नयी दिल्ली में अब नया संसद / विवेक शुक्ला
कितनी नई हो जाएगी नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रखेंगे। इस अवसर पर भूमि पूजन और सर्वधर्म प्रार्थना का भी आयोजन होगा। इसके साथ ही एडविन लुटियन तथा हरबर्ट...
View Articleसिक्का बदल गया /+आलोक यात्री
सिक्का बदल गया हुआ यूं के... मैं छोटा सा रहा होउंगा। यही कोई पांच सात बरस का। गर्मी की एक दोपहर पिताश्री और मोटा ताऊ जी (पिताश्री के कॉलेज के सहयोगी श्री एम.डी.शर्मा जी) के साथ पहली बार किसी गांव के...
View Articleकल्पना सिंह की कविताएँ
"भारत आब्जर्वर पोस्ट"में तीन कविताएं कृषकमंडियां उठती हैं, गिरती हैं। नेता आते हैं और जाते हैं।सत्ताएं बनती और पलटती हैं।पर वह वहीँ का वहीँ खड़ा रहता हैकभी गेहूं की तरह, तो कभी धान की तरह।तो कभी मकई...
View Articleव्यंग्य के बारे में
दोस्तो, ‘व्यंग्यशाला’ में आपका स्वागत है. यहाँ ‘व्यंग्य’ के बारे में सीखा-सिखाया जाता है, लेकिन जो सीखे-सिखाए हैं, उन्हें नहीं—उन्हें तो भला कौन सिखा सकता है—बल्कि जो सीखना-सिखाना चाहते हैं, उन्हें,...
View Articleव्यंग्य के ऊपर कमेंट्स
विसंगतियों को नंगा कर लैंप पोस्ट के नीचे ला पटकने को व्यंग्य कहते ह कुछ लोग कहते हैं व्यंग्य अच्छे लोगों की विधा नहीं है, महिलाओं के लिये तो बिलकुल भी नहीं, वो यह नहीं जानते कि व्यंग्य है क्या।...
View Articleव्यंग्य पर नजरिया / ब्रजेश कानूनगो
व्यंग्यकार के रूप में मेरी समझ / ब्रजेश कानूनगो वैसे तो प्रत्येक विधा में लिखते हुए रचनाकार के सामने हमेशा बहुत सी चुनौतियां होती हैं लेकिन जब व्यंग्य लेखन की बात हो तो मेरा मानना है कि आज के समय में...
View Articleफर्जी के खिलाफ मुहिम
फर्जी सम्पादक व फर्जी पत्रकार भेजे जाएंगे जेल***********************प्रस्तुति - सुरेश चौरसिस नई दिल्ली. डिजिटल मीडिया के इस युग में न्यूज़ पोर्टलों की बाढ़ सी आ गई। ज्यादातर न्यूज़ पोर्टल व यूट्यूब...
View Articleव्यंग्य पर विचार / कमलेश पाण्डेय
: व्यंग्य पर कुछ विचार- साहित्य की अन्य विधाओं के बीच व्यंग्य वैसे ही है जैसे आभिजात्य के बीच फ़क़ीरी. या फिर एक सामान्य सी भीड़ में खडा सिड़ी-सा कोई आदमी, जो लीक से ज़रा हटके ये जांचता नज़र आये कि ये भेड़ों...
View Articleव्यंग्य लेखन / विवेक रंजन श्रीवास्तव i
: वाकई किसी चीज के सीखने की कोई उम्र नहीं होती. खासकर व्यंग्य.आज का स्वाल बिलकुल ग्रुप के नाम के माफिक और हम हमेशा आपसे और समूह के बाकी साथियो से सीखने के लिए तत्पर हैं. साथी इसलिए क्योंकि जंग में कोई...
View Articleआईना -/ पूनम झा
आईना--------शाम की चाय की चुस्की लेते पत्नी ने पति से --"अजी क्या बात है काफी दिनों से आपके जिगरी दोस्त विवेक जी नहीं आये हैं ? "पति ने अनसुनी कर दी पर पत्नी मानने वाली कहाँ थी । फिर से पूछ बैठी...
