच फुट ग्याररागिनी ह इंच, आवाज़ में गम्भीरता, पर्दे पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले पठान...
View Articleसामाजिक निगरानी का लोकमंगल कर्तव्य है मीडिया का स्वभाव / संजय द्विवेदी
एजेंडा सेटिंग नहीं, लोकमंगल है मीडिया का धर्म /-प्रो.संजय द्विवेदी शानदार जनधर्मी अतीत और उसके पारंपरिक मूल्यों ने मीडिया को समाज में जो आदर दिलाया है, वह विलक्षण है। हिंदी पत्रकारिता की नींव में ही...
View Articleआपके द्वार शिक्षा का संसार vs कौशल पुनरुत्थान डिजिटल विश्वविद्यालय’
नए सशक्त एवं आत्म-निर्भर भारत का आगाज़ है: ‘कौशल पुनरुत्थान डिजिटल विश्वविद्यालय’प्रस्तुति - स्वामी शरण भारत जैसे विकासशील देश में अक्सर यह महसूस किया गया है कि देश में ई-शासन को सुनिश्चित करने के...
View ArticleLATEST 100 भड़ास4 मीडिया
LATEST 100 भड़ास4 मीडिया कई मित्रों को आरक्षण की बहुत चिन्ता रहती है!सेक्स की ये कौन सी आठ क़िस्में हैं?पत्रकार भी नहीं समझते राजद्रोह और देशद्रोह में अंतर!गूगल सोशल मीडिया है या सर्च इंजन? रविशंकर...
View Articleकैसे थे जरनैल सिंह भिंडरावाले की ज़िदगी के आख़िरी पल / रेहान फ़ज़ल
ऑपरेशन ब्लूस्टार की 37 वीं बरसी पर / रेहान फ़ज़ल अपनी मृत्यु से कुछ समय पहले भिंडरावाले ने तीन पत्रकारों से बात की थी. एक थे बीबीसी के मार्क टली. दूसरे टाइम्स ऑफ़ इंडिया के सुभाष किरपेकर और तीसरे मशहूर...
View Articleकिसलय का मतलब सोनमाती उर्मिलेश
बिहार के सुप्रसिद्ध और प्रतिभावान पत्रकार कृष्ण किसलय Krishna Kisalay के निधन की अत्यंत दुखद सूचना उनके बेटे निशांत के ह्वाट्सेप संदेश से मिली. संदेश आधी रात का है, जिसे मैं अभी सुबह-सुबह ही देख...
View Articleमध्य प्रदेश के इस कोरोना योद्धा को ना भूलिए / मनोज कुमार
प्रदेश के इस कोरोना योद्धा को ना भूलिए / मनोज कुमारवरिष्ठ पत्रकार, भोपाल 😇हम सब एक नए समाज में जी रहे हैं। इस नए समाज का ताना-बाना सिर्फ प्राप्त करने के लिए है। हमने एक-दूसरे की चिंता करना छोड़ दिया...
View Articleअशोक बाजपेयी की यादों मे अज्ञेय
आज सुबह अशोक बाजपेयीजी से बातें हो रही थी। मैंने पूछा आपने अज्ञेय के संबंध में एक लेख लिखा था - बूढ़ा गिद्ध क्यों फैलाए - जब छपा तब अज्ञेय की क्या प्रतिक्रिया थी। प्रस्तुति - मुकेश प्रत्युष...
View Articleकोरोना काल में मीडिया की भूमिका / संजय द्विवेदी
कोरोना संकट में पत्रकारिता / प्रो .संजय द्विवेदी कोविड-19 के दौर में हम तमाम प्रश्नों से घिरे हैं। अंग्रेजी पत्रकारिता ने अपने सीमित और विशेष पाठक वर्ग के कारण अपने संकटों से कुछ निजात पाई है।...