View Articleव्यंग्य क्या है? / सुरेश कांत
‘व्यंग्य क्या होता है’? प्रश्न पर चार-पाँच प्रतिक्रियाएँ आईं, जो उम्मीद से ज्यादा रहीं. असल में व्यंग्य लिखना और व्यंग्य के बारे में लिखना दो अलग-अलग बातें हैं, जिन्हें एक ही व्यक्ति द्वारा लिखे जाने...
View Articleव्यंग्य परिवर्तनकामी लेखन है / राम स्वरूप दीक्षित
व्यंग्य हमारे चारों तरफ के निजी , सामाजिक , आर्थिक , राजनैतिक और धर्मिक ,सांस्कृतिक परिदृश्य में व्याप्त मानव निर्मित विसंगतियों की सूक्ष्म पड़ताल करते हुए उन पर इस तरह से वैचारिक प्रहार की रचनात्मक...
View Articleव्यंग्यकारों की नजर में व्यंग्य
व्यंग्यकारों की नजर में व्यंग्यप्रस्तुति - शैलेन्द्र किशोर जारुहारभाई किसानों को खालिस्तानी कहने पर इतना क्या बुरा मानना !!!! अरे यह तो उनकी पहचान है। अपनी पहचान से भी भला कोई चिढ़ता है।अच्छा भाई...
View Articleऐसा देश है मेरा / डॉ सुरेश कांत
ऐसा देश है मेराजैसा कि हममें से बहुत-से लोग जानते होंगे, अपने इस प्यारे देश का नाम इंडिया है और यहाँ की राष्ट्रभाषा अंग्रेजी है। कुछ सिरफिरे लोग इसे भारत या हिंदुस्तान कहकर भी पुकारते हैं और यहाँ की...
View Articleव्यंग्य के चर्चे में चर्चा
मित्रों, आज शाम को वेबिनार, आप सभी सादर आमंत्रित हैं, आपका मित्र सूची में बना रहना आपकी उपस्थिति पर निर्भर करेगा । पैनल में हैं -- बेचैन जी- बेलौस जी- बेपरवाह जी- उत्कर्ष जी- व्यथित गुरु- उद्वेलित जी-...
View Articleअधिकतम समर्थन मूल्य
आज के जनवाणी में मेरा व्यंग्य पढिए।कुछ कटौती हुई है।मूल पाठ जरूर पढ़ें।अधिकतम समर्थन मूल्य कोलंबस ने भारत को खोजते खोजते अमेरिका को ढूंढ निकाला था ।सरकार और भक्तों ने अच्छे दिन और आत्मनिर्भर भारत को...
View Articleव्यंगशाला टीका टिप्पणी -1
दोस्तो, मेरी रचना पर टिप्पणी करने वाले सभी मित्रों का आभार। उन मित्रों का भी, जो चाहते हुए भी टिप्पणी नहीं कर पाए। अंत में एक गुर देता हूँ। सही-गलत का विवेक और उसे रेखांकित करने का साहस यों तो सभी...
View Articleव्यंगशाला टीका टिप्पणी -2
उपाध्याय जी! मेरी समझ से किसी रचना के आकलन में यह देखा जाना चाहिए कि उसका सरोकार क्या है? उसमें व्यंग्य प्रवृतिपरक है या नहीं! विन्यास, शैली, कहन भंगिमा, जैसे कि आपने इंगित किया, भी महत्वपूर्ण...
View Articleव्यंगशाला -टीका टिप्पणी -3
जबलपुर मध्यप्रदेश से व्यंंग्यकार विवेक रंजन श्रीवास्तव ने पूछा है ____व्यंगशाला -प्रश्न - वर्मा जी कविता ,व्यंग्य, निबंध33333 या अन्य लेखन में से आपकी सर्वाधिक विधा कौन सी है ? इन दिनों ऐसा क्यों...
View Articleजुझारूलाल के मन की चोट* / संजीव शुक्ला
*जुझारूलाल के मन की चोट* जुझारूलाल प्रवक्ता बनना चाह रहे थे। यह उनकी दिली तमन्ना थी, बल्कि उनका तो खुला मानना था कि क्षेत्र की जनता और पार्टी का बहुमत भी उनको प्रवक्ता के रूप में देखना चाहता है। इस पद...
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