View Articleभारत के मीडिया बाजार की गूंज / संजय द्विवेदी
फैक्ट'और 'फिक्शन'एक ही घाट पर पी रहे हैं पानी / - प्रो. संजय द्विवेदी भारत में इस समय 1 लाख से ज्यादा समाचार पत्र और पत्रिकाएं प्रकाशित होती हैं, अलग-अलग भाषाओं में हर रोज 17 हजार से ज्यादा अखबारों...
View Articleकोरोना काल की कथाएं
📛 #कोरोना_काल_की_50_सच्ची_घटनाओं_पर_आधारित_किताब ~ #पलायन • #पीड़ा • #प्रेरणा ~ #लेखक = #मयंक_पाण्डेय🦑 #27_मार्च_ 2020 को वैश्विक महामारी कोरोना से पहली जंग जीत कर "जादव"ने विश्व रिकॉर्ड बनाया। 📚 यह...
View Articleडिजिटल मीडिया कुछ सवाल
मीडिया के लिए पॉलिसी इस तरह की होनी चाहिए कि छोटे शहरों और कस्बों में काम करने वाला पत्रकार भी सहजता से कार्य कर सके. रजिस्ट्रेशन से लेकर एडवरटाइजमेंट की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए. खर्चीली तो बिल्कुल...
View ArticleBhadas4मीडिया लेटेस्ट news 100
LATEST 100 भड़ासविनोद कापड़ी की किताब में क्या है?100 से अधिक फिल्म पत्रकारों को लगा टीका!पत्रकार जयंत जिज्ञासु राष्ट्रीय जनता दल से जुड़ गएक्या प्रेस और पुलिस अपराधियों को संरक्षण देनेवाली संस्था बन...
View Articleगर्व हमे हम है पत्रकार "जारी*
🛑 *कोरोना शहीद पत्रकारो की स्मृति में मोबाइल फ़ोन के लिये रिंगटोन , "गर्व हमे हम है पत्रकार "जारी*🟣 नई दिल्ली, 14 जून, / दिल्ली में पत्रकारों ने कोरोना शहीद पत्रकारो की स्मृति में मोबाइल रिंगटोन बनायी...
View Articleअपने इलाके के शिल्पकार थे कल्पनाथ राय
कल्पनाथ राय: माटी के लाल आजमगढ़ियों की खोज (तलाश में.. )कल्पनाथ ने अपनी कल्पनाओं के मऊ को जहाँ पर छोड़ा था, आगे का विकास वहीं पर ठहर सा गया... ? @ अरविंद सिंहपूर्वांचल के इब्राहिम पट्टी और सेमरी...
View Articleधमकी, राजद्रोह और कोर्ट कचहरी झेलते पत्रकारिता की यात्रा जारी : अनिल
नभछोर में आज सायं : मिलिए दिव्य हिमाचल के संपादक अनिल सोनी से##धमकी, राजद्रोह और कोर्ट कचहरी झेलते पत्रकारिता की यात्रा जारी : अनिल सोनी-कमलेश भारतीयधमकी, राजद्रोह के केस और कोर्ट कचहरी के चक्करों के...
View Articleशुद्ध भाषा का ज्ञान आकाशवाणी व दूरदर्शन केंद्र से ही मिला : डाॅ निशा
##नभछोर में आज सायं : मिलिए डाॅ निशा सेशुद्ध भाषा का ज्ञान आकाशवाणी व दूरदर्शन केंद्र से ही मिला : डाॅ निशा-शुद्ध भाषा का ज्ञान आकाशवाणी व दूरदर्शन केंद्र से ही मिला। यह कहना है डाॅ निशा का जो...
View Articleइस तरह झूठ फैलाते हैं खबरिया न्यूज़ चैनल
उमेश चतुर्वेदी-साल 2002 की गर्मियां…तारीख, महीना ठीक से याद नहीं..हालांकि शोध करेंगे तो पता चल ही जाएगा..हां, दिन शनिवार था.. तब दैनिक भास्कर के दिल्ली ब्यूरो में था…मेरी राजनीतिक बीट में जनता दल-यू...
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